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Ministry of Home Affairs: देश में नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू हो चुके हैं. बुधवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह  पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 54 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर ‘नए आपराधिक कानून- नागरिक केंद्रित सुधार विषय’ पर डॉक्टर आनंद स्वरूप गुप्ता स्मृति व्याख्यान को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करेंगे. इस दौरान गृह मंत्री वर्ष 2023 और 2024 के लिए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक विजेताओं को भी सम्मानित करेंगे. साथ ही पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के प्रकाशन ‘इंडियन पुलिस जर्नल’ के नए आपराधिक कानूनों पर विशेष संस्करण का विमोचन करेंगे. पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो थिंक टैंक के तौर पर करता है काम पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो देश के पुलिस बलों को मौजूदा दौर की चुनौतियों से निपटने, संगठनात्मक संसाधनों से लैस कर पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्मार्ट बल के तौर पर विकसित करने में मदद करता है. वर्ष 1970 में अपनी स्थापना के बाद से यह ब्यूरो अनुसंधान एवं विकास में पुलिसिंग में उत्कृष्टता को बढ़ाने के लिए भारतीय पुलिस के थिंक टैंक के तौर पर काम कर रहा है. यह ब्यूरो पुलिस एवं पुलिसिंग के लिए नीतियां और कार्य प्रणाली विकसित करता है ताकि आम लोगों को बेहतर सेवा मिल सके. साथ ही नये तकनीक के प्रयोग, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का क्षमता निर्माण और राज्यों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने का काम करता है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के महानिदेशक के अलावा गृह मंत्रालय एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे.  ReplyForward

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Ministry of Home Affairs: देश में नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू हो चुके हैं. बुधवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह  पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 54 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर ‘नए आपराधिक कानून- नागरिक केंद्रित सुधार विषय’ पर डॉक्टर आनंद स्वरूप गुप्ता स्मृति व्याख्यान को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करेंगे. इस दौरान गृह मंत्री वर्ष 2023 और 2024 के लिए विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक विजेताओं को भी सम्मानित करेंगे. साथ ही पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के प्रकाशन ‘इंडियन पुलिस जर्नल’ के नए आपराधिक कानूनों पर विशेष संस्करण का विमोचन करेंगे.

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो थिंक टैंक के तौर पर करता है काम

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो देश के पुलिस बलों को मौजूदा दौर की चुनौतियों से निपटने, संगठनात्मक संसाधनों से लैस कर पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्मार्ट बल के तौर पर विकसित करने में मदद करता है. वर्ष 1970 में अपनी स्थापना के बाद से यह ब्यूरो अनुसंधान एवं विकास में पुलिसिंग में उत्कृष्टता को बढ़ाने के लिए भारतीय पुलिस के थिंक टैंक के तौर पर काम कर रहा है. यह ब्यूरो पुलिस एवं पुलिसिंग के लिए नीतियां और कार्य प्रणाली विकसित करता है ताकि आम लोगों को बेहतर सेवा मिल सके. साथ ही नये तकनीक के प्रयोग, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का क्षमता निर्माण और राज्यों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने का काम करता है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के महानिदेशक के अलावा गृह मंत्रालय एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. 

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