सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
Madhya Pradesh Bhawan: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बोले, सुषमा जी भवन के लिए जमीन कैसे मिल सके, इसके लिए वे भी तत्पर रहती थीं। सबकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज हमारा नया मध्यप्रदेश भवन बनकर तैयार हो गया। इस अवसर पर मैं दोनों हाथ जोड़कर सुषमा जी का आभार मानता हूं और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं… Madhya Pradesh Bhawan – फोटो : Agency
विस्तार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद कर भावुक हो गए। सीएम चौहान ने एक समारोह में दोनों हाथ जोड़कर उन्हें धन्यवाद कहा औऱ अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की। दरअसल, सीएम गुरुवार को नई दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित नए मध्यप्रदेश भवन का लोकार्पण करने आए थे। कार्यक्रम में पूर्व विदेश मंत्री का जिक्र करते हुए सीएम चौहान भावुक हो गए।
यादें की साझा
मुख्यमंत्री चौहान ने समारोह में कहा, इस नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन के निर्माण के पीछे पूर्व उपराष्ट्रपति और तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और पूर्व विदेश मंत्री स्व. श्रीमती सुषमा स्वराज का अहम योगदान है। जब हमें नए मध्यप्रदेश भवन के लिए दिल्ली के चाणक्यपुरी क्षेत्र में भूमि की आवश्यकता थी, तब शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू थे। मैं और मेरे अफसरों की टीम जब वेंकैया जी के पास जमीन की मांग के लिए गए, तो उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में जमीन तो है, लेकिन वह विदेश मंत्रालय के अधीन है। उनके साथ तालमेल और अनुमति के बाद ही ज़मीन पर कुछ निर्णय हो सकेगा।
इसके बाद मैं और सभी अफ़सर दिवंगत तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा जी के पास गए। हमने उनसे निवेदन किया कि मध्यप्रदेश के लिए दिल्ली में एक अच्छे भवन का निर्माण करना है। हमें चाणक्यपुरी क्षेत्र में जमींन की आवश्यकता है। उपलब्ध जमीन की जानकारी और उलझनें उनके साथ साझा की। हमारे आग्रह के बाद उन्होंने जमीन उपलब्ध करवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। चाणक्यपुरी जैसे इस इलाके में नए भवन के लिए ज़मीन लेना बहुत कठिन काम था। मैं और मेरे अफ़सर नए भवन की ज़मीन को लेकर रोज फालोअप करते थे। हर बार सुषमा जी भवन के लिए जमीन कैसे मिल सके, इसके लिए वे भी तत्पर रहती थीं। सबकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज हमारा नया मध्यप्रदेश भवन बनकर तैयार हो गया। इस अवसर पर मैं दोनों हाथ जोड़कर सुषमा जी का आभार मानता हूं और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज उनके कारण ही मध्यप्रदेश को नया भवन मिल सका है।
मरीज और सिविल सर्विस एग्जाम देने वाले छात्र भी ठहर सकेंगे
मध्यप्रदेश से सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने वाले और गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दिल्ली आने वाले लोग भी दिल्ली में बने नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन में ठहर सकेंगे। प्रदेश के राजपत्रित अधिकारी-कर्मचारियों को दिल्ली में प्रवास के दौरान रुकने की सुविधा मिलेगी। ऐसे अफसर, जो परिवार समेत दिल्ली गए हैं, उन्हें रुकने के लिए सिर्फ एक रूम ही अलॉट होगा। कमरे उपलब्ध न होने पर रूम शेयर भी करना पड़ सकता है। मप्र भवन में ठहरे अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि के जाने के बाद उस रूम में ठहरे परिवार के सदस्यों को अगले 24 घंटे तक ही ठहरने की सुविधा मिलेगी। सरकारी कर्मचारियों को एक बार की ट्रिप में अधिकतम 7 दिनों तक रुकने की सुविधा मिलेगी। इससे ज्यादा समय में रुकने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी लेनी होगी। वीवीआईपी के लिए आवासीय आयुक्त मप्र भवन के कमरों को रिजर्व कर सकते हैं। देश, विदेश में आपदा के समय मप्र के नागरिकों को दिल्ली में ठहरने के लिए मप्र जाने तक रुकने की अनुमति ट्रांजिट अकॉमोडेशन की सुविधा फ्री मिलेगी। VVIP के लिए रुकने के लिए ये होंगे नियम
पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम, दूसरे राज्यों के राज्यपाल (जो मप्र के मूल निवासी हैं) आदि को एक साल में 30 दिनों तक रुकने की सुविधा मिलेगी। इस अवधि से ज्यादा रुकने पर शुल्क देना होगा। MP हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जज, लोकायुक्त, उप लोकायुक्त, मध्यप्रदेश माध्यस्थम अधिकरण के अध्यक्ष, MPPSC के अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष, मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मध्यप्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त के लिए भी रुकने की खास व्यवस्था रहेगी। विधायक पांच दिन तक रुक सकेंगे। पूर्व सांसद और पूर्व विधायक साल में 15 दिन फ्री रुक सकेंगे। मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक साल में अधिकतम 30 दिन फ्री रुक सकेंगे। राज्य शासन के अधिकारी, कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य, जो चिकित्सा शिक्षा संचालक की अनुशंसा के आधार पर डॉक्टर को दिखाने, जांच और इलाज कराने दिल्ली आए हों, इन्हें एक साल में 15 दिन रुकने की सुविधा मिलेगी। इससे ज्यादा दिनों तक रुकने पर किराए में छूट नहीं मिलेगी। दिल्ली में जांच और इलाज के लिए पहुंचे मप्र के नागरिकों को एक साल में 15 दिनों तक आधी दरों पर रुकने की सुविधा मिलेगी। जबकि काम के सिलसिले में दिल्ली गए मप्र के सेवारत अधिकारी-कर्मचारी 6 दिन तक फ्री रुक सकेंगे। निजी काम से दिल्ली गए मप्र के रिटायर्ड अधिकारी, कर्मचारियों को 3 दिनों तक फ्री रुकने की सुविधा मिलेगी। अशोक चक्र, परमवीर चक्र, महावीर चक्र से सम्मानित मप्र के निवासी सैनिकों को एक साल में 15 दिन फ्री रुकने की सुविधा मिलेगी। दिल्ली में भारतीय सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में पास हो चुके उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए मप्र भवन में एक साल में अधिकतम 10 दिनों तक फ्री में रुकने की सुविधा मिलेगी। मप्र भवन में पात्रता और मंजूरी के बिना यदि कोई रुकता है, तो रूम खाली कराने के साथ ही दोगुनी दरों पर किराया वसूला जाएगा। इसके साथ ही उसे मप्र भवन में हमेशा के लिए ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments