kuno-national-park:-अब-जंगल-में-आजाद-छोड़े-जाएंगे-चीते,-एक-साल-से-बाड़े-में-हैं-बंद,-जानें-कब-किए-जाएंगे-रिहा?
एक साल से बाड़े में बंद हैं चीते। (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के श्योपुर के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में बाड़ों में करीब एक साल से बंद चीते जल्द ही जंगल में छोड़े जाएंगे। केंद्र की चीता परियोजना संचालन समिति ने बीते शुक्रवार को मानसून खत्म होने के बाद चीतों और उनके शावकों को चरणबद्ध तरीके से जंगल में छोड़ने का फैसला किया है। यह जानकारी समिति के अधिकारियों ने पीर्टीआई भाषा को दी।  दरअसल, हाल ही में चीता परियोजना संचालन समिति और एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) के अधिकारियों ने कुनो का दौरा किया था। इस दौरान चीतों को जंगल में छोड़ने को लेकर भी चर्चा की गई थी। अधिकारियों के अनुसार वयस्क चीतों को बारिश खत्म होने के बाद अलग-अलग चरणों में जंगल में छोड़ा जाएगा, जबकि शावक और उनकी मां को दिसंबर महीने के बाद छोड़ा जाएगा।  बता दें कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में इस समय 25 चीते हैं, जिनमें 13 वयस्क और 12 शावक हैं। यह सभी पूरी तरह से स्वस्थ्य है। नामीबिया से आठ चीतों का पहला बैच सितंबर 2022 में भारत लाया गया था और 12 चीतों का दूसरा बैच पिछले साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीकी से लाया गया था। एक साल से बाड़ों में बंद है चीते नामीबिया और दक्षिण अफ्रीकी से चीतों को लाने के कुछ महीने बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया था। लेकिन, संक्रमण के कारण हुई तीन चीतों की मौत के बाद उन्हें पिछले साल अगस्त महीने में वापस बाड़े में बंद कर दिया गया था। सेप्टीसीमिया संक्रमण के कारण नामीबिया से लाई गई मादा चीता त्बिलिसी और दक्षिण अफ्रीकी से लाए गए नर चीजा तेजस और सूरज की मौत हो गई थी।   

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एक साल से बाड़े में बंद हैं चीते। (सांकेतिक तस्वीर) – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश के श्योपुर के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में बाड़ों में करीब एक साल से बंद चीते जल्द ही जंगल में छोड़े जाएंगे। केंद्र की चीता परियोजना संचालन समिति ने बीते शुक्रवार को मानसून खत्म होने के बाद चीतों और उनके शावकों को चरणबद्ध तरीके से जंगल में छोड़ने का फैसला किया है। यह जानकारी समिति के अधिकारियों ने पीर्टीआई भाषा को दी। 

दरअसल, हाल ही में चीता परियोजना संचालन समिति और एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) के अधिकारियों ने कुनो का दौरा किया था। इस दौरान चीतों को जंगल में छोड़ने को लेकर भी चर्चा की गई थी। अधिकारियों के अनुसार वयस्क चीतों को बारिश खत्म होने के बाद अलग-अलग चरणों में जंगल में छोड़ा जाएगा, जबकि शावक और उनकी मां को दिसंबर महीने के बाद छोड़ा जाएगा। 

बता दें कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में इस समय 25 चीते हैं, जिनमें 13 वयस्क और 12 शावक हैं। यह सभी पूरी तरह से स्वस्थ्य है। नामीबिया से आठ चीतों का पहला बैच सितंबर 2022 में भारत लाया गया था और 12 चीतों का दूसरा बैच पिछले साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीकी से लाया गया था।

एक साल से बाड़ों में बंद है चीते
नामीबिया और दक्षिण अफ्रीकी से चीतों को लाने के कुछ महीने बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया था। लेकिन, संक्रमण के कारण हुई तीन चीतों की मौत के बाद उन्हें पिछले साल अगस्त महीने में वापस बाड़े में बंद कर दिया गया था। सेप्टीसीमिया संक्रमण के कारण नामीबिया से लाई गई मादा चीता त्बिलिसी और दक्षिण अफ्रीकी से लाए गए नर चीजा तेजस और सूरज की मौत हो गई थी।   

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