mp-high-court:-गोवंश-को-खुला-छोड़ने-वालों-पर-दर्ज-होना-चाहिए-आपराधिक-प्रकरण,-hc-ने-अनावेदकों-को-जारी-किए-नोटिस
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Wed, 11 Sep 2024 10: 28 PM IST टीकमगढ़ निवासी स्वामी देव स्वरूपानंद की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि गोवंशों की दुर्दशा से सनातनियों की आस्था को गहरी चोट पहुुंच रही है। उनके धर्म में गोवंश को माता का दर्जा मिला है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us गोवंश को खुला छोड़ने वालों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन, पशुपालन विभाग, एनएचएआई, कलेक्टर टीकमगढ़ सहित अन्य को सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की है। टीकमगढ़ निवसी स्वामी देव स्वरूपानंद की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि गोवंशों की दुर्दशा से सनातनियों की आस्था को गहरी चोट पहुुंच रही है। उनके धर्म में गोवंश को माता का दर्जा मिला है। तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का गोमाता में वास होने की मान्यता है। इसके बावजूद भी बेसहारा गोवंश यहां-वहां घूमते रहते हैं। कई बार सड़क के बीच में भी पड़े रहते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। याचिका में राहत चाही गई है कि बेसहारा गोवंश की सुरक्षा के लिए गोवंश विहार केंद्र बनाए जाए। अभ्यारण्य भी विकसित किए जा सकते हैं। इससे अपेक्षाकृत नैसर्गिक वातावरण में गोवंश न केवल सुरक्षित रहेगा, बल्कि पुष्ट भी होगा। ऐसे बाड़ों में भोजन-पानी की सुविधा मिलेगी तो गोवंश का संरक्षण-संवर्धन बेहतर हो सकेगा। हमारे पूर्वज गो-धन को सबसे बड़ा धन मानते थे। इसलिए इस दिशा में ध्यान दिया जाना अनिवार्य है। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Wed, 11 Sep 2024 10: 28 PM IST

टीकमगढ़ निवासी स्वामी देव स्वरूपानंद की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि गोवंशों की दुर्दशा से सनातनियों की आस्था को गहरी चोट पहुुंच रही है। उनके धर्म में गोवंश को माता का दर्जा मिला है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : अमर उजाला

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गोवंश को खुला छोड़ने वालों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन, पशुपालन विभाग, एनएचएआई, कलेक्टर टीकमगढ़ सहित अन्य को सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की है।

टीकमगढ़ निवसी स्वामी देव स्वरूपानंद की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि गोवंशों की दुर्दशा से सनातनियों की आस्था को गहरी चोट पहुुंच रही है। उनके धर्म में गोवंश को माता का दर्जा मिला है। तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का गोमाता में वास होने की मान्यता है। इसके बावजूद भी बेसहारा गोवंश यहां-वहां घूमते रहते हैं। कई बार सड़क के बीच में भी पड़े रहते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।

याचिका में राहत चाही गई है कि बेसहारा गोवंश की सुरक्षा के लिए गोवंश विहार केंद्र बनाए जाए। अभ्यारण्य भी विकसित किए जा सकते हैं। इससे अपेक्षाकृत नैसर्गिक वातावरण में गोवंश न केवल सुरक्षित रहेगा, बल्कि पुष्ट भी होगा। ऐसे बाड़ों में भोजन-पानी की सुविधा मिलेगी तो गोवंश का संरक्षण-संवर्धन बेहतर हो सकेगा। हमारे पूर्वज गो-धन को सबसे बड़ा धन मानते थे। इसलिए इस दिशा में ध्यान दिया जाना अनिवार्य है। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

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