mahakal-sawari-live:-गोपाल-मंदिर-पहुंची-महाकाल-की-सवारी,-हरि-और-हर-का-मिलन-देख-निहाल-हुए-भक्त,-देखें-लाइव
Mahakal Sawari Live Darshan Today : 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली पांचवीं सोमवार की सवारी आज नगर में धूमधाम से निकल रही है। आज बाबा महाकाल के श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में तथा हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले हैं। 06: 55 PM, 07-Aug-2023 गोपाल मंदिर पहुंची महाकाल की सवारी। - फोटो : सोशल मीडिया हरि का हुआ हर से मिलन नगर भ्रमण के दौरान जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंची वैसे ही गोपाल मंदिर क्षेत्र हरि और हर के नारों से गुंजायमान हो गया। यहां लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन तो किए ही इसके साथ ही वे हरिहर मिलन के साक्षी भी बने। गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने के लिए मुख्य मार्ग पर आए। जहां उन्होंने पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर आरती की। इस दौरान पूरा गोपाल मंदिर क्षेत्र जय शिव ओंकारा की गूंज से गुंजायमान हो गया। याद रहे कि गोपाल मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा 24 खंभा मार्ग से होते हुए पुनः मंदिर पहुंचेगी।  06: 35 PM, 07-Aug-2023 महाकाल की सवारी में कालीचरण महाराज भी शामिल हुए। - फोटो : सोशल मीडिया महाकाल की पांचवी सवारी में कालीचरण महाराज भी शामिल हुए। पहले उन्होंने महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन किए फिर सभामंडप में पूजन किया। वे पूरे सवारी मार्ग पर पैदल घूमे।  पलक झपकते ही कलाकारों ने बनाई आकर्षक रंगोली सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल के आगमन के पहले कलाकार आकर्षक रंगोली बना रहे थे जो कि इतने कम समय में बनाई जा रही थी, जिसे देखकर यह कहा जाए कि पलक झपकते ही कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे। सवारी मार्ग पर बनाई जा रही इस रंगोली से चौराहे भी आकर्षक नजर आ रहे थे। 05: 32 PM, 07-Aug-2023 सवारी में राजसी वेशभूषा में शामिल हुई मुस्कुराके मित्र मंडली - फोटो : सोशल मीडिया सवारी मे राजसी वेशभूषा में शामिल हुई मुस्कुराके मित्र मंडली भारतीय संस्कृति, सनातन इतिहास के विभिन्न राजशाही रूपों का प्रदर्शन श्री महाकालेश्वर की सवारी में मुस्कुराके मंडली द्वारा किया जाता रहा है। आज भी बाबा महाकाल की पांचवी सवारी पर भारतीय संस्कृति के मुस्कुराते इंद्र धनुषीय रूपों, राजसी धरोहरों को युवा तरुणाई एवं उत्सवधर्मियों को प्रदर्शित करते हुए निकले। स्वामी मुस्कुराके शैलेंद्र व्यास ने बताया कि राजसी वेषभूषाओं के लिए गुजरात, सूरत से वस्त्र एवं महाराष्ट्र मुंबई से पगड़ी बनवाई गई है। इसमें सांस्कृतिक, पौराणिक व देशभक्ति के ऐतिहासिक महान व्यक्तित्वों की झलक दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि सवारी में आज के सामयिक विषय बेटी बचाओ, सद्भावना, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत, वंदे मातरम, महाकाल लोक, जय हिंद, तिरंगा ध्वज, नागराज, बाहुबली, लंकेश, मयूर, त्रिशूल, डमरू आदि के साथ सांस्कृतिक प्रदर्शन किया जा रहा है। सवारी में मुस्कुराके मंडली में स्वामी मुस्कुराके (शैलेंद्र व्यास), स्वामी खिलखिलाके (मनोहर गुप्ता नायक), स्वामी दिलमिलाके (पंडित दिनेश रावल), स्वामी लहराके (मोहित गेहलोत) गरिमामय रूप में मनोहारी प्रस्तुति प्रदान की।  बाबा महाकाल की पालकी उठाने वालों का भी है तीन पीढ़ियों का इतिहास विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकालेश्वर मंदिर से वर्षों में निकलने वाली सभी सवारियों में कहार समाज के लोग बाबा की पालकी को कंधों पर उठाते हुए आए हैं। 100 वर्षों से अधिक हो गया है कहार समाज बाबा महाकाल की पालकी की सेवा करता आया है। वर्तमान में पालकी प्रमुख प्रशांत चंदेरी ने बताया कि बाबा महाकाल की सभी सवारियों में कहार समाज के व्यक्ति ही महाकाल बाबा की पालकी उठाते हैं। यह इनकी तीसरी पीढ़ी है, पहले इनके दादा जी फिर इनके पिता जी अब स्वयं बाबा महाकाल की सेवा में वर्षों से पालकी उठाने की सेवा करते आए हैं। वर्षों पहले इनके दादाजी के समय में बाबा महाकाल पालकी लकड़ी की हुआ करती थी। उस समय पालकी उठाने के लिए 25 व्यक्ति हुआ करते थे। मंदिर की तरफ से एक नारियल पतासे की स्वरूप में दिए जाते थे। मेरे दादाजी के निधन के बाद मेरे पिताजी ने पालकी उठाने की सेवा की उनके बाद से मैं तीसरी पीढ़ी हूं। जो लगातार 25 वर्षों से अधिक हो चुके हैं मुझे, अब बाबा महाकाल की पालकी की सेवा कर रहा हूं।  05: 20 PM, 07-Aug-2023 रामघाट पर महाकाल का पूजन हुआ। - फोटो : सोशल मीडिया शिप्रातट पर गूंजा जय श्री महाकाल शिप्रा तट रामघाट पर जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी पहुंची, वैसे ही दत्त अखाड़ा क्षेत्र और रामघाट क्षेत्र पर बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा की एक झलक देखने के साथ ही जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। यहां पर बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से पूजन अर्चन और आरती की गई और फिर सवारी यहीं से महाकाल मंदिर जाने के लिए फिर से शुरू हुई। महाकाल की पांचवी सवारी में लाखों भक्त उमड़े हैं।  04: 34 PM, 07-Aug-2023 महाकाल की पांचवीं सवारी नगर भ्रमण पर निकली। - फोटो : सोशल मीडिया श्रद्धालुओं ने की जय श्री महाकाल के घोष के साथ पुष्पवर्षा भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की। 04: 17 PM, 07-Aug-2023 सभामंडप में चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। - फोटो : सोशल मीडिया सवारी प्रारंभ होने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में षोडशोपचार पूजन-अर्चन श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा करवाया गया। इस दौरान सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी, पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। आरती के पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में और हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट स्वरूप मे विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। सवारी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर को गॉड ऑफ ऑनर सलामी दी गई।  तोपची देते है बाबा महाकाल के आने की सूचना बाबा महाकाल की सवारी मे सबसे आगे तोपची होते हैं जो कि उनके आने की सूचना देते हैं। जैसे ही सवारी आगे बढ़ती है वैसे ही तोप की आवाज इस बात का परिचायक होती है कि सावधान हो जाएं उज्जैन के राजा बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर पधार रहे हैं।  03: 58 PM, 07-Aug-2023 महाकाल की पांचवीं सवारी से पहले सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन किया गया। इस पूजन में पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा किया गया। इस दौरान सभागृह में महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज भी पहुंचे, जिन्होंने भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर उनका आशीर्वाद लिया। महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज ने सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया। सभा मंडप में पूजन के बाद बाबा महाकाल की सवारी शुरू हो गई।  03: 54 PM, 07-Aug-2023 महाकाल पाठक वंश परंपरा से तीसरी पीढ़ी में भगवान के अंगरक्षक का दायित्व संभाल रहे हैं। - फोटो : सोशल मीडिया सवारी आने के पहले आवाज लगाते हैं महाकाल के अंगरक्षक अनंतकोटी...ब्रह्माड नायक...राजाधिराज महाकाल महाराज नगर भ्रमण के लिए पधार रहे हैं। अवंतिकानाथ भगवान महाकाल के अंगरक्षक महाकाल पाठक के इस उद्घोष के साथ ही श्रावण-भदौ मास में भगवान महाकाल की पालकी नगर भ्रमण के लिए रवाना होती है। पाठक तीन पीढ़ी से भगवान के चौबदार अर्थात अंगरक्षक हैं। काफी कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कf सवारी में अश्वरोही दल, सशस्त्र बल की टुकड़ी भी राजवंश की परंपरा का प्रतीक है। इसी प्रकार उनके साथ एक अंगरक्षक भी रहता है, दार इन्हें चौबदार भी कहते हैं जो भगवान के नगर भ्रमण पर रवाना होने तथा पालकी के मंदिर पहुंचने पर भगवान के जाने और आने की घोषणा करते हैं।  02: 16 PM, 07-Aug-2023 श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर भगवान की 7 अगस्त को निकलने वाली पांचवी सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। देखें महाकाल के पांचों स्वरूप श्री चंद्रमौलेश्वर गरुड़ पर शिव तांडव स्वरूप नंदी पर उमामहेश स्वरूप हाथी पर विराजमान श्री मनमहेश बाबा महाकाल का होलकर स्वरूप भगवान महाकाल सवारी को लेकर इस बार और सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए हैं। सवारी मार्ग की लगभग 40 ऊंची बिल्डिंग की छत से भी पुलिस पूरे सवारी इंतजाम पर नजर रखेगी। सभी छत पर दूरबीन लिए पुलिसकर्मी नजर आएंगे, वहीं अन्य जिलों से यहां पदस्थ हुए नए निरीक्षकों को भी सवारी मार्ग के संवेदनशील व भीड़ के दबाव वाले स्थानों पर टीम के साथ लगा दिया गया है।    01: 07 PM, 07-Aug-2023 Mahakal Sawari Live: गोपाल मंदिर पहुंची महाकाल की सवारी, हरि और हर का मिलन देख निहाल हुए भक्त, देखें लाइव सावन के पांचवें सोमवार को महाकालेश्वर भगवान की पांचवीं सवारी निकाली जाएगी। सबसे पहले महाकाल मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान को सलामी देंगे। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई वापस महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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Mahakal Sawari Live Darshan Today : 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली पांचवीं सोमवार की सवारी आज नगर में धूमधाम से निकल रही है। आज बाबा महाकाल के श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में तथा हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले हैं।

06: 55 PM, 07-Aug-2023

गोपाल मंदिर पहुंची महाकाल की सवारी। – फोटो : सोशल मीडिया

हरि का हुआ हर से मिलन
नगर भ्रमण के दौरान जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंची वैसे ही गोपाल मंदिर क्षेत्र हरि और हर के नारों से गुंजायमान हो गया। यहां लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन तो किए ही इसके साथ ही वे हरिहर मिलन के साक्षी भी बने। गोपाल मंदिर के पुजारी बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करने के लिए मुख्य मार्ग पर आए। जहां उन्होंने पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर आरती की। इस दौरान पूरा गोपाल मंदिर क्षेत्र जय शिव ओंकारा की गूंज से गुंजायमान हो गया। याद रहे कि गोपाल मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा 24 खंभा मार्ग से होते हुए पुनः मंदिर पहुंचेगी। 

06: 35 PM, 07-Aug-2023

महाकाल की सवारी में कालीचरण महाराज भी शामिल हुए। – फोटो : सोशल मीडिया

महाकाल की पांचवी सवारी में कालीचरण महाराज भी शामिल हुए। पहले उन्होंने महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन किए फिर सभामंडप में पूजन किया। वे पूरे सवारी मार्ग पर पैदल घूमे। 

पलक झपकते ही कलाकारों ने बनाई आकर्षक रंगोली
सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल के आगमन के पहले कलाकार आकर्षक रंगोली बना रहे थे जो कि इतने कम समय में बनाई जा रही थी, जिसे देखकर यह कहा जाए कि पलक झपकते ही कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे। सवारी मार्ग पर बनाई जा रही इस रंगोली से चौराहे भी आकर्षक नजर आ रहे थे।

05: 32 PM, 07-Aug-2023

सवारी में राजसी वेशभूषा में शामिल हुई मुस्कुराके मित्र मंडली – फोटो : सोशल मीडिया

सवारी मे राजसी वेशभूषा में शामिल हुई मुस्कुराके मित्र मंडली
भारतीय संस्कृति, सनातन इतिहास के विभिन्न राजशाही रूपों का प्रदर्शन श्री महाकालेश्वर की सवारी में मुस्कुराके मंडली द्वारा किया जाता रहा है। आज भी बाबा महाकाल की पांचवी सवारी पर भारतीय संस्कृति के मुस्कुराते इंद्र धनुषीय रूपों, राजसी धरोहरों को युवा तरुणाई एवं उत्सवधर्मियों को प्रदर्शित करते हुए निकले। स्वामी मुस्कुराके शैलेंद्र व्यास ने बताया कि राजसी वेषभूषाओं के लिए गुजरात, सूरत से वस्त्र एवं महाराष्ट्र मुंबई से पगड़ी बनवाई गई है। इसमें सांस्कृतिक, पौराणिक व देशभक्ति के ऐतिहासिक महान व्यक्तित्वों की झलक दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि सवारी में आज के सामयिक विषय बेटी बचाओ, सद्भावना, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत, वंदे मातरम, महाकाल लोक, जय हिंद, तिरंगा ध्वज, नागराज, बाहुबली, लंकेश, मयूर, त्रिशूल, डमरू आदि के साथ सांस्कृतिक प्रदर्शन किया जा रहा है। सवारी में मुस्कुराके मंडली में स्वामी मुस्कुराके (शैलेंद्र व्यास), स्वामी खिलखिलाके (मनोहर गुप्ता नायक), स्वामी दिलमिलाके (पंडित दिनेश रावल), स्वामी लहराके (मोहित गेहलोत) गरिमामय रूप में मनोहारी प्रस्तुति प्रदान की। 

बाबा महाकाल की पालकी उठाने वालों का भी है तीन पीढ़ियों का इतिहास
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकालेश्वर मंदिर से वर्षों में निकलने वाली सभी सवारियों में कहार समाज के लोग बाबा की पालकी को कंधों पर उठाते हुए आए हैं। 100 वर्षों से अधिक हो गया है कहार समाज बाबा महाकाल की पालकी की सेवा करता आया है। वर्तमान में पालकी प्रमुख प्रशांत चंदेरी ने बताया कि बाबा महाकाल की सभी सवारियों में कहार समाज के व्यक्ति ही महाकाल बाबा की पालकी उठाते हैं। यह इनकी तीसरी पीढ़ी है, पहले इनके दादा जी फिर इनके पिता जी अब स्वयं बाबा महाकाल की सेवा में वर्षों से पालकी उठाने की सेवा करते आए हैं। वर्षों पहले इनके दादाजी के समय में बाबा महाकाल पालकी लकड़ी की हुआ करती थी। उस समय पालकी उठाने के लिए 25 व्यक्ति हुआ करते थे। मंदिर की तरफ से एक नारियल पतासे की स्वरूप में दिए जाते थे। मेरे दादाजी के निधन के बाद मेरे पिताजी ने पालकी उठाने की सेवा की उनके बाद से मैं तीसरी पीढ़ी हूं। जो लगातार 25 वर्षों से अधिक हो चुके हैं मुझे, अब बाबा महाकाल की पालकी की सेवा कर रहा हूं। 

05: 20 PM, 07-Aug-2023

रामघाट पर महाकाल का पूजन हुआ। – फोटो : सोशल मीडिया

शिप्रातट पर गूंजा जय श्री महाकाल
शिप्रा तट रामघाट पर जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी पहुंची, वैसे ही दत्त अखाड़ा क्षेत्र और रामघाट क्षेत्र पर बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा की एक झलक देखने के साथ ही जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। यहां पर बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से पूजन अर्चन और आरती की गई और फिर सवारी यहीं से महाकाल मंदिर जाने के लिए फिर से शुरू हुई। महाकाल की पांचवी सवारी में लाखों भक्त उमड़े हैं। 

04: 34 PM, 07-Aug-2023

महाकाल की पांचवीं सवारी नगर भ्रमण पर निकली। – फोटो : सोशल मीडिया

श्रद्धालुओं ने की जय श्री महाकाल के घोष के साथ पुष्पवर्षा
भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।

04: 17 PM, 07-Aug-2023

सभामंडप में चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। – फोटो : सोशल मीडिया

सवारी प्रारंभ होने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में षोडशोपचार पूजन-अर्चन श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा करवाया गया। इस दौरान सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी, पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। आरती के पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में और हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट स्वरूप मे विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। सवारी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर को गॉड ऑफ ऑनर सलामी दी गई। 

तोपची देते है बाबा महाकाल के आने की सूचना
बाबा महाकाल की सवारी मे सबसे आगे तोपची होते हैं जो कि उनके आने की सूचना देते हैं। जैसे ही सवारी आगे बढ़ती है वैसे ही तोप की आवाज इस बात का परिचायक होती है कि सावधान हो जाएं उज्जैन के राजा बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर पधार रहे हैं। 

03: 58 PM, 07-Aug-2023

महाकाल की पांचवीं सवारी से पहले सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन किया गया। इस पूजन में पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा किया गया। इस दौरान सभागृह में महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज भी पहुंचे, जिन्होंने भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर उनका आशीर्वाद लिया। महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज ने सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया। सभा मंडप में पूजन के बाद बाबा महाकाल की सवारी शुरू हो गई। 

03: 54 PM, 07-Aug-2023

महाकाल पाठक वंश परंपरा से तीसरी पीढ़ी में भगवान के अंगरक्षक का दायित्व संभाल रहे हैं। – फोटो : सोशल मीडिया

सवारी आने के पहले आवाज लगाते हैं महाकाल के अंगरक्षक
अनंतकोटी…ब्रह्माड नायक…राजाधिराज महाकाल महाराज नगर भ्रमण के लिए पधार रहे हैं। अवंतिकानाथ भगवान महाकाल के अंगरक्षक महाकाल पाठक के इस उद्घोष के साथ ही श्रावण-भदौ मास में भगवान महाकाल की पालकी नगर भ्रमण के लिए रवाना होती है। पाठक तीन पीढ़ी से भगवान के चौबदार अर्थात अंगरक्षक हैं। काफी कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कf सवारी में अश्वरोही दल, सशस्त्र बल की टुकड़ी भी राजवंश की परंपरा का प्रतीक है। इसी प्रकार उनके साथ एक अंगरक्षक भी रहता है, दार इन्हें चौबदार भी कहते हैं जो भगवान के नगर भ्रमण पर रवाना होने तथा पालकी के मंदिर पहुंचने पर भगवान के जाने और आने की घोषणा करते हैं। 

02: 16 PM, 07-Aug-2023

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर भगवान की 7 अगस्त को निकलने वाली पांचवी सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। देखें महाकाल के पांचों स्वरूप

श्री चंद्रमौलेश्वर

गरुड़ पर शिव तांडव स्वरूप

नंदी पर उमामहेश स्वरूप

हाथी पर विराजमान श्री मनमहेश

बाबा महाकाल का होलकर स्वरूप

भगवान महाकाल सवारी को लेकर इस बार और सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए हैं। सवारी मार्ग की लगभग 40 ऊंची बिल्डिंग की छत से भी पुलिस पूरे सवारी इंतजाम पर नजर रखेगी। सभी छत पर दूरबीन लिए पुलिसकर्मी नजर आएंगे, वहीं अन्य जिलों से यहां पदस्थ हुए नए निरीक्षकों को भी सवारी मार्ग के संवेदनशील व भीड़ के दबाव वाले स्थानों पर टीम के साथ लगा दिया गया है। 
 

01: 07 PM, 07-Aug-2023

Mahakal Sawari Live: गोपाल मंदिर पहुंची महाकाल की सवारी, हरि और हर का मिलन देख निहाल हुए भक्त, देखें लाइव सावन के पांचवें सोमवार को महाकालेश्वर भगवान की पांचवीं सवारी निकाली जाएगी। सबसे पहले महाकाल मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान को सलामी देंगे। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई वापस महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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