खंडवा के तीन युवक मणिपुर में पढ़ने गए थे, अब वहां हिंसा में फंस गए हैं। – फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हिंसा और उन्माद अपने चरम पर है। राज्य के लगभग 10 जिले पूरी तरह से हिंसा की चपेट में हैं और आधिकारिक रूप से अब तक राज्य में हुए उपद्रव के कारण करीब 54 लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर की राजधानी इंफाल में मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के तीन विद्यार्थियों सहित प्रदेश अन्य जिलों के लगभग 30 विद्यार्थियों के फंसे होने की खबरें आ रही हैं। खंडवा के छात्रों के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है कि बच्चों को शीघ्र अपने राज्य में लाया जाए।
परिजनों का कहना है कि तीन दिन पहले बच्चों से संपर्क हो पा रहा था, लेकिन अब तो उनके फोन भी नहीं लग रहे हैं और उनसे कोई कांटेक्ट नहीं हो पा रहा है। बता दें कि मणिपुर में इस वक्त सांप्रदायिक उन्माद चरम पर है, और राज्य में कई जगहों पर इंटरनेट और फोन सेवाओं तक को बंद करना पड़ा है। ऐसे में मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय में पड़ने गए खंडवा के तीन छात्रों के परिजनों को अब उनके बच्चों की चिंता सता रही है। खंडवा जिले के तीन छात्र शशिभान तिवारी, हर्ष राव और शिवम राय वहां फंसे हैं। परिजनों के अनुसार उनके बच्चों ने बताया कि जिस हॉस्टल में वे रुके हुए हैं उसके आसपास बमबारी और गोलियां चलने की आवाजें लगातार आ रही हैं। जिससे वे काफी भयभीत हैं। जिस हॉस्टल में वे लोग रह रहे हैं वहां फिलहाल पीने का पानी और खाने की व्यवस्थाएं भी नहीं हो पा रही हैं। वहां रहने वाले सभी बच्चे काफी डरे हुए हैं। हर्ष राव के पिता एस राव ने बताया कि स्थिति बेहद खराब है। बच्चे ने बताया कि कभी भी आगजनी हो रही है। बमबारी होने लगती है। खाने-पीने को कुछ नहीं है। इंटरनेट बंद है। हर्ष ने बताय कि राज्यों के बच्चे तो निकाले जा चुके हैं, हमें भी निकलवाए जल्दी।
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पंधाना विधायक भी लिख चुके सरकार को पत्र
खंडवा सहित प्रदेश के अन्य छात्रों को मणिपुर से लाने के लिए, खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा से विधायक और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राम दांगोरे ने भी मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। जिसमे उन्होने मांग की है कि खंडवा सहित प्रदेश के विद्यार्थियों को मणिपुर से रेस्क्यू कर मध्यप्रदेश लाया जाए । विधायक राम दांगोरे ने बताया कि पत्र लिखे जाने के बाद सीएम हाउस से उनका संपर्क हुआ है और जल्द ही मध्यप्रदेश के सभी छात्रों को सरकार वापस लाएगी।
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