mp:-खास-है-धार-का-आदिवासी-गांव-पड़ियाल,-5500-लोगों-की-बस्ती-से-बने-400-सरकारी-अफसर-कर्मचारी,-साक्षरता-90-फीसदी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 04 Sep 2024 07: 32 PM IST अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हैं। साथ ही यहां के युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में कोई इंजीनियर है तो कोई बिजनेस कर रहा है। गांव में हायर सेकंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षकों द्वारा 702 विद्यार्थियों को पढ़ाया-लिखाया जाता है।   गांव की स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करते बच्चे - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us प्रदेश के धार जिले का पड़ियाल गांव एक अनोखी मिसाल पेश करता है, जहां लगभग हर घर से एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में है। करीब 5,500 की आबादी वाले इस आदिवासी बहुल गांव में 300 से अधिक सरकारी कर्मचारी और 100 से ज्यादा उच्च पदस्थ अधिकारी देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। यहां के युवकों में प्रतियोगी परीक्षाओं में आने की होड़ आजादी के समय से ही शुरू हो गई थी। इतना ही नहीं आजादी के बाद हुए विधानसभा चुनाव में यहां के बापू सिंह अलावा कुक्षी विधानसभा के पहले विधायक रहे। यह गांव धार जिले के डही विकासखंड के अंतर्गत आता है। जहां साक्षरता दर 90 प्रतिशत है। अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हैं। साथ ही यहां के युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में कोई इंजीनियर है तो कोई बिजनेस कर रहा है। गांव में हायर सेकंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षकों द्वारा 702 विद्यार्थियों को पढ़ाया-लिखाया जाता है। गांव का सामाजिक ताना-बाना और शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका यह गांव अपनी शिक्षा-प्रेमी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक के छात्रों के लिए विशेष स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था है। पड़ियाल के कई युवा प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर डॉक्टर, इंजीनियर और उच्च अधिकारी बने हैं। यहां के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होने के बाद समाजसेवा का काम कर रहे हैं। इस साल नीट में यहां के 4 विद्यार्थी जबकि जेईई मेंस में 3 विद्यार्थी चयनित होकर डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। गांव के अधिकारी और उनकी उपलब्धियां एसपी सिंह (डीआईजी), लक्ष्मण सिंह सोलंकी (एडिशनल एसपी), नरेंद्र पाल सिंह (कार्यपालन यंत्री), एमपी सिंह (एसी पीडब्ल्यूडी), डीएस रणदा (अपर संचालक ग्रामीण विकास), नवल सिंह डोडवा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), बीएस चौहान (डीपीओ गृह विभाग), अर्जुन सिंह जमरा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), महेंद्र सिंह अलावा (महाप्रबंधक एयरपोर्ट नई दिल्ली), पर्वत सिंह अलावा (आईईएस रेलवे), महेंद्र पाल अलावा (आईईएस वायरलेस एंड लोकल लूप, मेडिकल ऑफिसर, डॉक्टर सुमेर सिंह अलावा, डॉक्टर के.सी. राणे, डॉक्टर केवल सिंह जमरा, लोकेन्द्र अलावा (एसडीओ आरईएस), करण रणदा (एसीएफ), सुखलाल अलावा (परियोजना अधिकारी जिला पंचायत), सुरेंद्र अलावा (प्रबंधक हेल्थ विभाग), मनीष अलावा (प्रबंधक उद्योग), मुकेश नंदा (एईओ आबकारी), विजेंद्र सिंह मुझाल्दा (प्लाटून कमांडर) सहित अन्य उच्च पदों पर अधिकारी बन देश-प्रदेश में सेवाएं दे रहे है। बेटियों की सफलता की कहानी पड़ियाल की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। बबीता बामनिया (डीएसपी), कौशल्या चौहान (टीआई), शकुंतला बामनिया (टीआई), प्रियंका अलावा (थानेदार), रिंकी बामनिया (वाणिज्यिकर अधिकारी), शीतल अलावा (एई एमपीईबी), प्रिया रणदा (एईओ आबकारी), सुनयना डामोर (सिविल जज), गरिमा अलावा (उप निरीक्षक आबकारी), किरण जमरा (नायब तहसीलदार), सुचित्रा रणदा (कराधान अधिकारी), मीना अलावा (सहायक आयुक्त), डॉ. निधि सिंह (एमएस), डॉ. वस्ती रणदा (एमडी), डॉ. निलमणी अलावा (एमएस), डॉ. रिंकू रणदा (एमडी), डॉ. रश्मि रणदा (एमडी), डॉ. अंजना अलावा (प्रोफेसर), डॉ. अनुभूति अलावा (बीडीएस), डॉ. नेहा अलावा (एमएस), डॉ. शर्मिला जमरा (एमडी), संतोषी अलावा (प्रोफेसर), बसंती अलावा (प्रोफेसर) सहित अन्य बेटियाँ उच्च पदों पर पदस्थ है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 04 Sep 2024 07: 32 PM IST

अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हैं। साथ ही यहां के युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में कोई इंजीनियर है तो कोई बिजनेस कर रहा है। गांव में हायर सेकंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षकों द्वारा 702 विद्यार्थियों को पढ़ाया-लिखाया जाता है।
  गांव की स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करते बच्चे – फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश के धार जिले का पड़ियाल गांव एक अनोखी मिसाल पेश करता है, जहां लगभग हर घर से एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में है। करीब 5,500 की आबादी वाले इस आदिवासी बहुल गांव में 300 से अधिक सरकारी कर्मचारी और 100 से ज्यादा उच्च पदस्थ अधिकारी देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। यहां के युवकों में प्रतियोगी परीक्षाओं में आने की होड़ आजादी के समय से ही शुरू हो गई थी। इतना ही नहीं आजादी के बाद हुए विधानसभा चुनाव में यहां के बापू सिंह अलावा कुक्षी विधानसभा के पहले विधायक रहे। यह गांव धार जिले के डही विकासखंड के अंतर्गत आता है। जहां साक्षरता दर 90 प्रतिशत है।

अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर
अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हैं। साथ ही यहां के युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में कोई इंजीनियर है तो कोई बिजनेस कर रहा है। गांव में हायर सेकंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षकों द्वारा 702 विद्यार्थियों को पढ़ाया-लिखाया जाता है।

गांव का सामाजिक ताना-बाना और शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका
यह गांव अपनी शिक्षा-प्रेमी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक के छात्रों के लिए विशेष स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था है। पड़ियाल के कई युवा प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर डॉक्टर, इंजीनियर और उच्च अधिकारी बने हैं। यहां के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होने के बाद समाजसेवा का काम कर रहे हैं। इस साल नीट में यहां के 4 विद्यार्थी जबकि जेईई मेंस में 3 विद्यार्थी चयनित होकर डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।

गांव के अधिकारी और उनकी उपलब्धियां
एसपी सिंह (डीआईजी), लक्ष्मण सिंह सोलंकी (एडिशनल एसपी), नरेंद्र पाल सिंह (कार्यपालन यंत्री), एमपी सिंह (एसी पीडब्ल्यूडी), डीएस रणदा (अपर संचालक ग्रामीण विकास), नवल सिंह डोडवा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), बीएस चौहान (डीपीओ गृह विभाग), अर्जुन सिंह जमरा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), महेंद्र सिंह अलावा (महाप्रबंधक एयरपोर्ट नई दिल्ली), पर्वत सिंह अलावा (आईईएस रेलवे), महेंद्र पाल अलावा (आईईएस वायरलेस एंड लोकल लूप, मेडिकल ऑफिसर, डॉक्टर सुमेर सिंह अलावा, डॉक्टर के.सी. राणे, डॉक्टर केवल सिंह जमरा, लोकेन्द्र अलावा (एसडीओ आरईएस), करण रणदा (एसीएफ), सुखलाल अलावा (परियोजना अधिकारी जिला पंचायत), सुरेंद्र अलावा (प्रबंधक हेल्थ विभाग), मनीष अलावा (प्रबंधक उद्योग), मुकेश नंदा (एईओ आबकारी), विजेंद्र सिंह मुझाल्दा (प्लाटून कमांडर) सहित अन्य उच्च पदों पर अधिकारी बन देश-प्रदेश में सेवाएं दे रहे है।

बेटियों की सफलता की कहानी
पड़ियाल की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। बबीता बामनिया (डीएसपी), कौशल्या चौहान (टीआई), शकुंतला बामनिया (टीआई), प्रियंका अलावा (थानेदार), रिंकी बामनिया (वाणिज्यिकर अधिकारी), शीतल अलावा (एई एमपीईबी), प्रिया रणदा (एईओ आबकारी), सुनयना डामोर (सिविल जज), गरिमा अलावा (उप निरीक्षक आबकारी), किरण जमरा (नायब तहसीलदार), सुचित्रा रणदा (कराधान अधिकारी), मीना अलावा (सहायक आयुक्त), डॉ. निधि सिंह (एमएस), डॉ. वस्ती रणदा (एमडी), डॉ. निलमणी अलावा (एमएस), डॉ. रिंकू रणदा (एमडी), डॉ. रश्मि रणदा (एमडी), डॉ. अंजना अलावा (प्रोफेसर), डॉ. अनुभूति अलावा (बीडीएस), डॉ. नेहा अलावा (एमएस), डॉ. शर्मिला जमरा (एमडी), संतोषी अलावा (प्रोफेसर), बसंती अलावा (प्रोफेसर) सहित अन्य बेटियाँ उच्च पदों पर पदस्थ है।

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