mp:-‘शिव’-के-एक-और-फैसले-पर-‘मोहन’-की-तलवार,-कम-होगी-अफसरशाही,-मंत्रियों-को-मिलेंगे-ज्यादा-अधिकार,-जानें-मामला
सीएम मोहन यादव केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के साथ। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के नए नेतृत्व में लगातार पिछले मुखिया के फैसलों और व्यवस्थाओं में बदलाव किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एक और अहम फैसला लिया गया है। इस फैसले में निगम-मंडलों के लिए वर्ष 2023 के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिए गए निर्णय को बदला गया है। जिसके तहत अब निगम-मंडलों के अध्यक्ष मंत्री होंगे। पूर्व व्यवस्था में वर्ष 2023 में निगम-मंडलों के अध्यक्षों को हटाया गया था। इस दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को इन निगम-मंडलों का प्रभार सौंपा गया था। तब से अब तक यही व्यवस्था जारी है।  इसलिए हुआ बदलाव सूत्रों का कहना है कि निगम-मंडलों में जारी व्यवस्था के चलते मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच विवादों के हालात बन रहे हैं। जहां विभागीय मंत्री अपने हिसाब से  निगम-मंडलों का संचालन करना चाहते हैं। वहीं पदों पर आसीन अधिकारी इन्हें अपने तरीके से संचालित करने की मंशा रखते हैं। इस खींचतान की शिकायतें सीएम डॉ मोहन यादव तक भी पहुंची थीं। जिसके बाद उन्होंने पुरानी व्यवस्था को बदलकर नया फैसला लागू कर दिया है। हालांकि, इस व्यवस्था को आईएएस लॉबी अपने अधिकारों और वर्चस्व में कटौती के रूप में देख रहा है। खाली पड़े हैं निगम-मंडल जानकारी के मुताबिक प्रदेश के अधिकांश निगम-मंडल प्रदेश की पिछली शिवराज सिंह सरकार के दौर से ही खाली पड़े हैं। बार बार इन पर नियुक्ति की चर्चाएं होती हैं, लेकिन कभी चुनाव के नाम पर तो कभी सदस्यता अभियान और कभी किसी और कारण से यह नियुक्ति लगातार टलती जा रही हैं। खाली पड़े निगम-मंडलों में कई संवैधानिक व्यवस्था वाले आयोग हैं तो कई जन सुविधा से जुड़े मंडल भी शामिल हैं।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सीएम मोहन यादव केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के साथ। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

मध्य प्रदेश के नए नेतृत्व में लगातार पिछले मुखिया के फैसलों और व्यवस्थाओं में बदलाव किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एक और अहम फैसला लिया गया है। इस फैसले में निगम-मंडलों के लिए वर्ष 2023 के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिए गए निर्णय को बदला गया है।

जिसके तहत अब निगम-मंडलों के अध्यक्ष मंत्री होंगे। पूर्व व्यवस्था में वर्ष 2023 में निगम-मंडलों के अध्यक्षों को हटाया गया था। इस दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को इन निगम-मंडलों का प्रभार सौंपा गया था। तब से अब तक यही व्यवस्था जारी है। 

इसलिए हुआ बदलाव
सूत्रों का कहना है कि निगम-मंडलों में जारी व्यवस्था के चलते मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच विवादों के हालात बन रहे हैं। जहां विभागीय मंत्री अपने हिसाब से 

निगम-मंडलों का संचालन करना चाहते हैं। वहीं पदों पर आसीन अधिकारी इन्हें अपने तरीके से संचालित करने की मंशा रखते हैं। इस खींचतान की शिकायतें सीएम डॉ मोहन यादव तक भी पहुंची थीं। जिसके बाद उन्होंने पुरानी व्यवस्था को बदलकर नया फैसला लागू कर दिया है। हालांकि, इस व्यवस्था को आईएएस लॉबी अपने अधिकारों और वर्चस्व में कटौती के रूप में देख रहा है।

खाली पड़े हैं निगम-मंडल
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के अधिकांश निगम-मंडल प्रदेश की पिछली शिवराज सिंह सरकार के दौर से ही खाली पड़े हैं। बार बार इन पर नियुक्ति की चर्चाएं होती हैं, लेकिन कभी चुनाव के नाम पर तो कभी सदस्यता अभियान और कभी किसी और कारण से यह नियुक्ति लगातार टलती जा रही हैं। खाली पड़े निगम-मंडलों में कई संवैधानिक व्यवस्था वाले आयोग हैं तो कई जन सुविधा से जुड़े मंडल भी शामिल हैं।

Posted in MP