mp-budget:-देवड़ा-‘सागर-की-छाती-चीरने’-से-हुए-शुरू,-कांग्रेस-के-शोर-के-बीच-कैलाश-बोले-‘छा-गई-मोहन-सरकार’
अमर उजाला, न्यूज डेस्क, भोपाल Published by: दिनेश शर्मा Updated Wed, 03 Jul 2024 04: 42 PM IST मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने एक घंटे 35 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत ही शेरो-शायरी से की। इस बीच उन्हें संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का खूब साथ मिला।  उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश किया - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने गुरुवार को डॉ. मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। अपने चौथे बजट भाषण में देवड़ा को कांग्रेस विधायकों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस बीच उन्हें संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का खूब साथ मिला। बीच-बीच में विजयवर्गीय कहते सुने गए कि “छा गई मोहन सरकार!” “इतनी घोषणाओं के लिए आखिर कहां से लाए हो इतना पैसा?” शोर-शराबे के बीच हुए बजट भाषण के दौरान विजयवर्गीय की टिप्पणियां सुनकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मुस्कराते नजर आए।  देवड़ा ने अपने एक घंटे 35 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत ही शेरो-शायरी से की। उन्होंने कहा- “सबल भुजाओं में लक्षित है, नौका भी पतवार, चीर चलें सागर की छाती, पार करें मझधार।” इस बीच, कांग्रेस के विधायक नर्सिंग घोटाले को लेकर तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे। देवड़ा के भाषण शुरू करते ही कुछ विधायक आसंदी के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। देवड़ा को बोलने से रोकने की कोशिश की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी विपक्षी सदस्यों को सदन की परंपरा का हवाला देते हुए जगह पर लौटने की अपील करते नजर आए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी विश्वास सारंग को बर्खास्त करने की मांग करते नजर आए। बजट भाषण खत्म होने तक यह सिलसिला जारी रहा। किसानों से लेकर नशामुक्ति तक  देवड़ा ने खेती-किसानी से जुड़े प्रावधानों पर बोलते हुए भी कविता की दो पंक्तियां सुना दी। उन्होंने कहा, “कल के नये सबेरे हम हैं, धरती की संतान हैं, श्रम से हम तकदीर बदलते, मानवता के अभिमान हैं।’’ इसके बाद जब बारी मोहन यादव सरकार के नशामुक्त भारत अभियान की बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेहनत की राह पर चलते रहेंगे, गरीबी के अंधेरे को, रोशनी में बदलते रहेंगे।” बजट बनाने की दुष्करता भी समझाई  देवड़ा ने कहा कि  'बजट' को तैयार करना पक्षियों द्वारा घोंसला बनाने की प्रक्रिया जैसा है: 'वह ढेर सारे तिनकों, बहुत सारी मेहनत और अखंडित लगन से बनाती है, एक घोंसला, जिसमें वह पालती है, अपने नौनिहालों को, और मांगती है दुआ कि, उसके अपने बच्चे सुरक्षित रहें, सुख से रहें।' सुनहरे भविष्य की कामना के साथ समापन देवड़ा ने बजट भाषण समाप्त होने से पहले प्रदेश के लिए कामना की कि- 'हर दिन, सुदिन, हर मास, मधुमास हो, हर घड़ी, हर पल, हदय में परम हर्ष, उल्लास हो। जिंदगी प्यार से भरी हो, परस्पर स्नेह हो, सद्भाव हो, हर कदम पर नई आशा, नया विश्वास हो।'  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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अमर उजाला, न्यूज डेस्क, भोपाल Published by: दिनेश शर्मा Updated Wed, 03 Jul 2024 04: 42 PM IST

मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने एक घंटे 35 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत ही शेरो-शायरी से की। इस बीच उन्हें संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का खूब साथ मिला।  उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश किया – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने गुरुवार को डॉ. मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। अपने चौथे बजट भाषण में देवड़ा को कांग्रेस विधायकों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस बीच उन्हें संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का खूब साथ मिला। बीच-बीच में विजयवर्गीय कहते सुने गए कि “छा गई मोहन सरकार!” “इतनी घोषणाओं के लिए आखिर कहां से लाए हो इतना पैसा?” शोर-शराबे के बीच हुए बजट भाषण के दौरान विजयवर्गीय की टिप्पणियां सुनकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मुस्कराते नजर आए। 

देवड़ा ने अपने एक घंटे 35 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत ही शेरो-शायरी से की। उन्होंने कहा- “सबल भुजाओं में लक्षित है, नौका भी पतवार, चीर चलें सागर की छाती, पार करें मझधार।” इस बीच, कांग्रेस के विधायक नर्सिंग घोटाले को लेकर तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे। देवड़ा के भाषण शुरू करते ही कुछ विधायक आसंदी के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। देवड़ा को बोलने से रोकने की कोशिश की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी विपक्षी सदस्यों को सदन की परंपरा का हवाला देते हुए जगह पर लौटने की अपील करते नजर आए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी विश्वास सारंग को बर्खास्त करने की मांग करते नजर आए। बजट भाषण खत्म होने तक यह सिलसिला जारी रहा।

किसानों से लेकर नशामुक्ति तक 
देवड़ा ने खेती-किसानी से जुड़े प्रावधानों पर बोलते हुए भी कविता की दो पंक्तियां सुना दी। उन्होंने कहा, “कल के नये सबेरे हम हैं, धरती की संतान हैं, श्रम से हम तकदीर बदलते, मानवता के अभिमान हैं।’’ इसके बाद जब बारी मोहन यादव सरकार के नशामुक्त भारत अभियान की बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेहनत की राह पर चलते रहेंगे, गरीबी के अंधेरे को, रोशनी में बदलते रहेंगे।”

बजट बनाने की दुष्करता भी समझाई 
देवड़ा ने कहा कि  ‘बजट’ को तैयार करना पक्षियों द्वारा घोंसला बनाने की प्रक्रिया जैसा है: ‘वह ढेर सारे तिनकों, बहुत सारी मेहनत और अखंडित लगन से बनाती है, एक घोंसला, जिसमें वह पालती है, अपने नौनिहालों को, और मांगती है दुआ कि, उसके अपने बच्चे सुरक्षित रहें, सुख से रहें।’

सुनहरे भविष्य की कामना के साथ समापन
देवड़ा ने बजट भाषण समाप्त होने से पहले प्रदेश के लिए कामना की कि- ‘हर दिन, सुदिन, हर मास, मधुमास हो, हर घड़ी, हर पल, हदय में परम हर्ष, उल्लास हो। जिंदगी प्यार से भरी हो, परस्पर स्नेह हो, सद्भाव हो, हर कदम पर नई आशा, नया विश्वास हो।’ 

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