यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की तैयारी के दौरान छात्रों द्वारा महसूस किए जाने वाले दबाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम घर पर सुकून से नहीं रह पा रहे थे.’’ इस साल अबतक सर्वाधिक संख्या में 22 छात्रों ने यहां आत्महत्या की है, जिनमें से दो ने 27 अगस्त को महज कुछ घंटों के अंतराल में आत्महत्या की. पिछले साल 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी. व्यस्त दिनचर्या, कठिन प्रतिस्पर्धा, बेहतर करने का नियमित दबाव, माता-पिता के उम्मीदों का बोझ और घर से दूरी ऐसी समस्याए हैं, जिनका सामना यहां दूसरे शहरों और देश के अन्य हिस्सों से आकर पढ़ाई करने वाले ज्यादातर छात्र महसूस करते हैं.
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