mp:-संशोधन-से-पहले-बंदर-बांट,-निशाने-पर-वक्फ-की-100-करोड़-की-प्रॉपर्टी;-कई-नुमाइंदे-इस-गोरखधंधे-में-शामिल
संशोधन से पहले बंदर बांट - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मामला प्रदेश की कमर्शियल कैपिटल इंदौर के पॉश इलाके एमआर 10 पर स्थित एक वक्फ प्रॉपर्टी से जुड़ा है। स्टार चौराहा के करीब स्थित कोकिला बैन हॉस्पिटल के सामने और एडवांस एकेडमी के करीब स्थित खसरा नंबर 170 की करीब 0.405 हेक्टेयर इस जमीन की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा आंकी जाती है। सूत्रों का कहना है कि बारिश के इस मौसम में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि इस वक्फ संपत्ति पर बरसों से अदालत का स्टे मौजूद है। खजराना क्षेत्र के भू माफिया और वक्फ जायदाद को नुकसान पहुंचाने में लंबे समय से सक्रिय नासिर शाह, रहमान शाह, शाहिद शाह, नासिर खान उर्फ नस्सू के इस कुत्सित प्रयास की शिकायत थाना लसूडिया में दर्ज कराई गई है। जिला वक्फ कमेटी के सचिव साजिद रॉयल आदि ने अपनी शिकायत में कहा है कि अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद यह अवैध कब्जा किया जा रहा है। जबकि नासिर शाह ने अपनी सफाई में इस जमीन के जरूरी दस्तावेज उपलब्ध होने की बात कही है। एक रुपए पर हो गई थी लीज सूत्रों का कहना है कि मप्र वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मरहूम गुफरान-ए-आजम ने वक्फ दरगाह गैबशाह की इस एक एकड़ जमीन की लीज एडवांस एकेडमी को की थी। तत्कालीन बोर्ड सीइओ एसयू सैयद के हस्ताक्षर से हुई इस डील में एडवांस एकेडमी को महज एक रुपए किराए पर यह जमीन दी गई थी। बताया जाता है कि वर्ष 2015 के दौरान तत्कालीन बोर्ड ने इस लीज को खत्म कर दिया था। लेकिन बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ एडवांस एकेडमी ने अदालत से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। तभी से यह मामला अटका हुआ है। जिसके चलते न तो एडवांस एकेडमी इस जमीन पर कोई निर्माण कर सकती है और न ही बोर्ड इसकी लीज किसी अन्य को कर सकती है। बोर्ड ने की यह गलती वक्फ कानून के जानकार बताते हैं कि अदालत से मिले हुए स्टे की एक समय सीमा निर्धारित होती है। जिसके बाद बोर्ड अदालत में जाकर इस स्टे को वैकेट करा सकता था। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बोर्ड द्वारा अधिकृत किए जाने वाले अधिकांश वकील बोर्ड को फायदा दिलाने की बजाए विरोधी पक्ष के साथ खड़े हो जाते हैं और उन्हें बोर्ड के खिलाफ फायदा दिला देते हैं। कमोबेश इन्हीं हालात के चलते एडवांस एकेडमी को मिले स्टे को वेकेट कराने की न तो कोशिश की गई और न ही इस बेशकीमती जमीन को दोबारा वक्फ बोर्ड के आधिपत्य में लाने के प्रयास ही किए गए। सूत्र यह भी कहते हैं कि अनाधिकृत तरीके से किए जा रहे इस काम को रोकने के लिए बोर्ड वक्फ अभिकरण(ट्रिब्यूनल) में जाकर स्थगन हासिल कर सकता है। जिससे अवैध रूप से किया जा रहा यह काम रुकवाया जा सकता है। रसूखदारों की नजर, जिम्मेदारों की मदद सूत्रों का कहना है कि करोड़ों रुपए की कीमत वाली पॉश इलाके की इस बेशकीमती जमीन पर प्रदेश और देश स्तर पर ख्याति रखने वाले कुछ रसूखदारों की नजर है। सूत्रों का कहना है कि एडवांस एकेडमी की इस जमीन पर किए जा रहे अवैध निर्माण में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े नासिर शाह  की बड़ी भूमिका है। सूत्रों का कहना है कि मप्र वक्फ बोर्ड ओहदेदारों से नजदीकी बताने वाले इस अल्पसंख्यक नेता पर पूर्व में भी वक्फ की कई जमीनें खुर्द बुर्द करने का आरोप है। सनव्वर ने खोला भू माफियाओं के खिलाफ मोर्चा मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ सनव्वर पटेल का कहना है कि वक्फ गुनहगारों के साथ कोई रियायत नहीं की जाएगी। भले वह किसी भी वर्ग, समुदाय, पार्टी या व्यक्ति से जुड़ा हो। भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

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संशोधन से पहले बंदर बांट – फोटो : अमर उजाला

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मामला प्रदेश की कमर्शियल कैपिटल इंदौर के पॉश इलाके एमआर 10 पर स्थित एक वक्फ प्रॉपर्टी से जुड़ा है। स्टार चौराहा के करीब स्थित कोकिला बैन हॉस्पिटल के सामने और एडवांस एकेडमी के करीब स्थित खसरा नंबर 170 की करीब 0.405 हेक्टेयर इस जमीन की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा आंकी जाती है। सूत्रों का कहना है कि बारिश के इस मौसम में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि इस वक्फ संपत्ति पर बरसों से अदालत का स्टे मौजूद है।

खजराना क्षेत्र के भू माफिया और वक्फ जायदाद को नुकसान पहुंचाने में लंबे समय से सक्रिय नासिर शाह, रहमान शाह, शाहिद शाह, नासिर खान उर्फ नस्सू के इस कुत्सित प्रयास की शिकायत थाना लसूडिया में दर्ज कराई गई है। जिला वक्फ कमेटी के सचिव साजिद रॉयल आदि ने अपनी शिकायत में कहा है कि अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद यह अवैध कब्जा किया जा रहा है। जबकि नासिर शाह ने अपनी सफाई में इस जमीन के जरूरी दस्तावेज उपलब्ध होने की बात कही है।

एक रुपए पर हो गई थी लीज
सूत्रों का कहना है कि मप्र वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मरहूम गुफरान-ए-आजम ने वक्फ दरगाह गैबशाह की इस एक एकड़ जमीन की लीज एडवांस एकेडमी को की थी। तत्कालीन बोर्ड सीइओ एसयू सैयद के हस्ताक्षर से हुई इस डील में एडवांस एकेडमी को महज एक रुपए किराए पर यह जमीन दी गई थी। बताया जाता है कि वर्ष 2015 के दौरान तत्कालीन बोर्ड ने इस लीज को खत्म कर दिया था। लेकिन बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ एडवांस एकेडमी ने अदालत से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। तभी से यह मामला अटका हुआ है। जिसके चलते न तो एडवांस एकेडमी इस जमीन पर कोई निर्माण कर सकती है और न ही बोर्ड इसकी लीज किसी अन्य को कर सकती है।

बोर्ड ने की यह गलती
वक्फ कानून के जानकार बताते हैं कि अदालत से मिले हुए स्टे की एक समय सीमा निर्धारित होती है। जिसके बाद बोर्ड अदालत में जाकर इस स्टे को वैकेट करा सकता था। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बोर्ड द्वारा अधिकृत किए जाने वाले अधिकांश वकील बोर्ड को फायदा दिलाने की बजाए विरोधी पक्ष के साथ खड़े हो जाते हैं और उन्हें बोर्ड के खिलाफ फायदा दिला देते हैं। कमोबेश इन्हीं हालात के चलते एडवांस एकेडमी को मिले स्टे को वेकेट कराने की न तो कोशिश की गई और न ही इस बेशकीमती जमीन को दोबारा वक्फ बोर्ड के आधिपत्य में लाने के प्रयास ही किए गए। सूत्र यह भी कहते हैं कि अनाधिकृत तरीके से किए जा रहे इस काम को रोकने के लिए बोर्ड वक्फ अभिकरण(ट्रिब्यूनल) में जाकर स्थगन हासिल कर सकता है। जिससे अवैध रूप से किया जा रहा यह काम रुकवाया जा सकता है।

रसूखदारों की नजर, जिम्मेदारों की मदद
सूत्रों का कहना है कि करोड़ों रुपए की कीमत वाली पॉश इलाके की इस बेशकीमती जमीन पर प्रदेश और देश स्तर पर ख्याति रखने वाले कुछ रसूखदारों की नजर है। सूत्रों का कहना है कि एडवांस एकेडमी की इस जमीन पर किए जा रहे अवैध निर्माण में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े नासिर शाह  की बड़ी भूमिका है। सूत्रों का कहना है कि मप्र वक्फ बोर्ड ओहदेदारों से नजदीकी बताने वाले इस अल्पसंख्यक नेता पर पूर्व में भी वक्फ की कई जमीनें खुर्द बुर्द करने का आरोप है।

सनव्वर ने खोला भू माफियाओं के खिलाफ मोर्चा
मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ सनव्वर पटेल का कहना है कि वक्फ गुनहगारों के साथ कोई रियायत नहीं की जाएगी। भले वह किसी भी वर्ग, समुदाय, पार्टी या व्यक्ति से जुड़ा हो।

भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

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