उमंग सिंघार – फोटो : social media
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केंद्र सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है मध्य प्रदेश के किसानों से एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी की जाएगी। वहीं कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ छलावा बता रही थी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि एमएससी पहले से लागू है नया क्या किया आपने। गौरतलब है क मंगलवार को मोहन कैबिनेट ने प्रदेश में सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था। जिस पर तत्काल केंद्र सरकार ने एमपी के किसानों के सोयाबीन की MSP पर खरीदी की अनुमति दी है। इस फैसले पर सीएम डॉ मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वाणिज्य मंत्री का आभार जताया हैं।
मध्यप्रदेश का किसान ढूंढी रियो, मामा कां खोई गयो
उमंग सिंगार ने सरकार पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि मध्यप्रदेश का किसान ढूंढी रियो, मामा कां खोई गयो तुम किसानों को कितना मूर्ख बनाएगी MP सरकार सोयाबीन की जिस MSP को अजूबा बताकर श्रेय लूटा जा रहा है, वो तो पहले से ही तय थी! आपने इसमे नया क्या किया? कैबिनेट में उसी MSP पर मुहर लगाकर ढिंढोरा पीट रही है। पर मध्य प्रदेश सरकार जरा ये बताए की सोएबीन की MSP की दर पर खरीदी कब शुरू करेगी? जब खरीदी शुरू होगी और किसानों के खाते में पैसे आ जाएंगे, तब किसान आपकी बात मानेंगे। प्रदेश के किसानों ने शिवराज जी को मुख्यमंत्री बनाया और इसी के बदौलत कृषि मंत्री बने लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों को कुछ नहीं दिया।
6 हजार समर्थन मूल्य में सोयाबीन की हो खरीदी
कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। 4800 रुपए क्विंटल से किसानों का काम नहीं चलेगा। 6 हजार समर्थन मूल्य में सोयाबीन की खरीदी होना चाहिए। 4892 रुपए तो किसानों को लागत लग रही है। किसानों को जब लागत नहीं मिलेगी तो खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाएंगे ? सरकार को निर्णय करना चाहिए था तो 6000 का ऐलान करना चाहिए था।
प्रदेश सरकार 1200 रुपए दे बोनस
भारतीय किसान संघ ने छह हजार रुपए एमएसपी की मांग की है। संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने कहा कि केंद्र सरकार 6 हजार एमएसपी करें या प्रदेश सरकार 1200 रुपए बोनस दें। भवान्तर के तहत भी किसानों को लाभ दिया जा सकता है। प्रदेश में 61 लाख टन उत्पादन का अनुमान है, लेकिन 40% ही खरीदने की बात सामने आई है। एक-एक दाना खरीदा जाना चाहिए। साथ चंद्रकांत गौर ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर 16 सितंबर को हर जिले में ज्ञापन सौंपेंगे।
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