न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 05 Aug 2024 01: 23 PM IST
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बेंगलुरू में उद्योगपतियों के साथ एक इंटरेक्टिव सेशन में भाग लेंगे, जहां वे मध्य प्रदेश में खनिज संपदा की संभावनाओं की जानकारी देंगे और उद्योगपतियों को निवेश के लिए प्रेरित करेंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव। – फोटो : amar ujala
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मध्य प्रदेश में खनिज संपदा के 33 ब्लॉकों की नीलामी की तैयारी की जा रही है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दो दिवसीय प्रवास पर बेंगलुरू जाने वाले है। जहां वे 8 अगस्त को इंटरेक्टिव सेशन में प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा पर उद्योगपतियों का ध्यान आकर्षित कर निवेश के लिये प्रोत्साहित करेंगे। गौर तलब है कि मिनरल ऑप्शन के लिये मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार भी मिल चुका है। मध्य प्रदेश में खनिज संपदा की भरपूर संभावनाएं हैं, जिनमें एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन और मैंगनीज जैसे महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं। राज्य में खनिज संपदा की नीलामी के लिए 33 ब्लॉकों की पहचान की गई है, जिनमें 17 कोल ब्लॉक और 20 प्रमुख खनिजों के ब्लॉक शामिल हैं। पिछले साल एक साथ 51 ब्लॉक का आक्शन हुआ था, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बेंगलुरू में उद्योगपतियों के साथ एक इंटरेक्टिव सेशन में भाग लेंगे, जहां वे मध्य प्रदेश में खनिज संपदा की संभावनाओं की जानकारी देंगे और उद्योगपतियों को निवेश के लिए प्रेरित करेंगे।
मध्य प्रदेश में खनिज संपदा की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां देश के कुल खनिज भंडार का एक बड़ा हिस्सा है। राज्य में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में उपयोग किए जाते हैं। इस संबंध में मध्य प्रदेश सरकार ने खनिज संपदा के विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें खनिज नीलामी की प्रक्रिया को सरल बनाना और उद्योगपतियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बेंगलुरू दौरा मध्य प्रदेश में खनिज संपदा के विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य के आर्थिक विकास में योगदान करेगा। मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट है। मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां सिंगरौली, सीधी, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और नरसिंहपुर भरपूर कोयला भंडार है। कोयले का उपयोग थर्मल पावर प्लांट्स और कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स में होता है। इनसे संबंधित उद्योगों के लिए निवेश की भरपूर संभावनाएं हैं।
इसी प्रकार चूना पत्थर का भी प्रदेश में भरपूर भंडार है। यहां रीवा, सतना, सीधी, मैहर, दमोह, कटनी पन्ना, धार और नीमच में भरपूर भंडार है। देश के कुल लाइमस्टोन भंडार का 9% मध्यप्रदेश में है। इस दृष्टि से सीमेंट उद्योग के लिए मध्यप्रदेश एक आदर्श निवेश स्थान है। यहां जो लॉजिस्टिक क्षेत्र में सुधार हुआ है इस दृष्टि से भी मध्यप्रदेश से देश के सभी राज्यों का संपर्क बेहतर हो गया है। देश में उपलब्ध डायमंड भंडार का 90% मध्यप्रदेश में पाया जाता है। यह अकेले पन्ना और छतरपुर में है। इस दृष्टि से यहां डायमंड बिजनेस पार्क और और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 ब्लॉक की पहचान की गई है। मध्यप्रदेश पायरोफ्लाइट के उत्पादन में भी अग्रणी राज्य है। यहां देश के उत्पादन का 41% उत्पादन हो रहा है। देश में सर्वाधिक भंडार 14 मिलियन टन मध्यप्रदेश में है, जो छतरपुर, शिवपुरी और टीकमगढ़ में है। इसके भंडारण को देखते हुए देश में सेरेमिक, पॉटरी, पोर्सलिन और टाइल्स उद्योगों के लिए सबसे लाभकारी निवेश स्थान है।
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