mp-बजट-2024-25:-शहरों-के-लिए-मोहन-का-मंत्र-जनभागीदारी-और-हरियाली,-सिंहस्थ-के-लिए-रखे-500-करोड़
मप्र के बजट में शहरी विकास पर भी ध्यान दिया गया है। - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट 2024-25 के लिए शहरों के लिए खजाना खोल दिया है। बजट में जनभागीदारी और शहरी जंगल बढ़ाने की नई योजनाओं की घोषणा की गई है। किसी प्रोजेक्ट के लिए जनभागीदारी के तहत नागरिक 50 प्रतिशत अंशदान देते हैं तो सरकार आधी राशि मिलाएगी। इसी तरह नगरीय वनों को बढ़ावा दिया जाएगा। इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने के संकल्प को इसी योजना से जोड़ा गया है।   देवड़ा ने बुधवार को पेश राज्य के बजट में नगरीय विकास के लिए दो नई योजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। जन सहयोग से अधोसंरचना विकास के तहत नागरिकों को 50% अंशदान नगद या सामग्री के रूप में देना होगा। शेष 50% राशि इस योजना से आएगी। कॉलोनी की सड़क, एप्रोच रोड, सामुदायिक भवन, खेलकूद सुविधाओं तथा पर्यावरण की रक्षा हेतु कार्य हो सकेंगे। इसी तरह नगरी वनों के विकास के तहत शहरों में बाग-बगीचे और खुली जगह के साथ-साथ कम से कम दो-चार एकड़ की भूमि उपलब्ध होने पर घने वृक्षों को लगाने की योजना है। इससे शहरों का पर्यावरण व आने वाले समय में अतिवर्षा, अति-ग्रीष्मकल से बचाव किया जा सकेगा। इसके लिए शासकीय भूमि और ग्रीन बेल्ट की भूमियों का चयन किया जाएगा। पौधारोपण कर पांच वर्षों तक संरक्षण किया जाएगा। यह नए जंगल शहर के प्रदूषण को रोकते हुए फेफड़ों के रूप में कार्य करेंगे।  सिंहस्थ की तैयारियों का श्री गणेश बजट में सिंहस्थ-2028 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के लिए नई बजट लाइन खोली गई है। सिंहस्थ कार्ययोजना के तहत 15 विभागों के कार्यों की स्वीकृति दी जाएगी। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सिंहस्थ की तैयारी को उच्च गुणवत्ता एवं विशेषज्ञों के साथ बनाने के लिए तथा तकनीक और आईटी का सहारा लिया जाएगा। प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए विशेषज्ञ नियुक्त होंगे। इसके लिए पांच करोड़ रुपये रखे गए हैं।   580 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात प्रदेश के छह शहरों को 580 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिलने वाली है। यह पैसा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत केंद्र से मिलेगा। राज्य शासन ने छह शहरों को चुना है। इनमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन एवं सागर शामिल है। इन छह शहरों में इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।   10 वर्ष पुराने अग्निशमन वाहनों को बदलेंगे पिछले दिनों अग्नि दुर्घटनाओं को देखते हुए अग्निशमन सेवाओं के लिए राशि 11 करोड़ रुपये रखे हैं। इससे निकायों में 10 वर्ष से पुराने अग्निशमन वाहनों को बदला जा सकेगा। 15वें वित्त आयोग से लगभग 400 करोड़ रुपये की विशेष सहायता अग्निशमन सेवाओं की वृद्धि के लिए स्वीकृत है। इससे आने वाले समय में प्रदेश के निकायों में नए अग्निशमन वाहन खरीदे जाएंगे।   दीनदयाल रसोई का खाना हुआ सस्ता प्रदेश में गरीब व्यक्तियों व शहर में आने वाले मजदूरों के रैनबसेरे व दीनदयाल रसोई के विस्तार के लिए सरकार ने नए रैन बसेरा प्रारंभ किए हैं। दीनदयाल रसोई में मिलने वाली भोजन की थाली का दाम भी 10 से घटकर पांच रुपये किया गया है। इनकी संख्या भी बढ़ाई है। इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपये दिए हैं।   यह भी घोषणाएं  1,160 करोड़ रुपये का प्रावधान इंदौर-भोपाल में मेट्रो के कार्य के लिए रखे हैं।  2000 करोड़ रुपये से बनेंगी मास्टर प्लान की सड़कें। इस वर्ष 250 करोड़ खर्च होंगे।   5 करोड़ रुपये तट के निकायों का गंदा पानी नर्मदा नदी में जाने से रोकने के सीवेज प्रोजेक्ट्स के लिए  718 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक, एडीबी तथा केएफडब्ल्यू बैंक की मदद से चल रहे जलप्रदाय एवं सीवेज प्रोजेक्ट्स के लिए। प्रदेश के छोटे-बड़े सभी शहर में जल-मल प्रबंधन बेहतर होगा।  200 करोड़ रुपये शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए। इससे निकायों की सड़कों, सामुदायिक भवनों व अन्य अधोसंरचना संबंधी कार्य होंगे।   400 करोड़ रुपये शहरी सड़कों को सुधारने में खर्च होंगे।

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मप्र के बजट में शहरी विकास पर भी ध्यान दिया गया है। – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट 2024-25 के लिए शहरों के लिए खजाना खोल दिया है। बजट में जनभागीदारी और शहरी जंगल बढ़ाने की नई योजनाओं की घोषणा की गई है। किसी प्रोजेक्ट के लिए जनभागीदारी के तहत नागरिक 50 प्रतिशत अंशदान देते हैं तो सरकार आधी राशि मिलाएगी। इसी तरह नगरीय वनों को बढ़ावा दिया जाएगा। इंदौर में 51 लाख पौधे लगाने के संकल्प को इसी योजना से जोड़ा गया है।  

देवड़ा ने बुधवार को पेश राज्य के बजट में नगरीय विकास के लिए दो नई योजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। जन सहयोग से अधोसंरचना विकास के तहत नागरिकों को 50% अंशदान नगद या सामग्री के रूप में देना होगा। शेष 50% राशि इस योजना से आएगी। कॉलोनी की सड़क, एप्रोच रोड, सामुदायिक भवन, खेलकूद सुविधाओं तथा पर्यावरण की रक्षा हेतु कार्य हो सकेंगे। इसी तरह नगरी वनों के विकास के तहत शहरों में बाग-बगीचे और खुली जगह के साथ-साथ कम से कम दो-चार एकड़ की भूमि उपलब्ध होने पर घने वृक्षों को लगाने की योजना है। इससे शहरों का पर्यावरण व आने वाले समय में अतिवर्षा, अति-ग्रीष्मकल से बचाव किया जा सकेगा। इसके लिए शासकीय भूमि और ग्रीन बेल्ट की भूमियों का चयन किया जाएगा। पौधारोपण कर पांच वर्षों तक संरक्षण किया जाएगा। यह नए जंगल शहर के प्रदूषण को रोकते हुए फेफड़ों के रूप में कार्य करेंगे। 

सिंहस्थ की तैयारियों का श्री गणेश
बजट में सिंहस्थ-2028 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के लिए नई बजट लाइन खोली गई है। सिंहस्थ कार्ययोजना के तहत 15 विभागों के कार्यों की स्वीकृति दी जाएगी। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सिंहस्थ की तैयारी को उच्च गुणवत्ता एवं विशेषज्ञों के साथ बनाने के लिए तथा तकनीक और आईटी का सहारा लिया जाएगा। प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए विशेषज्ञ नियुक्त होंगे। इसके लिए पांच करोड़ रुपये रखे गए हैं।  

580 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात
प्रदेश के छह शहरों को 580 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिलने वाली है। यह पैसा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत केंद्र से मिलेगा। राज्य शासन ने छह शहरों को चुना है। इनमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन एवं सागर शामिल है। इन छह शहरों में इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।  

10 वर्ष पुराने अग्निशमन वाहनों को बदलेंगे
पिछले दिनों अग्नि दुर्घटनाओं को देखते हुए अग्निशमन सेवाओं के लिए राशि 11 करोड़ रुपये रखे हैं। इससे निकायों में 10 वर्ष से पुराने अग्निशमन वाहनों को बदला जा सकेगा। 15वें वित्त आयोग से लगभग 400 करोड़ रुपये की विशेष सहायता अग्निशमन सेवाओं की वृद्धि के लिए स्वीकृत है। इससे आने वाले समय में प्रदेश के निकायों में नए अग्निशमन वाहन खरीदे जाएंगे।  

दीनदयाल रसोई का खाना हुआ सस्ता
प्रदेश में गरीब व्यक्तियों व शहर में आने वाले मजदूरों के रैनबसेरे व दीनदयाल रसोई के विस्तार के लिए सरकार ने नए रैन बसेरा प्रारंभ किए हैं। दीनदयाल रसोई में मिलने वाली भोजन की थाली का दाम भी 10 से घटकर पांच रुपये किया गया है। इनकी संख्या भी बढ़ाई है। इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपये दिए हैं।  

यह भी घोषणाएं 

1,160 करोड़ रुपये का प्रावधान इंदौर-भोपाल में मेट्रो के कार्य के लिए रखे हैं।  2000 करोड़ रुपये से बनेंगी मास्टर प्लान की सड़कें। इस वर्ष 250 करोड़ खर्च होंगे।   5 करोड़ रुपये तट के निकायों का गंदा पानी नर्मदा नदी में जाने से रोकने के सीवेज प्रोजेक्ट्स के लिए  718 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक, एडीबी तथा केएफडब्ल्यू बैंक की मदद से चल रहे जलप्रदाय एवं सीवेज प्रोजेक्ट्स के लिए। प्रदेश के छोटे-बड़े सभी शहर में जल-मल प्रबंधन बेहतर होगा।  200 करोड़ रुपये शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए। इससे निकायों की सड़कों, सामुदायिक भवनों व अन्य अधोसंरचना संबंधी कार्य होंगे।   400 करोड़ रुपये शहरी सड़कों को सुधारने में खर्च होंगे।

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