mp:-भस्म-आरती-में-मनाया-आजादी-का-जश्न,-तिरंगा-के-रंगों-से-सजे-बाबा-महाकाल,-व्यंकटेश-स्वरूप-में-किया-श्रृंगार
भस्म आरती में मनाया गया आजाती का उत्सव। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज आजादी का उत्सव स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात 3 बजे जागे। भस्म आरती के पहले वीरभद्र और मानभद्र से आज्ञा लेकर और फिर घंटी बजाकर सबसे पहले चांदी द्वार खोला गया। गर्भग्रह में सबसे पहले भगवान का जलाभिषेक और पूजन कर श्रृंगार किया गया और भस्म आरती की गई। मंदिर में जैसे ही भगवान के दर्शन शुरू हुए वैसे ही चारों और जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई।  विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर आज सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान को शुद्ध जल से स्नान और पंचामृत स्नान करवाने के बाद केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज के श्रृंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल का एकादशी पर व्यंकटेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। साथ ही बाबा महाकाल को तिरंगा ध्वज के तीन रंगो से सजाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। 

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भस्म आरती में मनाया गया आजाती का उत्सव। – फोटो : अमर उजाला

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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज आजादी का उत्सव स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात 3 बजे जागे। भस्म आरती के पहले वीरभद्र और मानभद्र से आज्ञा लेकर और फिर घंटी बजाकर सबसे पहले चांदी द्वार खोला गया। गर्भग्रह में सबसे पहले भगवान का जलाभिषेक और पूजन कर श्रृंगार किया गया और भस्म आरती की गई। मंदिर में जैसे ही भगवान के दर्शन शुरू हुए वैसे ही चारों और जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई। 

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर आज सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान को शुद्ध जल से स्नान और पंचामृत स्नान करवाने के बाद केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज के श्रृंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल का एकादशी पर व्यंकटेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। साथ ही बाबा महाकाल को तिरंगा ध्वज के तीन रंगो से सजाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। 

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