न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Wed, 11 Sep 2024 08: 11 PM IST
मध्य प्रदेश में एंबुलेंस 108 के संचालन में बड़ी गड़बड़ी का आरोप कांग्रेस पार्टी ने लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि मीना नाम की गर्भवती महिला को एक दिन में पांच बार एंबुलेंस लेने आई। इससे साफ होता है कि किस तरह से भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पीसीसी में प्रेसवार्ता करते कांग्रेस नेता – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश एंबुलेंस 108 के संचालन में बड़े घोटाले का आरोप कांग्रेस ने लगाया। कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टंडन और मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े खुलासे किए हैं। पुनीत टंडन ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) से सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी अनुसार विदिशा जिले में जिन मरीजों को भर्ती किया गया, उनके नामों में एक जनवरी 2023 को मीना नाम की गर्भवती महिला रिकॉर्ड में दर्ज है। मीना नाम की महिलाओं के आगे सरनेम और डिटेल पूरा दर्ज नहीं किया गया है। ऐसे कई मामले हैं। सिर्फ विदिशा जिले में जेएईएस एम्बुलेंस द्वारा लगभग प्रतिदिन 160 से 200 व्यक्तियों के नाम दर्ज है, जिसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा गभर्वती महिलाओं के पंजीयन दर्ज होना दर्शाया गया है।
राज्य को लगभग 30 से 40 करोड़ के राजस्व की हानि
टंडन ने कहा कि एनएचएम से हुए अनुबंध की शर्तों अनुसार (जेएईएस) द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी छिपाना या लिखित में सूचित कर अनुमति ना लेना अपने आप में भ्रष्ट आचरण की परिधि में आएगा। क्या अनुबंध अनुसार जेएईएस द्वारा एनएचएम को लिखित में सूचित कर अनुमति मांगी गई थी कि उनके द्वारा लगाए गए समस्त एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स आदि का छत्तीसगढ़ राज्य में भुगतान कर गाडियां मध्यप्रदेश में संचालित की जा सकेगी। यदि ऐसा हुआ है तो मध्यप्रदेश राज्य को लगभग 30 से 40 करोड़ के राजस्व की हानि हुई है, क्योंकि (जेएईएस) द्वारा समस्त एम्बुलेंस छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराकर छत्तीसगढ़ नंबर प्लेट के साथ मध्यप्रदेश में संचालित की जा रही हैं, जो अनुबंध अनुसार मध्यप्रदेश सरकार के साथ बड़ा आपराधिक कृत्य नजर आ रहा है।
बगैर ट्रांसफर 6 महीने से ज्यादा नहीं चला सकते वाहन
टंडन ने बताया कि परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक एक राज्य का वाहन ट्रांसफर कराए बिना दूसरे राज्य में छह महीने से ज्यादा की अवधि तक नहीं चलाया जा सकता। जबकि, मध्यप्रदेश में जेएइएस द्वारा अनुबंध करने से लेकर आज तक लगभग 1950 एम्बुलेंस छत्तीसगढ़ नंबर प्लेट की चलाई जा रही है जो कि एक जांच का विषय है। इसको लेकर हमने परिवहन विभाग के प्रमुख अधिकारी को लिखित में शिकायत की गई थी जिसके बाद भी आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। आज भी जेएईएस द्वारा छत्तीसगढ की नंबर प्लेट लगाकर मध्यप्रदेश में एम्बुलेंस चलाई जा रही है। क्या परिवहन विभाग ने (जेएईएस) को किसी भी प्रकार का नोटिस दिया या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई?
10 महीने में 325 करोड़ का कंपनी को हुआ भुगतान
पुनीत टंडन ने बताया कि सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्राप्त जानकारी अनुसार 10 माह में अप्रेल 2023 से जनवरी 2024 तक कुल 10 माह में लगभग 325 करोड़ रूपयों का एनएचएम द्वारा जेएईएस को भुगतान किया गया है, जो कि अपने आप में एक जांच का विषय है। एनएचएम द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार हमारे द्वारा रेण्डम चार माह के जेएईएस द्वारा दिए गए बिलों के आधार पर जो भुगतान एनएचएम द्वारा किया गया उसके आधार पर निम्न जानकारी प्राप्त हुई है।
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