mp:-कल-बीना-जाएंगे-cm-यादव,-यहां-आठ-साल-बाद-प्रदेश-के-किसी-मुख्यमंत्री-का-दौरा,-पूरी-होगी-कई-साल-पुरानी-मांग?
सीएम मोहन यादव के दौरे की तैयारियों को लेकर अधिकारियों ने किया दौरा। विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कल बुधवार 4 सितंबर को सागर जिले के बीना शहर के दौरे पर आने वाले हैं। सीएम के आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप देकर सुरक्षा-व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। इसे लेकर बीते सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने सभास्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आठ साल के लंबे अंतराल के बाद मुख्यमंत्री बिना किसी चुनावी सभा के बीना आ रहे हैं। बीना क्षेत्र की आम जनता में इस दौरे को लेकर उत्साह है और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बार बीना को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं। स्थानीय नेताओं ने भी जनता को इस संबंध में आश्वासन दिया है। बीना और खुरई की अपनी-अपनी मांग बीना और खुरई सागर जिले के दो महत्वपूर्ण शहर हैं। दोनों जगह की जनता अपने-अपने शहर को जिला बनाने की मांग कर रही है। बीते एक महीने से बीना में जिला बनाओ की मांग जोर पकड़ रही है, जबकि खुरई के लोग भी लंबे समय से यही मांग कर रहे हैं। बीना और खुरई के बीच की दूरी मात्र 20 किलोमीटर है, दोनों शहरों के लोग अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर विभिन्न तर्क दे रहे हैं। बताया जाता है कि खुरई के लोग 1964 से जिला बनने की मांग कर रहे हैं, जबकि बीना के लोग 1985 से यह मांग कर रहे हैं। बीना को जिला बनाए जाने की संभावनाओं के बीच खुरई में लोग आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने 3 सितंबर को नगर बंद का आह्वान किया था, जिसे बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण टाल दिया गया। दोनों शहरों को जिला बनाने का दिया गया था आश्वासन  सागर जिले के इन दोनों शहरों को जिला बनाने की मांग वर्तमान सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। पूर्व की सरकारों और नेताओं ने दोनों शहरों को जिला बनाने के आश्वासन दिए थे और अब यह मुद्दा वर्तमान मुख्यमंत्री के सामने है। मिलाकर बनाया जा सकता है एक जिला कुछ जानकारों का मानना है कि बीना और खुरई शहरों को मिलाकर एक संयुक्त जिला बनाया जा सकता है, जिससे दोनों विधानसभा क्षेत्रों की जनता को संतुष्ट किया जा सके। दोनों शहरों के बीच की दूरी केवल 20 किलोमीटर है, लेकिन तेजी से हो रही बसाहट के कारण यह दूरी और भी कम हो गई है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है। क्या वह जिले की घोषणा करेगी या यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाएगा।  

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सीएम मोहन यादव के दौरे की तैयारियों को लेकर अधिकारियों ने किया दौरा।

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कल बुधवार 4 सितंबर को सागर जिले के बीना शहर के दौरे पर आने वाले हैं। सीएम के आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप देकर सुरक्षा-व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है। इसे लेकर बीते सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने सभास्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

आठ साल के लंबे अंतराल के बाद मुख्यमंत्री बिना किसी चुनावी सभा के बीना आ रहे हैं। बीना क्षेत्र की आम जनता में इस दौरे को लेकर उत्साह है और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बार बीना को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं। स्थानीय नेताओं ने भी जनता को इस संबंध में आश्वासन दिया है।

बीना और खुरई की अपनी-अपनी मांग
बीना और खुरई सागर जिले के दो महत्वपूर्ण शहर हैं। दोनों जगह की जनता अपने-अपने शहर को जिला बनाने की मांग कर रही है। बीते एक महीने से बीना में जिला बनाओ की मांग जोर पकड़ रही है, जबकि खुरई के लोग भी लंबे समय से यही मांग कर रहे हैं। बीना और खुरई के बीच की दूरी मात्र 20 किलोमीटर है, दोनों शहरों के लोग अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर विभिन्न तर्क दे रहे हैं। बताया जाता है कि खुरई के लोग 1964 से जिला बनने की मांग कर रहे हैं, जबकि बीना के लोग 1985 से यह मांग कर रहे हैं। बीना को जिला बनाए जाने की संभावनाओं के बीच खुरई में लोग आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने 3 सितंबर को नगर बंद का आह्वान किया था, जिसे बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण टाल दिया गया।

दोनों शहरों को जिला बनाने का दिया गया था आश्वासन 
सागर जिले के इन दोनों शहरों को जिला बनाने की मांग वर्तमान सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। पूर्व की सरकारों और नेताओं ने दोनों शहरों को जिला बनाने के आश्वासन दिए थे और अब यह मुद्दा वर्तमान मुख्यमंत्री के सामने है।

मिलाकर बनाया जा सकता है एक जिला
कुछ जानकारों का मानना है कि बीना और खुरई शहरों को मिलाकर एक संयुक्त जिला बनाया जा सकता है, जिससे दोनों विधानसभा क्षेत्रों की जनता को संतुष्ट किया जा सके। दोनों शहरों के बीच की दूरी केवल 20 किलोमीटर है, लेकिन तेजी से हो रही बसाहट के कारण यह दूरी और भी कम हो गई है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है। क्या वह जिले की घोषणा करेगी या यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
 

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