न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: शबाहत हुसैन Updated Wed, 26 Jun 2024 01: 45 PM IST
MP: एक देश, कई भाषाएं, अनेकों बोलियां और हर भाषा और बोली का अलग अलग साहित्य। हमारे देश की अनेकता में एकता के सूत्र को एकजाई करने में केंद्रीय साहित्य अकादेमी ने भी महत्वपूर्ण कदम उठाए और इसके बेहतर परिणाम नजर भी आने लगे हैं। उत्तर में बसे साहित्यकार को दक्षिण और पूरब में काम कर रहे किसी साहित्य साधक को पश्चिम तक पहुंचाकर यहां वहां बिखरी कलाओं से लोगों को परिचित कराने की मुहिम सार्थक परिणाम के साथ खड़ी है। भोपाल में सजेगी युवा महफिल – फोटो : अमर उजाला
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केंद्रीय साहित्य अकादेमी के उर्दू परामर्श मंडल के संयोजक चन्द्र भान ख़याल ने यह बात कही। वे बुधवार को होने वाले अकादेमी के राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि सतत काम करने वाली साहित्य अकादेमी इकलौती संस्था कही जा सकती है, जिससे साल के 365 दिनों में 700 से ज्यादा प्रोग्राम किए जाते हैं। अकादेमी हर साल 700 से ज्यादा किताबें प्रकाशित करने की महारत भी रखती है। उन्होंने बताया कि हर वर्ग और भाषा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अकादेमी मुख्यत्तः 4 तरह के अवार्ड दे रही है। जिनमें साहित्य अकादेमी पुरस्कार, अनुवाद पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार और युवा पुरस्कार शामिल हैं। ख्याल ने बताया कि अवार्ड दिए जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह भी कहा जा सकता है कि इन पुरस्कृत पुस्तकों को सभी भाषाओं में अनुवाद कराया जा रहा है। उद्देश्य यही है कि एक जगह का साहित्य किसी दूसरे स्थान पर जाकर भाषा की वजह से कमजोर न पड़े।
अलिखित भाषा पर विशेष काम
केंद्रीय साहित्य अकादेमी के उपसचिव, सम्पादक (हिंदी) अनुपम तिवारी ने बताया कि अकादेमी देशभर की करीब 105 अलिखित भाषा और साहित्य को संजोने में लगी हुई है। करीब दस सालों से जारी इस मेहनत को साकार करने के लिए अब इंफाल और दिल्ली के खास सेंटर भी स्थापित किए गए हैं। कुमार ने बताया कि अलग अलग प्रदेशों में प्रचलित बोलियां, भाषा की तरह विकसित हों और इनका अलिखित साहित्य जन जन तक पहुंच सके, इसी बात के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के लिए मनाए जा रहे विशेष उत्सव सीरीज के दौरान अकादेमी करीब 150 गांव तक पहुंची थी। जहां अलग अलग भाषाओं में कार्यक्रम आयोजित कर एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है। साहित्य अकादेमी की उपलब्धियों में कुमार ने देशभर के 1200 लेखकों को एक मंच पर जोड़ने और सतत कविता पाठ का विश्व रिकॉर्ड बनाने को भी शामिल किया।
भोपाल में सजेगी युवा महफिल
साहित्य अकादेमी के सलाहकार जानकी प्रसाद शर्मा ने कहा कि अकादमी अगले महीने भोपाल में युवाओं पर केंद्रित एक बड़ा आयोजन करने वाली है। देशभर से 8 भाषाओं के जानकार युवा इस आयोजन में कविता, अफसाने, लेख आदि के साथ मौजूद रहेंगे। शर्मा ने बताया कि इस एक दिवसीय सेमिनार में नवोदय योजना के तहत 35 वर्ष से कम आयु वाले युवा लेखकों को पुस्तक प्रकाशन में सहयोग भी किया जाएगा।
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