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ट्रेन से मिले थे महिला के शव के टुकड़े। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us बीती 9 जून को इंदौर यार्ड में खड़ी इंदौर-नागदा ट्रेन से महिला का दो हिस्सों में कटा शव मिला था। यह शव सूटकेश और पॉलीथिन में पैक था। 12 जून को इंदौर-प्रयागराज योगनगरी एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी से महिला के शव का शेष हिस्सा प्रयागराज जीआरपी ने जब्त किया था। शव के यह हिस्से चावल की जिस बोरी में रखे गये थे वह उज्जैन ब्रांड था। इस कारण जब प्रयागराज पुलिस ने उज्जैन और जिले के आसपास संपर्क किया तो शव का बाकी हिस्सा इंदौर जीआरपी के पास मिलना पाया गया। प्रयागराज जीआरपी को मिले महिला के कटे हाथ पर मीरा बेन और गोपाल भाई गुदा था। जिसके जरिए इंदौर जीआरपी ने गुमशुदगी के आधार पर महिला की शिनाख्त शुरू की है। पिछले दिनों रतलाम मंडल की दो ट्रेनों से टुकड़े में मिली महिला की लाश के मामले में घटना का कनेक्शन उज्जैन से निकला है। महिला रतलाम जिले की रहने वाली निकली है, जो घर से उज्जैन जाने के लिए निकली थी। मामले में इंदौर जीआरपी ने महिला के पति को साथ लेकर उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में छानबीन शुरू कर दी है।  परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला 6 जून को घर से निकली थी, तब उसने मजदूरी के लिए उज्जैन जाने का भी जिक्र किया था। पुलिस को शंका है कि हत्या के बाद उसके शव के टुकड़े कर अलग-अलग ट्रेनों में उज्जैन स्टेशन से रखे गए होंगे। क्योंकि वो दोनों ट्रेनें शाम को एक ही समय पर उज्जैन स्टेशन पर क्रास होती हैं। मृतका की बहनों के हाथ पर भी गुदा है गोपाल भाई का नाम इंदौर जीआरपी टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक 12 जून को रतलाम के बिलपांक थाने में दर्ज गुमशुदगी के आधार पर पता चला कि रैन मऊ गांव की मीरा बेन नामक महिला गायब हुई। महिला के पिता का नाम नाथूलाल है। पिता बरसों पहले गुजरात से मऊ आकर बस गये थे। विवाह के बाद मीरा बेन का पति भंवरलाल भी गांव आकर बस गया। यहां ये लोग खेतों पर मजदूरी कर भरण-पोषण करते हैं। उसके हाथ पर लिखा गोपाल भाई नाम उसके भाई का है। उसकी बहनों के हाथ पर भी यही नाम गुदा है। मीरा बाई आदिवासी समाज की है। वहां बचपन में पिता या मां के बदले भाई का नाम हाथ पर लिखवाने का चलन है। मृतका मीरा बाई कुल छह बहने हैं। एक और बहन के हाथ पर भी इसी तरह भाई का नाम लिखा है।  मृतका की दो बेटियां पुलिस के मुताबिक महिला की दो बेटियां हैं। दोनों बेटियों को पता नहीं की मां और पिता के बीच कहासुनी हुई। 6 जून को छोटी बेटी ने मीरा को एक थैले में कपड़े रखते हुए देखा था। आमतौर पर वह मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं, तो उसने पूछा नहीं। बुधवार को मीरा बाई के पति को लेकर जीआरपी रतलाम से उज्जैन आई। यहां पर स्टेशन के आसपास सुराग तलाशे गये। जीआरपी पति को लेकर इंदौर भी गई। संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्दी ही इस मामले का खुलासा होगा।

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ट्रेन से मिले थे महिला के शव के टुकड़े। – फोटो : अमर उजाला

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बीती 9 जून को इंदौर यार्ड में खड़ी इंदौर-नागदा ट्रेन से महिला का दो हिस्सों में कटा शव मिला था। यह शव सूटकेश और पॉलीथिन में पैक था। 12 जून को इंदौर-प्रयागराज योगनगरी एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी से महिला के शव का शेष हिस्सा प्रयागराज जीआरपी ने जब्त किया था। शव के यह हिस्से चावल की जिस बोरी में रखे गये थे वह उज्जैन ब्रांड था। इस कारण जब प्रयागराज पुलिस ने उज्जैन और जिले के आसपास संपर्क किया तो शव का बाकी हिस्सा इंदौर जीआरपी के पास मिलना पाया गया। प्रयागराज जीआरपी को मिले महिला के कटे हाथ पर मीरा बेन और गोपाल भाई गुदा था। जिसके जरिए इंदौर जीआरपी ने गुमशुदगी के आधार पर महिला की शिनाख्त शुरू की है।

पिछले दिनों रतलाम मंडल की दो ट्रेनों से टुकड़े में मिली महिला की लाश के मामले में घटना का कनेक्शन उज्जैन से निकला है। महिला रतलाम जिले की रहने वाली निकली है, जो घर से उज्जैन जाने के लिए निकली थी। मामले में इंदौर जीआरपी ने महिला के पति को साथ लेकर उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में छानबीन शुरू कर दी है। 

परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला 6 जून को घर से निकली थी, तब उसने मजदूरी के लिए उज्जैन जाने का भी जिक्र किया था। पुलिस को शंका है कि हत्या के बाद उसके शव के टुकड़े कर अलग-अलग ट्रेनों में उज्जैन स्टेशन से रखे गए होंगे। क्योंकि वो दोनों ट्रेनें शाम को एक ही समय पर उज्जैन स्टेशन पर क्रास होती हैं।

मृतका की बहनों के हाथ पर भी गुदा है गोपाल भाई का नाम
इंदौर जीआरपी टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक 12 जून को रतलाम के बिलपांक थाने में दर्ज गुमशुदगी के आधार पर पता चला कि रैन मऊ गांव की मीरा बेन नामक महिला गायब हुई। महिला के पिता का नाम नाथूलाल है। पिता बरसों पहले गुजरात से मऊ आकर बस गये थे। विवाह के बाद मीरा बेन का पति भंवरलाल भी गांव आकर बस गया। यहां ये लोग खेतों पर मजदूरी कर भरण-पोषण करते हैं। उसके हाथ पर लिखा गोपाल भाई नाम उसके भाई का है। उसकी बहनों के हाथ पर भी यही नाम गुदा है। मीरा बाई आदिवासी समाज की है। वहां बचपन में पिता या मां के बदले भाई का नाम हाथ पर लिखवाने का चलन है। मृतका मीरा बाई कुल छह बहने हैं। एक और बहन के हाथ पर भी इसी तरह भाई का नाम लिखा है। 

मृतका की दो बेटियां
पुलिस के मुताबिक महिला की दो बेटियां हैं। दोनों बेटियों को पता नहीं की मां और पिता के बीच कहासुनी हुई। 6 जून को छोटी बेटी ने मीरा को एक थैले में कपड़े रखते हुए देखा था। आमतौर पर वह मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं, तो उसने पूछा नहीं। बुधवार को मीरा बाई के पति को लेकर जीआरपी रतलाम से उज्जैन आई। यहां पर स्टेशन के आसपास सुराग तलाशे गये। जीआरपी पति को लेकर इंदौर भी गई। संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्दी ही इस मामले का खुलासा होगा।

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