mp:-मॉनिटरिंग-कमेटी-की-सिफारिशों-का-तय-समय-में-करें-परिपालन,-भोपाल-गैस-त्रासदी-मामले-में-हाईकोर्ट-के-निर्देश
जबलपुर हाईकोर्ट - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us भोपाल गैस त्रासदी मामले में दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेव और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया कि मॉनिटरिंग कमेटी की सिफारिशों का निर्धारित समय अवधि में पालन किया जाए। युगलपीठ ने मामले में सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित की है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे। इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने के निर्देश भी जारी किए थे। मॉनिटरिंग कमेटी को प्रत्येक तीन महीने में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने और रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा केंद्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के भी निर्देश दिए गए थे। उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी। याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ भी उक्त अवमानना याचिका 2015 में दायर की गई थी। याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि विगत 12 साल से मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं का पालन नहीं किया जा रहा है। बीएचएमआरसी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके अलावा उपकरणों का अभाव है। पीड़ित व्यक्ति को उपचार से लाभ हो रहा है, इस संबंध में किसी प्रकार की रिर्सज नहीं हो रही है। मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं पर सरकार का उदासीन रवैया है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। अब अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। 

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भोपाल गैस त्रासदी मामले में दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेव और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया कि मॉनिटरिंग कमेटी की सिफारिशों का निर्धारित समय अवधि में पालन किया जाए। युगलपीठ ने मामले में सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित की है।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे। इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने के निर्देश भी जारी किए थे। मॉनिटरिंग कमेटी को प्रत्येक तीन महीने में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने और रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा केंद्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के भी निर्देश दिए गए थे। उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी। याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ भी उक्त अवमानना याचिका 2015 में दायर की गई थी।

याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि विगत 12 साल से मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं का पालन नहीं किया जा रहा है। बीएचएमआरसी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके अलावा उपकरणों का अभाव है। पीड़ित व्यक्ति को उपचार से लाभ हो रहा है, इस संबंध में किसी प्रकार की रिर्सज नहीं हो रही है। मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं पर सरकार का उदासीन रवैया है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। अब अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। 

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