mahakaleshwar-mandir:-भस्म-आरती-में-देवी-के-रूप-में-सजे-महाकाल,-नथनी-पहनी-और-बिंदी-भी-लगाई;-करें-अद्भुत-दर्शन
करें बाबा महाकाल के दर्शन। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह 3 बजे भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी शुक्रवार पर बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। बाबा महाकाल का देवी स्वरूप में श्रृंगार किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के इस अद्भुत स्वरूप के दर्शन  दिए।  श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी पर शुक्रवार को बाबा महाकाल रात 3 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले बाबा महाकाल को स्नान, पंचामृत अभिषेक करने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भागं और ड्रायफ्रूट से देवी स्वरूप में श्रृंगार किया गया। उनके माथे पर बिंदी लगाई और नाक में नथनी भी पहनाई गई। भगवान का श्रृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट धारण कराया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन किए और भस्म आरती का लाभ लिया। इस दौरान हजारों भक्तों ने जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।  भक्त द्वारा रजत मुकुट दान दिया श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुजरात के गांधीनगर से आए भक्त विक्रम सिंह राठौर ने 1 नग चांदी का मुकुट भेंट किया। जिसका वजन लगभग  2753.400 ग्राम है। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के राकेश श्रीवास्तव द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया गया और विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।

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करें बाबा महाकाल के दर्शन। – फोटो : अमर उजाला

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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह 3 बजे भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी शुक्रवार पर बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। बाबा महाकाल का देवी स्वरूप में श्रृंगार किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के इस अद्भुत स्वरूप के दर्शन  दिए। 

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी पर शुक्रवार को बाबा महाकाल रात 3 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले बाबा महाकाल को स्नान, पंचामृत अभिषेक करने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भागं और ड्रायफ्रूट से देवी स्वरूप में श्रृंगार किया गया। उनके माथे पर बिंदी लगाई और नाक में नथनी भी पहनाई गई। भगवान का श्रृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट धारण कराया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन किए और भस्म आरती का लाभ लिया। इस दौरान हजारों भक्तों ने जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया। 

भक्त द्वारा रजत मुकुट दान दिया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुजरात के गांधीनगर से आए भक्त विक्रम सिंह राठौर ने 1 नग चांदी का मुकुट भेंट किया। जिसका वजन लगभग  2753.400 ग्राम है। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के राकेश श्रीवास्तव द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया गया और विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।

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