khargone:-309-किमी.-लंबी-इंदौर-मनमाड़-रेलवे-लाइन-को-मंजूरी,-दो-राज्यों-के-छह-जिलों-के-व्यापार-को-लगेंगे-पंख
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Tue, 03 Sep 2024 08: 21 AM IST केंद्रीय रेल मंत्रालय के इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से जहां एक ओर मध्यप्रदेश के चार जिलों इंदौर, धार, बड़वानी और खरगोन जिले को फायदा मिलेगा, तो वहीं महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी इसका लाभ होगा। इंदौर मनमाड़ रेलवे परियोजना को मिली मंजरी विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्यप्रदेश के मालवा और निमाड़ अंचल को जोड़ने वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना को केंद्र सरकार से भी मंजूरी मिल गई है। इससे अब यहां 309 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाए जाने की प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। इसके पूरे होने के बाद इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी। बता दें कि अभी इंदौर से गुजरात होकर ट्रेन मुंबई की ओर जाती है। वहीं, इस परियोजना से निमाड़ अंचल को भी खासा लाभ होगा। रेलवे की इस परियोजना पर केंद्र सरकार को 18 हजार करोड़ का खर्च आने वाला है। वहीं, इस परियोजना के महाराष्ट्र वाले हिस्से का काम भी शुरू हो चुका है, जिसके बाद अब मध्य प्रदेश के हिस्से में काम शुरू किया जाएगा। बीते साल ही रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए सर्वे का कार्य पूर्ण कराया था। दो राज्यों के छह जिलों को मिलेगा फायदा केंद्रीय रेल मंत्रालय के इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से जहां एक ओर मध्यप्रदेश के चार जिलों इंदौर, धार, बड़वानी और खरगोन जिले को फायदा मिलेगा, तो वहीं महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी इसका लाभ होगा। परियोजना पूरी होने के बाद प्रदेश के पीथमपुर से रेल मार्ग के जरिए माल ढुलाई में भी आसानी होगी। मांडू और महेश्वर जैसे पर्यटन क्षेत्र भी सीधे सीधे रेल पटरियों से जुड़ सकेंगे। वहीं, निमाड़ के खरगोन, बड़वानी जिलों के किसानों को अपनी उपज महाराष्ट्र तक पहुंचाने में भी आसानी होगी। इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में करीब 309 किलोमीटर का इजाफा होगा तो वहीं 30 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिससे लगभग 1,000 गांवों के साथ ही करीब 30 लाख आबादी को सीधा रेलवे से जुड़ेगी।  इंदौर बनेगा रेलवे हब इस परियोजना को लेकर खरगोन बड़वानी लोकसभा क्षेत्र से सांसद गजेंद्र पटेल ने बताया कि उन्होंने इंदौर मनमाड़ रेल लाइन के लिए 8 नवंबर 2021 को एक पत्र के माध्यम से मांग उठाई थी। लगातार इसके लिए प्रयासरत रहे। जिसके बाद वे इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के लिए इंदौर संभाग और महाराष्ट्र के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले थे। पीएम मोदी ने इस रेल लाइन के महत्व को समझा और प्रोजेक्ट मंजूर किया। इसके चलते अब इंदौर भी रेलवे का हब बनेगा और इंदौर से दक्षिण के राज्यों के साथ साथ महाराष्ट्र के राज्यों की कनेक्टिविटी भी हो जाएगी। परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़  बता दें कि, निर्माण कार्य के दौरान यह परियोजना करीब 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी। इसका निर्माण करीब 18,036 करोड़ की कुल लागत से किया जाएगा। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित इस नई रेल लाइन से जहां क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो वहीं इससे आम लोगों के साथ वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए सीधा संपर्क बन सकेगा। यह लाइन वर्ष 2028-29 तक बनकर पूरी हो सकती है। पर्यावरण को होगा 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर फायदा बता दें कि इस नई रेल परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर में शामिल 90 बड़ी इकाइयों के साथ ही 700 छोटे और मध्यम उद्योगों का भी जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्यों के बंदरगाहों से सीधा संपर्क जुड़ सकेगा। मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी इससे फायदा होगा। कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए भी यह रूट महत्वपूर्ण माना जाता है। जिसके पूरा होने के बाद करीब 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की इस रूट के जरिए माल ढुलाई बढ़ने का अंदेशा है। माना जाता है कि रेलवे पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही आसान परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने के साथ ही तेल आयात को 18 करोड़ लीटर से कम करने और कार्बन डाइक्साइड उत्सर्जन को 138 करोड़ किलोग्राम तक कम करने में भी मदद करेगा। यह करीब 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा । रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Tue, 03 Sep 2024 08: 21 AM IST

केंद्रीय रेल मंत्रालय के इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से जहां एक ओर मध्यप्रदेश के चार जिलों इंदौर, धार, बड़वानी और खरगोन जिले को फायदा मिलेगा, तो वहीं महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी इसका लाभ होगा। इंदौर मनमाड़ रेलवे परियोजना को मिली मंजरी

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

मध्यप्रदेश के मालवा और निमाड़ अंचल को जोड़ने वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना को केंद्र सरकार से भी मंजूरी मिल गई है। इससे अब यहां 309 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाए जाने की प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। इसके पूरे होने के बाद इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी। बता दें कि अभी इंदौर से गुजरात होकर ट्रेन मुंबई की ओर जाती है। वहीं, इस परियोजना से निमाड़ अंचल को भी खासा लाभ होगा। रेलवे की इस परियोजना पर केंद्र सरकार को 18 हजार करोड़ का खर्च आने वाला है। वहीं, इस परियोजना के महाराष्ट्र वाले हिस्से का काम भी शुरू हो चुका है, जिसके बाद अब मध्य प्रदेश के हिस्से में काम शुरू किया जाएगा। बीते साल ही रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए सर्वे का कार्य पूर्ण कराया था।

दो राज्यों के छह जिलों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय रेल मंत्रालय के इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से जहां एक ओर मध्यप्रदेश के चार जिलों इंदौर, धार, बड़वानी और खरगोन जिले को फायदा मिलेगा, तो वहीं महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी इसका लाभ होगा। परियोजना पूरी होने के बाद प्रदेश के पीथमपुर से रेल मार्ग के जरिए माल ढुलाई में भी आसानी होगी। मांडू और महेश्वर जैसे पर्यटन क्षेत्र भी सीधे सीधे रेल पटरियों से जुड़ सकेंगे। वहीं, निमाड़ के खरगोन, बड़वानी जिलों के किसानों को अपनी उपज महाराष्ट्र तक पहुंचाने में भी आसानी होगी। इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में करीब 309 किलोमीटर का इजाफा होगा तो वहीं 30 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिससे लगभग 1,000 गांवों के साथ ही करीब 30 लाख आबादी को सीधा रेलवे से जुड़ेगी। 

इंदौर बनेगा रेलवे हब
इस परियोजना को लेकर खरगोन बड़वानी लोकसभा क्षेत्र से सांसद गजेंद्र पटेल ने बताया कि उन्होंने इंदौर मनमाड़ रेल लाइन के लिए 8 नवंबर 2021 को एक पत्र के माध्यम से मांग उठाई थी। लगातार इसके लिए प्रयासरत रहे। जिसके बाद वे इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के लिए इंदौर संभाग और महाराष्ट्र के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले थे। पीएम मोदी ने इस रेल लाइन के महत्व को समझा और प्रोजेक्ट मंजूर किया। इसके चलते अब इंदौर भी रेलवे का हब बनेगा और इंदौर से दक्षिण के राज्यों के साथ साथ महाराष्ट्र के राज्यों की कनेक्टिविटी भी हो जाएगी।

परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ 
बता दें कि, निर्माण कार्य के दौरान यह परियोजना करीब 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी। इसका निर्माण करीब 18,036 करोड़ की कुल लागत से किया जाएगा। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित इस नई रेल लाइन से जहां क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो वहीं इससे आम लोगों के साथ वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए सीधा संपर्क बन सकेगा। यह लाइन वर्ष 2028-29 तक बनकर पूरी हो सकती है।

पर्यावरण को होगा 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर फायदा
बता दें कि इस नई रेल परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर में शामिल 90 बड़ी इकाइयों के साथ ही 700 छोटे और मध्यम उद्योगों का भी जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्यों के बंदरगाहों से सीधा संपर्क जुड़ सकेगा। मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी इससे फायदा होगा। कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए भी यह रूट महत्वपूर्ण माना जाता है। जिसके पूरा होने के बाद करीब 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की इस रूट के जरिए माल ढुलाई बढ़ने का अंदेशा है। माना जाता है कि रेलवे पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही आसान परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने के साथ ही तेल आयात को 18 करोड़ लीटर से कम करने और कार्बन डाइक्साइड उत्सर्जन को 138 करोड़ किलोग्राम तक कम करने में भी मदद करेगा। यह करीब 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा ।

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