न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: शबाहत हुसैन Updated Wed, 19 Jun 2024 05: 45 PM IST
MP: नर्सिंग घोटाले के व्हिस्लब्लोअर ने CBI डायरेक्टर को पत्र लिखा है और महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी है जोकि जांच के दौरान जरूरी है।
किराए की बिल्डिंग छोड़ भागे कॉलेज संचालक – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही है। घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता उजागर होने के बाद अब दिल्ली सीबीआई इस केस की बारीकी से निगरानी कर रही है। इसी बीच घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा है और कुछ बिंदुओं पर जांच के दौरान विशेष ध्यान देने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा है कि किराए की बिल्डिंग पर नर्सिंग कॉलेज को चला रहे संचालक अब लगातार भाग रहे हैं।
एक ही बिल्डिंग में कई कोर्स संचालित
सीबीआई के डायरेक्टर को संबोधित पत्र में व्हिसलब्लोअर परमार ने लिखा है कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी, डीएड-बीएड और अन्य कोर्स भी संचालित किए जाते हैं निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि करना अतिआवश्यक हैं। परमार ने पत्र में आगे लिखा है कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा सीबीआई जांच के बाद व जांच के दौरान प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज संचालक किराए की बिल्डिंग छोड़कर भाग गए।
उन्होंने अपनी कॉलेज की बिल्डिंग बदल ली, लेकिन जिस बिल्डिंग में मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने 2020-21, 2021-22, 2022-23 की मान्यता दी, उसकी जांच भी करना अतिआवश्यक हैं। क्योंकि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने किराये के भवनों में कॉलेजों की मान्यता लेकर छात्र छात्राओं से करोड़ों रुपए की राशि फीस के रूप में वसूली हैं।
केवल निरीक्षण के दौरान आते हैं फैकेल्टी
उन्होंने CBI डायरेक्टर से कहा कि फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा फैकल्टी को सिर्फ निरीक्षण के दौरान दिखाने के लिए ही रखा जाता हैं। नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी का सैलरी स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि बारीकी से करने की आवश्यकता है। साथ ही फर्जी नर्सिंग कालेज संचालकों द्वारा भ्रमित करने के लिए छात्रावास और अस्पताल को कुछ समय के लिए ही किराए पर अनुबंधित किया जाता हैं, जिसकी पुष्टि करना भी आवश्यक है।
किराए पर लाया जाता है लैब का सामान
परमार ने यह भी कहा कि फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा लैब में किराए पर समाना लाया जाता है। कॉलेजों के लैब में जो भी समान है, उनके बिल की जांच भी करना आवश्यक है। साथ ही फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच टीम में नर्सिंग के सबसे ज्यादा अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और जो किसी भी तरह की गड़बड़ी में संलिप्त ना हो उसे शामिल किया जाए नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्य, डीन और अन्य किसी की अनुशंसा पर रखे गए लोगों को जांच कमेटी से तत्काल हटाकर सीनियर और अनुभवी नर्सिंग अधिकारीयों शामिल कराया जाए।
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