mp-congress:-नर्सिंग-घोटाले-का-मुद्दा-संसद-में-उठाने-की-तैयारी,-दस्तावेज-लेकर-दिल्ली-पहुंचे-व्हिस्लब्लोअर
दिल्ली पहुंचे व्हिस्लब्लोअर - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले का मुद्दा मध्यप्रदेश में तेजी से गूंज रहा है। विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस इसे मुद्दे को तेजी से उठाने वाली है। इसके लिए कांग्रेस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। उधर, नर्सिंग घोटाले के व्हिस्लब्लोअर रवि परमार भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज लेकर दिल्ली पहुंच चुके हैं। यहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर संसद में यह मुद्दा उठाने की आग्रह की है। एनएसयूआई नेता रवि परमार नर्सिंग घोटाले से जुड़े दस्तावेज लेकर लेकर सोमवार से दिल्ली में हैं। उन्होंने दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरूण चौधरी वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से मुलाकात कर नर्सिंग घोटाले के मुद्दे को कांग्रेस सांसदो के माध्यम से लोकसभा में उठाने का आग्रह किया। परमार ने AICC मुख्यालय में पार्टी के अन्य सीनियर नेताओं से भी मुलाकात की और उन्हें हाई प्रोफाइल नर्सिंग घोटाले से अवगत कराया। नर्सिंग घोटाले की बिंदुबार की जानकारी रवि परमार ने वरूण चौधरी और दिग्विजय सिंह समेत अन्य पार्टी नेताओं को मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कालेज महाघोटाले की बिन्दुवार जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की भाजपा सरकार में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिकारियों और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के अधिकारियों की मिली-भगत से किस तरह नर्सिंग महाघोटाले को अंजाम दिया गया। परमार ने बताया कि प्रदेश में लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं के भविष्य के खिलवाड़ किया गया है। हम उनके हक की लड़ाई निरंतर लड़ रहे हैं। वहीं, सरकार नर्सिंग घोटाले के आरोपियों को बचाने की कोशिश में जुटी हुई। लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी। 66 हज़ार स्टूडेंट्स का अभी तक नहीं आया रिजल्ट परमार ने बताया कि मप्र में शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में 2022 में प्रवेश के लिए प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (पीएनसीटी) की परीक्षा जुलाई 2023 में आयोजित करवाई गई थी, जिसमें 66 हज़ार स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। लेकिन आज तक उसका परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया। वहीं, शासकीय नर्सिंग कॉलेजों से पढ़ाई करने वाली छात्राओं को पढ़ाई के बाद नियम अनुसार शासकीय नौकरी दी जानी थी। लेकिन 18 महीने बीतने के बाद भी उनको ज्वाइनिंग नहीं दी गई। सभी तरफ से छात्र-छात्राएं परेशान हैं। परमार ने पार्टी नेताओं को बताया कि नर्सिंग महाघोटाला व्यापम से भी बड़ा है और इसके तार न सिर्फ तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बल्कि वर्तमान के केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी जुड़े हुए हैं।

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दिल्ली पहुंचे व्हिस्लब्लोअर – फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले का मुद्दा मध्यप्रदेश में तेजी से गूंज रहा है। विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस इसे मुद्दे को तेजी से उठाने वाली है। इसके लिए कांग्रेस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। उधर, नर्सिंग घोटाले के व्हिस्लब्लोअर रवि परमार भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज लेकर दिल्ली पहुंच चुके हैं। यहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर संसद में यह मुद्दा उठाने की आग्रह की है।

एनएसयूआई नेता रवि परमार नर्सिंग घोटाले से जुड़े दस्तावेज लेकर लेकर सोमवार से दिल्ली में हैं। उन्होंने दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरूण चौधरी वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से मुलाकात कर नर्सिंग घोटाले के मुद्दे को कांग्रेस सांसदो के माध्यम से लोकसभा में उठाने का आग्रह किया। परमार ने AICC मुख्यालय में पार्टी के अन्य सीनियर नेताओं से भी मुलाकात की और उन्हें हाई प्रोफाइल नर्सिंग घोटाले से अवगत कराया।

नर्सिंग घोटाले की बिंदुबार की जानकारी
रवि परमार ने वरूण चौधरी और दिग्विजय सिंह समेत अन्य पार्टी नेताओं को मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कालेज महाघोटाले की बिन्दुवार जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की भाजपा सरकार में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिकारियों और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के अधिकारियों की मिली-भगत से किस तरह नर्सिंग महाघोटाले को अंजाम दिया गया। परमार ने बताया कि प्रदेश में लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं के भविष्य के खिलवाड़ किया गया है। हम उनके हक की लड़ाई निरंतर लड़ रहे हैं। वहीं, सरकार नर्सिंग घोटाले के आरोपियों को बचाने की कोशिश में जुटी हुई। लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

66 हज़ार स्टूडेंट्स का अभी तक नहीं आया रिजल्ट
परमार ने बताया कि मप्र में शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में 2022 में प्रवेश के लिए प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (पीएनसीटी) की परीक्षा जुलाई 2023 में आयोजित करवाई गई थी, जिसमें 66 हज़ार स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। लेकिन आज तक उसका परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया। वहीं, शासकीय नर्सिंग कॉलेजों से पढ़ाई करने वाली छात्राओं को पढ़ाई के बाद नियम अनुसार शासकीय नौकरी दी जानी थी। लेकिन 18 महीने बीतने के बाद भी उनको ज्वाइनिंग नहीं दी गई। सभी तरफ से छात्र-छात्राएं परेशान हैं। परमार ने पार्टी नेताओं को बताया कि नर्सिंग महाघोटाला व्यापम से भी बड़ा है और इसके तार न सिर्फ तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग बल्कि वर्तमान के केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी जुड़े हुए हैं।

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