mp-bjp-list:-धुर्वे-की-तैयारी-डिंडौरी-से;-नाम-तय-हुआ-शहपुरा-विधानसभा-से,-कहा-हाईकमान-के-सामने-रखूंगा-अपनी-बात
ओमप्रकाश धुर्वे को शहपुरा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया गया है। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने पहली सूची गुरुवार को जारी कर दी। इसमें सबसे पहला नाम कद्दावर आदिवासी नेता ओमप्रकाश धुर्वे का है। उन्हें पार्टी ने शहपुरा विधानसभा से उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि इस फैसले से धुर्वे नाराज दिख रहे हैं। वे बीते एक साल से डिंडौरी विधानसभा से तैयारी कर रहे थे। हालांकि उन्होंने हाईकमान से बात करने की बात कही है।  भाजपा की पहली सूची आते ही कहीं खुशी तो कहीं मायूसी नजर आ रही है। मायूसी इस बात की भी कि कहीं कोई और दावेदारी कर रहा था और नाम किसी और का सामने आ गया है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे ने भी ज्यादा खुश नजर नहीं आए। धुर्वे का बयान सामने आया है कि कि डिंडोरी विधानसभा से लड़ना चाहता था चुनाव। लेकिन शहपुरा से नाम तय किया गया है। हालांकि उन्होंने भरोसा जताने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं का भी आभार माना है। बता दें कि वे पिछले 2018 विधानसभा चुनाव में शहपुरा से तीस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार चुके थे। ओमप्रकाश धुर्वे का कहना है कि हाईकमान के सामने अपनी बात रखूंगा। मीडिया से बातचीत के दौरान धुर्वे का कहना है कि वे डिंडोरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें डिंडोरी विधानसभा से टिकट देगी। इसे लेकर वो पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखेंगे।  शहपुरा से 2013 में जीत चुके धुर्वे बता दें कि ओमप्रकाश धुर्वे को शहपुरा विधानसभा से बीजेपी ने पहली बार 2013 में प्रत्याशी घोषित किया था, तब ओमप्रकाश धुर्वे ने कांग्रेस प्रत्याशी राज्यमंत्री गंगा बाई उरेती को हराया था और 2018 के विधानसभा चुनाव में कैबिनेट मंत्री रहते हुए ओमप्रकाश धुर्वे तीस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गये थे। 2018 विधानसभा चुनाव में शहपुरा में कांग्रेस के युवा प्रत्याशी भूपेंद्र मरावी ने कैबिनेट मंत्री रहे धुर्वे को चुनाव हराकर सबको चौंका दिया था। शहपुरा विधानसभा चुनाव हारने के बाद धुर्वे दोबारा अपनी पुरानी विधानसभा सीट डिंडोरी में सक्रिय थे और चुनाव की तैयारी कर रहे थे।  गौरतलब है कि ओमप्रकाश धुर्वे डिंडोरी विधानसभा के रहने वाले हैं और 2013 के पहले वे डिंडोरी एवं परिसीमन के पहले बजाग विधानसभा से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2003 उमा भारती सरकार में बजाग विधानसभा से जीतने के बाद धुर्वे कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं एवं 2008 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार मरकाम से हारने के बाद पार्टी ने उन्हें डिंडोरी के बजाय शहपुरा से अपना प्रत्याशी बनाते आ रहीं है।

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ओमप्रकाश धुर्वे को शहपुरा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया गया है। – फोटो : सोशल मीडिया

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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने पहली सूची गुरुवार को जारी कर दी। इसमें सबसे पहला नाम कद्दावर आदिवासी नेता ओमप्रकाश धुर्वे का है। उन्हें पार्टी ने शहपुरा विधानसभा से उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि इस फैसले से धुर्वे नाराज दिख रहे हैं। वे बीते एक साल से डिंडौरी विधानसभा से तैयारी कर रहे थे। हालांकि उन्होंने हाईकमान से बात करने की बात कही है। 

भाजपा की पहली सूची आते ही कहीं खुशी तो कहीं मायूसी नजर आ रही है। मायूसी इस बात की भी कि कहीं कोई और दावेदारी कर रहा था और नाम किसी और का सामने आ गया है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे ने भी ज्यादा खुश नजर नहीं आए। धुर्वे का बयान सामने आया है कि कि डिंडोरी विधानसभा से लड़ना चाहता था चुनाव। लेकिन शहपुरा से नाम तय किया गया है। हालांकि उन्होंने भरोसा जताने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं का भी आभार माना है। बता दें कि वे पिछले 2018 विधानसभा चुनाव में शहपुरा से तीस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार चुके थे। ओमप्रकाश धुर्वे का कहना है कि हाईकमान के सामने अपनी बात रखूंगा। मीडिया से बातचीत के दौरान धुर्वे का कहना है कि वे डिंडोरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें डिंडोरी विधानसभा से टिकट देगी। इसे लेकर वो पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखेंगे। 

शहपुरा से 2013 में जीत चुके धुर्वे
बता दें कि ओमप्रकाश धुर्वे को शहपुरा विधानसभा से बीजेपी ने पहली बार 2013 में प्रत्याशी घोषित किया था, तब ओमप्रकाश धुर्वे ने कांग्रेस प्रत्याशी राज्यमंत्री गंगा बाई उरेती को हराया था और 2018 के विधानसभा चुनाव में कैबिनेट मंत्री रहते हुए ओमप्रकाश धुर्वे तीस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गये थे। 2018 विधानसभा चुनाव में शहपुरा में कांग्रेस के युवा प्रत्याशी भूपेंद्र मरावी ने कैबिनेट मंत्री रहे धुर्वे को चुनाव हराकर सबको चौंका दिया था। शहपुरा विधानसभा चुनाव हारने के बाद धुर्वे दोबारा अपनी पुरानी विधानसभा सीट डिंडोरी में सक्रिय थे और चुनाव की तैयारी कर रहे थे। 

गौरतलब है कि ओमप्रकाश धुर्वे डिंडोरी विधानसभा के रहने वाले हैं और 2013 के पहले वे डिंडोरी एवं परिसीमन के पहले बजाग विधानसभा से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2003 उमा भारती सरकार में बजाग विधानसभा से जीतने के बाद धुर्वे कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं एवं 2008 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार मरकाम से हारने के बाद पार्टी ने उन्हें डिंडोरी के बजाय शहपुरा से अपना प्रत्याशी बनाते आ रहीं है।

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