mp:-नींद-का-इंजेक्शन-लगाकर-निजी-अस्पताल-के-कर्मचारी-ने-महिला-से-की-छेड़छाड़,-कोर्ट-दी-आजीवन-कारावास-की-सजा
कोर्ट का फैसला - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें सीहोर विशेष न्यायाधीश हेमंत जोशी ने एक निजी अस्पताल में कार्यरत वार्डबॉय को महिला के कपड़े उतारकर छेड़छाड़ के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी एनएस मेवाड़ा ने की। अभियोजन के अनुसार एक विवाहिता 12 मई 2021 को घबराहट और सांस लेने में कठिनाई होने के कारण एक निजी अस्पताल में पहुंची थी। पीड़िता को अस्पताल में कार्यरत वार्डबॉय विशाल गोस्वामी पिता रतन सिंह निवासी अग्रवाल कॉलोनी पीथमपुर जिला धार ने नींद का इंजेक्शन लगा दिया था। इसके बाद आरोपी ने हाथों में ग्लव्स पहनकर पीड़िता के कपड़े उतारकर उसके साथ छेड़छाड़ की। आरोपी ने महिला से कहा कि तुम्हारा पति कुछ नहीं कर पाता है। सुबह जब विवाहिता जागी तो उसने पूरी घटना अपने पति को बताई। इसके बाद पीड़िता ने कोतवाली थाना पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को एससी-एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास और धारा 376(एन) आईपीसी के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और कुल 1500 रुपये का अर्थदंड से दंडित किया।

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सीहोर विशेष न्यायाधीश हेमंत जोशी ने एक निजी अस्पताल में कार्यरत वार्डबॉय को महिला के कपड़े उतारकर छेड़छाड़ के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी एनएस मेवाड़ा ने की।

अभियोजन के अनुसार एक विवाहिता 12 मई 2021 को घबराहट और सांस लेने में कठिनाई होने के कारण एक निजी अस्पताल में पहुंची थी। पीड़िता को अस्पताल में कार्यरत वार्डबॉय विशाल गोस्वामी पिता रतन सिंह निवासी अग्रवाल कॉलोनी पीथमपुर जिला धार ने नींद का इंजेक्शन लगा दिया था। इसके बाद आरोपी ने हाथों में ग्लव्स पहनकर पीड़िता के कपड़े उतारकर उसके साथ छेड़छाड़ की।

आरोपी ने महिला से कहा कि तुम्हारा पति कुछ नहीं कर पाता है। सुबह जब विवाहिता जागी तो उसने पूरी घटना अपने पति को बताई। इसके बाद पीड़िता ने कोतवाली थाना पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को एससी-एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास और धारा 376(एन) आईपीसी के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और कुल 1500 रुपये का अर्थदंड से दंडित किया।

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