lok-sabha:-ओम-बिरला-फिर-से-बन-सकते-हैं-लोकसभा-अध्यक्ष
Lok Sabha: एनडीए ने स्पीकर पद के लिए ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है.कोटा से सांसद ओम बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता के तौर पर जाना जाता है. अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो वह दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. Lok Sabha, Om Birla Lok Sabha: लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए कल यानी बुधवार (26 जून) को चुनाव होगा. एनडीए ने स्पीकर पद के लिए ओम बरिला को उम्मीदवार बनाया है. ओम बिरला राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद हैं. वो तीसरी बार सांसद चुने गये हैं. अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो वह दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. उन्होंने राजस्थान के कोटा से कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल को हराकर यह सीट जीती है. बता दें प्रह्लाद गुंजल बीजेपी से कांग्रेस में चले गये थे. बिरला ने गुंजल को 41 हजार से अधिक वोटों से हराकर कोटा लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. एनडीए ने बनाया स्पीकर पद का उम्मीदवार ओम बिरला को मंगलवार को एनडीए ने सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया है. यदि वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो दो दशक से अधिक समय में वह इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. वहीं इंडिया गठबंधन ने ओम बिरला के खिलाफ के सुरेश को मैदान में उतारा है. के सुरेश का पूरा नाम कोडिकुनिल सुरेश है. वो कांग्रेस के सांसद हैं. के सुरेश ने मंगलवार को स्पीकर पद के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन दाखिल किया है. कौन हैं ओम बिरला कोटा से सांसद ओम बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने साल 1991 से 2003 तक भाजपा की युवा शाखा के लिए काम किया और इस दौरान भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के संपर्क में आए. 2019 में सबको चौंकाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया. बिरला पहले ऐसे लोकसभा अध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल में कोई लोकसभा उपाध्यक्ष नहीं चुना गया. बिरला के नाम संसद के पुराने और नये दोनों भवनों में लोकसभा की अध्यक्षता करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. कई घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहा है कार्यकाल 17वीं लोकसभा में ओम बिरला का कार्यकाल काफी सुर्खियों में रहा. उनके अध्यक्ष रहने के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित किया गया. इसके अलावा बहुत सारे सांसदों को सदन से निलंबित किए जाने के कारण भी उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा था. सत्रहवीं लोकसभा के दौरान ही 2023 में नयी संसद का उद्घाटन हुआ और नये लोकसभा कक्ष में बिरला ने अध्यक्ष के रूप में निचले सदन की कार्यवाही का संचालन किया. कई अहम कामों का गवाह बना ओम बिरला का कार्यकाल ओम बिरला का पिछला कार्यकाल कई मायनों से अहम रहा था. उनके कार्यकाल के दौरान संसद में अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया. इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून लागू होने, तीन आपराधिक कानून लागू होने समेत कई और अहम विधायी कामकाज हुए. बता दें, बिरला के लिए कोटा जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों रही है. उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी कॉम तथा एम कॉम किया. भाषा इनपुट के साथ Also Read: Pune Porsche Accident: पोर्श कांड मामले में नाबालिग आरोपी को बड़ी राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी बेल

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Lok Sabha: एनडीए ने स्पीकर पद के लिए ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है.कोटा से सांसद ओम बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता के तौर पर जाना जाता है. अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो वह दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे.

Lok Sabha, Om Birla Lok Sabha: लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए कल यानी बुधवार (26 जून) को चुनाव होगा. एनडीए ने स्पीकर पद के लिए ओम बरिला को उम्मीदवार बनाया है. ओम बिरला राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद हैं. वो तीसरी बार सांसद चुने गये हैं. अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो वह दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. उन्होंने राजस्थान के कोटा से कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल को हराकर यह सीट जीती है. बता दें प्रह्लाद गुंजल बीजेपी से कांग्रेस में चले गये थे. बिरला ने गुंजल को 41 हजार से अधिक वोटों से हराकर कोटा लोकसभा सीट से जीत हासिल की है.

एनडीए ने बनाया स्पीकर पद का उम्मीदवार
ओम बिरला को मंगलवार को एनडीए ने सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया है. यदि वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो दो दशक से अधिक समय में वह इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. वहीं इंडिया गठबंधन ने ओम बिरला के खिलाफ के सुरेश को मैदान में उतारा है. के सुरेश का पूरा नाम कोडिकुनिल सुरेश है. वो कांग्रेस के सांसद हैं. के सुरेश ने मंगलवार को स्पीकर पद के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन दाखिल किया है.

कौन हैं ओम बिरला
कोटा से सांसद ओम बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने साल 1991 से 2003 तक भाजपा की युवा शाखा के लिए काम किया और इस दौरान भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के संपर्क में आए. 2019 में सबको चौंकाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया. बिरला पहले ऐसे लोकसभा अध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल में कोई लोकसभा उपाध्यक्ष नहीं चुना गया. बिरला के नाम संसद के पुराने और नये दोनों भवनों में लोकसभा की अध्यक्षता करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है.

कई घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहा है कार्यकाल
17वीं लोकसभा में ओम बिरला का कार्यकाल काफी सुर्खियों में रहा. उनके अध्यक्ष रहने के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित किया गया. इसके अलावा बहुत सारे सांसदों को सदन से निलंबित किए जाने के कारण भी उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा था. सत्रहवीं लोकसभा के दौरान ही 2023 में नयी संसद का उद्घाटन हुआ और नये लोकसभा कक्ष में बिरला ने अध्यक्ष के रूप में निचले सदन की कार्यवाही का संचालन किया.

कई अहम कामों का गवाह बना ओम बिरला का कार्यकाल
ओम बिरला का पिछला कार्यकाल कई मायनों से अहम रहा था. उनके कार्यकाल के दौरान संसद में अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया. इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून लागू होने, तीन आपराधिक कानून लागू होने समेत कई और अहम विधायी कामकाज हुए. बता दें, बिरला के लिए कोटा जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों रही है. उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी कॉम तथा एम कॉम किया. भाषा इनपुट के साथ

Also Read: Pune Porsche Accident: पोर्श कांड मामले में नाबालिग आरोपी को बड़ी राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी बेल