mp-election:-सिंगरौली-की-देवसर-सीट-पर-परिवार-की-जंग,-80-साल-के-नाना-को-टक्कर-दे-रहीं-उन्हीं-की-नातिन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 03 Nov 2023 07: 46 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें सिंगरौली में परिवार के बीच ही चुनावी जंग देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवार वंशमणि प्रसाद वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी से वंशमणि की नातिन डॉक्टर सुषमा प्रजापति भी चुनावी मैदान के दंगल में कूद गई हैं।  सिंगरौली में नाना-नातिन में मुकाबला हो रहा है। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनावी सरगर्मी के बीच सिंगरौली जिले की देवसर विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है, 80 साल के नाना और 27 साल की नातिन के बीच। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवार वंशमणि प्रसाद वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी से वंशमणि की नातिन डॉक्टर सुषमा प्रजापति भी चुनावी मैदान के दंगल में कूद गई हैं। डॉक्टर सुषमा सबसे कम उम्र की महिला प्रत्याशी हैं, जो विधायक बनने की चाह में डॉक्टरी पेशे से अब विधायक बनने की सफर में निकल पड़ी है, डॉक्टर सुषमा ने अमर उजाला की टीम से खास बातचीत में राजनीति में आने की यह वजह बताई।  डॉक्टर सुषमा प्रजापति ने कहा कि पिछले कई वर्षों से उनके पिता डॉक्टर एचएल प्रजापति डॉक्टरी पेशे के साथ-साथ राजनीति में भी थे, जनपद पंचायत अध्यक्ष भी रहे। 2018 की विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन कुछ लोगों की वजह से उन्हें राजनीति का शिकार होना पड़ा। उनके ऊपर कई मुकदमे में लाद दिए गए। जिस वजह से अब वे चुनाव नही लड़ सकते, इसलिए पिता जी मुझे राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। मैं पेशे से एक डॉक्टर हूं और अब अपने पेशे के साथ राजनीति भी करना चाहती हूं। इसलिए विधानसभा का चुनाव लड़ रही हूं। यहां बेरोजगारी, प्रदूषण और ज्वलंत मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही हूं और उनका आशीर्वाद मांग रही हूं। देवसर विधानसभा सीट से ही हमारे नाना वंशमणि वर्मा भी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं और मैं भी समाजवादी पार्टी से लड़ रही हूं, जनता का आशीर्वाद हमे जरूर मिलेगा। बता दें कि सिंगरौली जिले की देवसर विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा ने मौजूदा विधायक सुभाष वर्मा का टिकट काटकर राजेन्द्र मेश्राम को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने वंशमणि वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। वे आठवीं बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 80 साल के वर्मा ने पहली बार 1977 में चुनावी ताल ठोकी थी। वो तीन बार विधायक रह चुके हैं। 1980 और 1993 में कांग्रेस और फिर 2003 में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में वंशमणि मंत्री रह चुके हैं।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 03 Nov 2023 07: 46 PM IST

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सिंगरौली में परिवार के बीच ही चुनावी जंग देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवार वंशमणि प्रसाद वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी से वंशमणि की नातिन डॉक्टर सुषमा प्रजापति भी चुनावी मैदान के दंगल में कूद गई हैं।  सिंगरौली में नाना-नातिन में मुकाबला हो रहा है। – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनावी सरगर्मी के बीच सिंगरौली जिले की देवसर विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है, 80 साल के नाना और 27 साल की नातिन के बीच। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा उम्र के उम्मीदवार वंशमणि प्रसाद वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी से वंशमणि की नातिन डॉक्टर सुषमा प्रजापति भी चुनावी मैदान के दंगल में कूद गई हैं। डॉक्टर सुषमा सबसे कम उम्र की महिला प्रत्याशी हैं, जो विधायक बनने की चाह में डॉक्टरी पेशे से अब विधायक बनने की सफर में निकल पड़ी है, डॉक्टर सुषमा ने अमर उजाला की टीम से खास बातचीत में राजनीति में आने की यह वजह बताई। 

डॉक्टर सुषमा प्रजापति ने कहा कि पिछले कई वर्षों से उनके पिता डॉक्टर एचएल प्रजापति डॉक्टरी पेशे के साथ-साथ राजनीति में भी थे, जनपद पंचायत अध्यक्ष भी रहे। 2018 की विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन कुछ लोगों की वजह से उन्हें राजनीति का शिकार होना पड़ा। उनके ऊपर कई मुकदमे में लाद दिए गए। जिस वजह से अब वे चुनाव नही लड़ सकते, इसलिए पिता जी मुझे राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। मैं पेशे से एक डॉक्टर हूं और अब अपने पेशे के साथ राजनीति भी करना चाहती हूं। इसलिए विधानसभा का चुनाव लड़ रही हूं। यहां बेरोजगारी, प्रदूषण और ज्वलंत मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही हूं और उनका आशीर्वाद मांग रही हूं। देवसर विधानसभा सीट से ही हमारे नाना वंशमणि वर्मा भी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं और मैं भी समाजवादी पार्टी से लड़ रही हूं, जनता का आशीर्वाद हमे जरूर मिलेगा।

बता दें कि सिंगरौली जिले की देवसर विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा ने मौजूदा विधायक सुभाष वर्मा का टिकट काटकर राजेन्द्र मेश्राम को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने वंशमणि वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। वे आठवीं बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 80 साल के वर्मा ने पहली बार 1977 में चुनावी ताल ठोकी थी। वो तीन बार विधायक रह चुके हैं। 1980 और 1993 में कांग्रेस और फिर 2003 में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में वंशमणि मंत्री रह चुके हैं। 

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