mp:-सरकारी-स्कूल-में-'जाति-की-पाठशाला'…बच्चों-को-दूर-से-फेंक-कर-दिया-जा-रहा-खाना,-नल-से-पानी-भी-नहीं-पी-सकते
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पन्ना Published by: उदित दीक्षित Updated Wed, 17 Jul 2024 01: 38 PM IST पन्ना जिले में स्कूली बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव करने का आरोप शिक्षक सीताराम अहिरवार पर लगा है। परिजनों ने मामले की शिकायत सरपंच से की है। शिकायतकर्ता का कहना है उनके बच्चों को सार्वजनिक नल से पानी पीने नहीं दिया जाता। विद्यालय में झाड़ू लगवाने और शौचालय में पानी डलवाने का काम कराया जाता है। डीपीसी अजय गुप्ता ने कहा जांच के बाद कार्रवाई करेंगे। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की ग्राम पंचायत पिष्टा के देवपुर प्राथमिक विद्यालय में जातिगत भेदभाव और अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। स्कूल में शिक्षक के द्वारा बच्चों के साथ जाति के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। बच्चों को अलग-अलग बैठाया जा रहा, सार्वजनिक नल से पानी पीने पर रोका जा रहा है और स्कूल में झाड़ू-पोछा करने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है। यहां तक कि बच्चों को दूर से फेंक खाना दिया जाता है। बच्चों के परिजनों ने इस मामले की शिकायत सरपंच से है। अमर उजाला के प्रतिनिध ने स्कूल का दौरा कर बच्चों और परिजनों से बात की तो उन्होंने शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए। प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले में जांच की बात कही है।     स्कूली बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव करने का आरोप शिक्षक सीताराम अहिरवार पर लगा है। जिसकी शिकायत बच्चों के परिजनों रामाधीन बसोर, राजू बसोर, कमलू बसोर, गुरुचरण बसोर, छोटे और भूरा बसोर समेत अन्य ने सरपंच से की है। शिकायतकर्ता परिजनों का कहना है उनके बच्चों को स्कूल में अन्य समाज के बच्चों से अलग बैठाया जाता है। सार्वजनिक नल से पानी पीने नहीं दिया जाता। विद्यालय में झाड़ू लगवाने और शौचालय में पानी डलवाने का काम कराया जाता है। मध्यान भोजन के दौरान उनके बच्चों को अन्य बच्चों से दूर बैठाकर रोटी फेंककर दी जाती है और खाने के बाद थाली भी धुलवाई जाती है। उन्होंने कहा कि इस व्यवहार के कारण उनके बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं। लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण मजबूरी में उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाना पड़ रहा है। जांच के बाद कार्रवाई करेंगे   डीपीसी अजय गुप्ता ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी, जिसमें दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शिक्षक सीताराम अहिरवार ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए मुद्दे को भटकाने की कोशिश की।   रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पन्ना Published by: उदित दीक्षित Updated Wed, 17 Jul 2024 01: 38 PM IST

पन्ना जिले में स्कूली बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव करने का आरोप शिक्षक सीताराम अहिरवार पर लगा है। परिजनों ने मामले की शिकायत सरपंच से की है। शिकायतकर्ता का कहना है उनके बच्चों को सार्वजनिक नल से पानी पीने नहीं दिया जाता। विद्यालय में झाड़ू लगवाने और शौचालय में पानी डलवाने का काम कराया जाता है। डीपीसी अजय गुप्ता ने कहा जांच के बाद कार्रवाई करेंगे। – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की ग्राम पंचायत पिष्टा के देवपुर प्राथमिक विद्यालय में जातिगत भेदभाव और अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। स्कूल में शिक्षक के द्वारा बच्चों के साथ जाति के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। बच्चों को अलग-अलग बैठाया जा रहा, सार्वजनिक नल से पानी पीने पर रोका जा रहा है और स्कूल में झाड़ू-पोछा करने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है। यहां तक कि बच्चों को दूर से फेंक खाना दिया जाता है। बच्चों के परिजनों ने इस मामले की शिकायत सरपंच से है। अमर उजाला के प्रतिनिध ने स्कूल का दौरा कर बच्चों और परिजनों से बात की तो उन्होंने शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए। प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले में जांच की बात कही है। 

  
स्कूली बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव करने का आरोप शिक्षक सीताराम अहिरवार पर लगा है। जिसकी शिकायत बच्चों के परिजनों रामाधीन बसोर, राजू बसोर, कमलू बसोर, गुरुचरण बसोर, छोटे और भूरा बसोर समेत अन्य ने सरपंच से की है। शिकायतकर्ता परिजनों का कहना है उनके बच्चों को स्कूल में अन्य समाज के बच्चों से अलग बैठाया जाता है। सार्वजनिक नल से पानी पीने नहीं दिया जाता। विद्यालय में झाड़ू लगवाने और शौचालय में पानी डलवाने का काम कराया जाता है। मध्यान भोजन के दौरान उनके बच्चों को अन्य बच्चों से दूर बैठाकर रोटी फेंककर दी जाती है और खाने के बाद थाली भी धुलवाई जाती है। उन्होंने कहा कि इस व्यवहार के कारण उनके बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं। लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण मजबूरी में उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाना पड़ रहा है।

जांच के बाद कार्रवाई करेंगे  
डीपीसी अजय गुप्ता ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी, जिसमें दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शिक्षक सीताराम अहिरवार ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए मुद्दे को भटकाने की कोशिश की।  

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