mp-gazab-hai:-उज्जैन-में-एक-साल-से-कोटवार-घूम-रहा-दफ्तर-दफ्तर,-अधिकारियों-से-लगा-रहा-गुहार-मुझे-जिंदा-कर-दो
उज्जैन में कोटवार खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तर-दफ्तर भटक रहा है। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उज्जैन जिले की जनपद पंचायत तराना उज्जैन संभाग की अजब-गजब जनपद है, जहां नित-नए किस्से सामने आते हैं। कुछ दिन पहले फर्जी बीपीएल कार्ड का मामला सामने आया था। अब यहां ग्राम कोटवार को समग्र आईडी में पिछले एक साल से मृत घोषित कर रखा है। इस वजह से ग्राम कोटवार को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी कागजातों में मृत होने के बाद भी इस ग्राम कोटवार ने एक साल तक नौकरी की। सरकार से ही वेतन भी लिया। फिर भी वह सरकारी कागजातों में जिंदा नहीं हो सका। अब सरकारी कार्यालयों में अपने जिंदा होने के सबूत लेकर चक्कर लगा रहा है। उज्जैन जिले की तराना तहसील के ग्राम पंचायत काथड़ी के ग्राम कोटवार अंबाराम अमजोरिया के साथ यह सब कुछ हुआ है। अंबाराम का कहना है कि जनपद पंचायत तराना ने मेरी समग्र आईडी में मुझे 2019 में मृत घोषित कर दिया। मैंने अगस्त 2022 तक ग्राम कोटवार का कार्य किया है। इसकी मुझे तनख्वाह भी मिली है।  जनपद पंचायत तराना ने ही अपने ग्राम कोटवार को मृत घोषित कर रखा है। ग्राम कोटवार अंबाराम अमजोरिया जनपद पंचायत का बनाया अपना मृत्यु प्रमाण पत्र भी जिंदा होने के बाद साथ लेकर घूमते हैं। 21 अक्टूबर 2019 को जनपद पंचायत ने मृत घोषित किया था। अंबाराम बताते हैं कि मैं मृत घोषित हो गया हूं। इसका पता मुझे तब चला जब मैं वृद्धावस्था पेंशन का आवेदन करने के लिए गया। अगस्त 2022 में ग्राम कोटवार के पद से सेवानिवृत्त हो चुका हूं तथा वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र है। ऑनलाइन देखा तो सिर्फ मेरी पत्नी की समग्र आईडी निकल रही थी। इस संबंध में मैंने ग्राम पंचायत सचिव से जानना चाहा तो उन्होंने मुझे जनपद पंचायत तराना जाने को कहा। यह भी कहा कि आप की आईडी में जनपद पंचायत ने कुछ करेक्शन किया है। मैंने नवीन आईडी निकाली तो उसमें मुझे मृत घोषित किया और जनपद पंचायत से अपना मृत्यु प्रमाण पत्र निकाला तो मुझे पूरी जानकारी हुई। इस संबंध में मैंने जनपद पंचायत सीईओ को आवेदन दिया। तब मैडम ने मुझे बाबू की टेबल पर भेज दिया। एक साल से मैं कई दफ्तरों के चक्कर काट चुका हूं। किसी ने भी मेरी सुध नहीं ली। जनपद पंचायत सीईओ डॉली श्रीवास्तव ने कहा कि इस संबंध में मुझे पता नहीं है। मैं मामले की जांच करवाती हूं। 

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

उज्जैन में कोटवार खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तर-दफ्तर भटक रहा है। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

उज्जैन जिले की जनपद पंचायत तराना उज्जैन संभाग की अजब-गजब जनपद है, जहां नित-नए किस्से सामने आते हैं। कुछ दिन पहले फर्जी बीपीएल कार्ड का मामला सामने आया था। अब यहां ग्राम कोटवार को समग्र आईडी में पिछले एक साल से मृत घोषित कर रखा है। इस वजह से ग्राम कोटवार को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

सरकारी कागजातों में मृत होने के बाद भी इस ग्राम कोटवार ने एक साल तक नौकरी की। सरकार से ही वेतन भी लिया। फिर भी वह सरकारी कागजातों में जिंदा नहीं हो सका। अब सरकारी कार्यालयों में अपने जिंदा होने के सबूत लेकर चक्कर लगा रहा है। उज्जैन जिले की तराना तहसील के ग्राम पंचायत काथड़ी के ग्राम कोटवार अंबाराम अमजोरिया के साथ यह सब कुछ हुआ है। अंबाराम का कहना है कि जनपद पंचायत तराना ने मेरी समग्र आईडी में मुझे 2019 में मृत घोषित कर दिया। मैंने अगस्त 2022 तक ग्राम कोटवार का कार्य किया है। इसकी मुझे तनख्वाह भी मिली है। 

जनपद पंचायत तराना ने ही अपने ग्राम कोटवार को मृत घोषित कर रखा है। ग्राम कोटवार अंबाराम अमजोरिया जनपद पंचायत का बनाया अपना मृत्यु प्रमाण पत्र भी जिंदा होने के बाद साथ लेकर घूमते हैं। 21 अक्टूबर 2019 को जनपद पंचायत ने मृत घोषित किया था। अंबाराम बताते हैं कि मैं मृत घोषित हो गया हूं। इसका पता मुझे तब चला जब मैं वृद्धावस्था पेंशन का आवेदन करने के लिए गया। अगस्त 2022 में ग्राम कोटवार के पद से सेवानिवृत्त हो चुका हूं तथा वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र है। ऑनलाइन देखा तो सिर्फ मेरी पत्नी की समग्र आईडी निकल रही थी। इस संबंध में मैंने ग्राम पंचायत सचिव से जानना चाहा तो उन्होंने मुझे जनपद पंचायत तराना जाने को कहा। यह भी कहा कि आप की आईडी में जनपद पंचायत ने कुछ करेक्शन किया है। मैंने नवीन आईडी निकाली तो उसमें मुझे मृत घोषित किया और जनपद पंचायत से अपना मृत्यु प्रमाण पत्र निकाला तो मुझे पूरी जानकारी हुई। इस संबंध में मैंने जनपद पंचायत सीईओ को आवेदन दिया। तब मैडम ने मुझे बाबू की टेबल पर भेज दिया। एक साल से मैं कई दफ्तरों के चक्कर काट चुका हूं। किसी ने भी मेरी सुध नहीं ली। जनपद पंचायत सीईओ डॉली श्रीवास्तव ने कहा कि इस संबंध में मुझे पता नहीं है। मैं मामले की जांच करवाती हूं। 

Posted in MP