khargone-news:-जिला-अस्पताल-में-डेढ़-दिन-के-बच्चे-की-मौत,-परिजनों-ने-ड्यूटी-डॉक्टर-पर-लगाए-लापरवाही-के-आरोप
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Thu, 29 Aug 2024 05: 44 PM IST बच्चे की मौत के बाद नाराज बच्चे के पिता अजय और परिजन डॉक्टर से मृत्यु का कारण जानने की जिद पर अड़ गए। देर रात तक एसएनसीयू के बाहर ही वे लोग बैठे रहे, जिसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर को बुलवाया गया। अस्पताल में हुआ जमकर हंगामा - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश के खरगोन जिला अस्पताल में बुधवार देर रात शुरू हुआ हंगामा गुरुवार तड़के तक जारी रहा। दरअसल, अस्पताल के एसएनसीयू में हुई डेढ़ दिन के बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल के भीतर जमकर हंगाम कर दिया। तड़के सुबह तक चल रहे इस हंगामे को रोकने के लिए पुलिस सहित नायब तहसीलदार ने परिजनों को समझाइश दी। जहां परिजनों ने डाक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया। बता दें कि देर रात ड्यूटी डॉ. प्रिती साठे से बात करने को लेकर परिजन मृत बच्चे के शव काे लेकर एसएनसीयू के बाहर ही धरने पर बैठ गए। लेकिन इस दौरान डाक्टरों के परिजनों से बात नहीं करने पर परिजनों ने रास्ता बंद करते हुए अस्पताल के सामने ही रोड पर जमा लगाकर विरोध जताया। हालांकि, देर रात चल रहे हंगामे के बाद पुलिस की समझाइश के चलते मामले में मर्ग कायम करवाया गया और ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग के साथ विरोध शांत करवाया गया।बच्चे के शव का पीएम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। इधर, खलघाट निवासी मृतक बच्चे की दादी गायत्री पति महेश ने बताया कि उनकी बहू मनीषा पति अजय को महिला वार्ड क्रंमाक 30 में भर्ती किया गया था। जहां मंगलवार दोपहर करीब एक बजे उसे ऑपरेशन से लड़का हुआ, जिसके बाद डाक्टरों ने बच्चे को हमें दे दिया था। लेकिन वार्ड के डॉक्टरों ने बच्चे को भर्ती कराने के लिए एसएनसीयू में भेज दिया। जबकि वहां के डॉक्टरों ने मना कर दिया था, जिसके बाद बुधवार रात बच्चे की तबियत खराब होने के चलते रात आठ बजे दाेबारा से एसएनसीयू वार्ड में बच्चे को भर्ती करने जाने पर ड्यूटी डॉक्टर ने हमें डेढ़ घंटे तक बाहर ही बैठाये रखा। हम लोगों के बार-बार बोलने के बावजूद बच्चे की जांच नहीं की गई और जब डेढ़ घंटे बाद देखा ताे हमें वे लोग कहने लगे कि आप मरा हुआ बच्चा लाए हो और हमें वार्ड से बाहर कर दिया। यदि समय रहते डाक्टर बच्चे का इलाज कर देते तो शायद बच्चे की जान बच जाती। धरना दे रहे परिजनों से डाक्टर ने नहीं की बात बता दें कि बच्चे की मौत के बाद नाराज बच्चे के पिता अजय और परिजन डॉक्टर से मृत्यु का कारण जानने की जिद पर अड़ गए, जिसको लेकर देर रात तक एसएनसीयू के बाहर ही वे लोग बैठे रहे। उसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर को बुलवाया गया और स्वजनों से बात करवाने की कोशिश की गई। हालांकि, नाराज परिजनों सहित कहार समाज के लोगों की भीड़ देख डॉक्टर बात करे बिना ही वार्ड में लौट गई, जिससे परिजन और अधिक नाराज होकर रास्ता बंद करते हुए जिला अस्पताल के सामने स्थित रोड पर पहुंच गए। उसके बाद पुलिस की समझाइश के बाद वैधानिक कार्रवाई के लिए उन्हें मनाया गया। ऑपरेशन के बाद हुई थी पहली संतान प्रदर्शन कर रहे बच्चे के पिता अजय ने बताया कि यह उनकी पहली संतान थी। जो कि ऑपरेशन से हुई थी। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी मौत हुई है। वहीं, हमारे आक्रोश के बाद डॉक्टरों ने वार्ड के कैमरे भी बंद कर दिए, जिस पर सिविल सर्जन ने फुटेज उपलब्ध करवाने और डिलीट नहीं होने की जिम्मेदारी भी ली है। हमने इसका वीडियो भी बनाया है। हमारी मांग है कि ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए और उसे पद से हटाया जाए। इधर, घटना के बाद अस्पताल में सुरक्षा को लेकर बैठक की जा रही है। वहीं, सिविल सर्जन अमर सिंह चौहान ने इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Thu, 29 Aug 2024 05: 44 PM IST

बच्चे की मौत के बाद नाराज बच्चे के पिता अजय और परिजन डॉक्टर से मृत्यु का कारण जानने की जिद पर अड़ गए। देर रात तक एसएनसीयू के बाहर ही वे लोग बैठे रहे, जिसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर को बुलवाया गया। अस्पताल में हुआ जमकर हंगामा – फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश के खरगोन जिला अस्पताल में बुधवार देर रात शुरू हुआ हंगामा गुरुवार तड़के तक जारी रहा। दरअसल, अस्पताल के एसएनसीयू में हुई डेढ़ दिन के बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल के भीतर जमकर हंगाम कर दिया। तड़के सुबह तक चल रहे इस हंगामे को रोकने के लिए पुलिस सहित नायब तहसीलदार ने परिजनों को समझाइश दी। जहां परिजनों ने डाक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया।

बता दें कि देर रात ड्यूटी डॉ. प्रिती साठे से बात करने को लेकर परिजन मृत बच्चे के शव काे लेकर एसएनसीयू के बाहर ही धरने पर बैठ गए। लेकिन इस दौरान डाक्टरों के परिजनों से बात नहीं करने पर परिजनों ने रास्ता बंद करते हुए अस्पताल के सामने ही रोड पर जमा लगाकर विरोध जताया। हालांकि, देर रात चल रहे हंगामे के बाद पुलिस की समझाइश के चलते मामले में मर्ग कायम करवाया गया और ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग के साथ विरोध शांत करवाया गया।बच्चे के शव का पीएम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।

इधर, खलघाट निवासी मृतक बच्चे की दादी गायत्री पति महेश ने बताया कि उनकी बहू मनीषा पति अजय को महिला वार्ड क्रंमाक 30 में भर्ती किया गया था। जहां मंगलवार दोपहर करीब एक बजे उसे ऑपरेशन से लड़का हुआ, जिसके बाद डाक्टरों ने बच्चे को हमें दे दिया था। लेकिन वार्ड के डॉक्टरों ने बच्चे को भर्ती कराने के लिए एसएनसीयू में भेज दिया। जबकि वहां के डॉक्टरों ने मना कर दिया था, जिसके बाद बुधवार रात बच्चे की तबियत खराब होने के चलते रात आठ बजे दाेबारा से एसएनसीयू वार्ड में बच्चे को भर्ती करने जाने पर ड्यूटी डॉक्टर ने हमें डेढ़ घंटे तक बाहर ही बैठाये रखा। हम लोगों के बार-बार बोलने के बावजूद बच्चे की जांच नहीं की गई और जब डेढ़ घंटे बाद देखा ताे हमें वे लोग कहने लगे कि आप मरा हुआ बच्चा लाए हो और हमें वार्ड से बाहर कर दिया। यदि समय रहते डाक्टर बच्चे का इलाज कर देते तो शायद बच्चे की जान बच जाती।

धरना दे रहे परिजनों से डाक्टर ने नहीं की बात
बता दें कि बच्चे की मौत के बाद नाराज बच्चे के पिता अजय और परिजन डॉक्टर से मृत्यु का कारण जानने की जिद पर अड़ गए, जिसको लेकर देर रात तक एसएनसीयू के बाहर ही वे लोग बैठे रहे। उसके बाद पुलिस और नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर को बुलवाया गया और स्वजनों से बात करवाने की कोशिश की गई। हालांकि, नाराज परिजनों सहित कहार समाज के लोगों की भीड़ देख डॉक्टर बात करे बिना ही वार्ड में लौट गई, जिससे परिजन और अधिक नाराज होकर रास्ता बंद करते हुए जिला अस्पताल के सामने स्थित रोड पर पहुंच गए। उसके बाद पुलिस की समझाइश के बाद वैधानिक कार्रवाई के लिए उन्हें मनाया गया।

ऑपरेशन के बाद हुई थी पहली संतान
प्रदर्शन कर रहे बच्चे के पिता अजय ने बताया कि यह उनकी पहली संतान थी। जो कि ऑपरेशन से हुई थी। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी मौत हुई है। वहीं, हमारे आक्रोश के बाद डॉक्टरों ने वार्ड के कैमरे भी बंद कर दिए, जिस पर सिविल सर्जन ने फुटेज उपलब्ध करवाने और डिलीट नहीं होने की जिम्मेदारी भी ली है। हमने इसका वीडियो भी बनाया है। हमारी मांग है कि ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए और उसे पद से हटाया जाए। इधर, घटना के बाद अस्पताल में सुरक्षा को लेकर बैठक की जा रही है। वहीं, सिविल सर्जन अमर सिंह चौहान ने इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है।

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