न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Wed, 17 Jul 2024 02: 38 PM IST
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि कुछ संत और कथावाचक अपने आप को भगवान का उपासक या पुजारी नहीं मानते हैं, वह खुद को ही भगवान मानने लगे हैं। ऐसे संतों और कथावाचकों को प्रयागराज में होने वाले कुंभ में घुसने नहीं दिया जाएगा। रवींद्र पुरी महाराज, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद
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21 जुलाई को बरेली में सामूहिक धर्म परिवर्तन निकाह कार्यक्रम करवाने की घोषणा मौलाना तौकीर रजा खान ने की। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वह पांच जोड़ों का धर्म परिवर्तन करवाकर निकाह करवाएंगे। लेकिन, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब तक हैं, तब तक वह ऐसा नहीं होने देंगे। 70 साल में पहली बार मोदी जी आए थे, उन्हें विश्वास था कि सभी उनका साथ देंगे, लेकिन उनकी सरकार को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। फिर भी देश में धर्म के नाम पर होने वाले इस तरह के आयोजन न तो इस सरकार के कार्यकाल में हो पाएंगे और न ही साधु संत ऐसे आयोजन होने देगा।
यह बात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समाज ही नहीं संतों में भी दो मानसिकता को मानने वाले लोग हैं, एक मुल्लावादी और दूसरे हिंदूवादी। आज इसी सोच पर देश चल रहा है, कुछ संतों की सोच आज भी कांग्रेसी है जो इसी पर काम कर रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातन को आगे बढ़ाने के लिए जो कार्य किए हैं, वह सभी के सामने हैं फिर चाहे वह राम मंदिर का निर्माण करना हो या फिर उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण। सनातन को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी से अच्छा कोई प्रधानमंत्री नहीं हो सकता है।
खुद भगवान बन बैठे संत और कथावाचक
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि कुछ संत और कथावाचक अपने आप को भगवान का उपासक या पुजारी नहीं मानते हैं, वह खुद को ही भगवान मानने लगे हैं। ऐसे संतों के खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई होती रही है और वर्तमान में भी कार्रवाई की जा रही है। हमने ऐसे संतों को चिन्हित किया है जिन्हें शैव, वैष्णव और उदासीन अखाड़े के माध्यम से नोटिस जारी कर सितंबर तक जवाब मांगे गए हैं। अगर, जवाब नहीं मिलते हैं तो ऐसे संतों और कथावाचकों को प्रयागराज में होने वाले कुंभ में घुसने नहीं दिया जाएगा।
सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाना बंद करें सनातनी
पुरी महाराज ने कहा कि सांप्रदायिक एकता के नाम पर कुछ साधु संत मंच से ही सनातन संस्कृति का मजाक उड़ा रहे हैं। कोई मंच से अल्लाह का नाम लेता है तो कोई नमाज पढ़ने की बात करता है। मंच पर शादी करवाने से भी कहीं न कहीं हमारी संस्कृति और सनातन का उपहास ता है। ऐसे लोगों को भी अब यह जान लेना चाहिए कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की नजरें सभी की ओर हैं। अगर, आप सनातन का अपमान करेंगे तो कार्रवाई जरूर होगी।
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