न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sun, 08 Sep 2024 02: 26 PM IST
मध्य प्रदेश में फिजियोथैरेपी को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर पक्ष विपक्ष के नेता और खिलाड़ियों ने आज विश्व फिजियोथेरेपी डे पर भौतिक चिकित्सकों को शुभकामनाएं प्रेषित की है। सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. सुनील पाण्डेय – फोटो : Amar is ujala
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लोगों की बदलती लाइफस्टाइल और कंप्यूटर-मोबाइल के इस दौर में गर्दन और कमर दर्द आम होता जा रहा है हर दूसरे व्यक्ति को ऐसी परेशानी देखने को मिल रही है। ऐसे में बिना साइड इफेक्ट के फिजियोथेरेपी से इलाज करने का चलन भी तेजी से बढ़ा है। मध्य प्रदेश में फिजियोथैरेपी को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर पक्ष विपक्ष के नेता और खिलाड़ियों ने आज विश्व फिजियोथेरेपी डे पर भौतिक चिकित्सकों को शुभकामनाएं प्रेषित की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक पत्र लिखकर कहा है कि प्रसन्नता का विषय है कि भौतिक चिकित्सक कल्याण संघ, भोपाल द्वारा 8 सितम्बर को विश्व फिजियोथैरेपी दिवस मनाया जा रहा है। फिजियोथैरेपिस्ट चिकित्सकों का युवाओं के साथ ही वरिष्ठ जन में कार्य क्षमता की कमी को दूर करने, खेलकूद के दौरान चोट लगने पर महत्वपूर्ण योगदान है। फिजियोथैरेपी दिवस पर फिजियोथैरेपिस्ट द्वारा निजी क्लीनिक और अस्पतालों में जोड़ों से संबंधित बीमारियों, मरीजों को स्वास्थ्य लाभ, शरीर को स्वस्थ रखने के संबंध में निःशुल्क परामर्श देने का संकल्प सराहनीय है। मुझे आशा है कि विश्व फिजियोथैरेपी दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से फिजियोथैरेपी चिकित्सा से आमजन को जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
खेलों में भी तेजी से बढ़ा फिजियोथैरेपी का उपयोग
राजधानी भोपाल के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. सुनील पाण्डेय ने बताया कि हर साल 8 सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी डे यानी विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को फिजियोथेरेपिस्ट (भौतिक चिकित्सक) की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी जा सके। साथ ही फिजियोथेरेपी क्या है और किस तरह से काम करता है, इसकी जानकारी भी दी जा सके। डॉक्टर पांडे बताते हैं कि फिजियोथेरेपी उपचार की अलग-अलग तकनीकों से शरीर के किसी भी अंग में लगी चोट या दर्द से राहत मिलती है। इन दिनों खेलों में इसका बेहतरीन उपयोग हो रहा है। हर खेल की टीम के साथ एक फिजियोथेरेपिस्ट जरूर होता है।
मेडिसिन के साथ फिजियोथैरेपी हो सकता है बेहतर
डॉ. सुनील पाण्डेय ने बताया कि जहां एक ओर नई-नई बीमारियां बढ़ रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर गलत तरीके से एक्सरसाइज, गलत तरीके से बैठकर या लेटकर मोबाइल, लैपटॉप का इस्तेमाल करने से गर्दन, कमर, घुटना दर्द जैसी दिक्कतें भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में अधिकांश लोग, दर्द निवारण के लिए मेडिसिन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उस दर्द को पूरी तरह से ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा नहीं लेते हैं, जो उनके इलाज के लिए काफी बेहतर साबित हो सकती है।
बगैर दवा के उपयोग ठीक होते हैं कई तरह के दर्द
डॉ सुनील पाण्डेय बताते हैं कि अगर दर्द से जुड़ी हुई दिक्कतें हैं, तो उसको बिना किसी दवाई के और बिना किसी साइड इफेक्ट के फिजियोथेरेपी से ठीक किया जा सकता है। क्योंकि एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी के लिए कोई समय ऐसा निर्धारित नहीं है कि इतने समय तक ही करना है। बल्कि कितने समय तक भी कर सकते हैं। हालांकि, कुछ बीमारियों में शत-प्रतिशत मरीजों को राहत मिल जाती है, लेकिन कुछ बीमारियों में एक सहायक इलाज के रूप में भी इस्तेमाल किया जाया है। वर्तमान समय में योग और रनिंग का प्रचलन काफी अधिक बढ़ गया है। लेकिन बिना किसी सलाह के रनिंग कर रहे हैं तो उसका पैर के घुटनों में काफी असर पड़ता है। इससे ज्वाइंट पेन और हिप ज्वाइंट पेन भी होने की आशंका रहती है। ऐसे में अगर मिनिमम और मैक्सिमम परिधि को ध्यान में रखते हुए अपने रोजमर्रा के जीवन में योग और रनिंग को अपनाते हैं, तो यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
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