न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: अरविंद कुमार Updated Sat, 18 May 2024 10: 53 PM IST
खरगोन की कपास मंडी में अन्य कंपनी के बीज लेने के लिए किसानों को की जा रही अपील के बाद भी किसान राशि 659 के लिए कतारे लगाए रहे। किसान – फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश के खरगोन नगर की कपास मंडी में शनिवार सुबह से ही कपास बीज लेने वाले किसानों की लंबी-लंबी लाइन देखने को मिली। बड़ी संख्या में राशि 659 वैरायटी के कपास बीज को लेने पहुंचे किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यहां पुलिस व्यवस्था भी करनी पड़ी, तो वहीं कृषि अधिकारी लगातार किसानों को समझाते दिखे कि यह वैरायटी अभी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा दूसरी वैरायटी का कपास लगाने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी। हालांकि, किसान राशि 659 वैरायटी का कपास बीज ही चाहते थे, जिसके लिए दोपहर तक ही करीब 2000 से अधिक टोकन किसानों के द्वारा ले लिए गए थे।
खरगोन की कपास मंडी में अन्य कम्पनी के बीज लेने के लिये किसानों को की जा रही अपील के बाद भी किसान राशि 659 के लिये कतारे लगा रहे हैं। शनिवार को भी किसानों की बीज लेने के लिये मानो होड़ नजर आई। हालांकि, प्रशासन ने व्यवस्थाओ में बदलाव कर कृषि उपज मंडी की जगह कपास मंडी में टोकन वितरण की व्यवस्था कर रखी थी। यहां तहसीलदार, पटवारी सहित पुलिस की मौजूदगी में टोकन बांटे गए।
हालांकि, किसानों को बीज नहीं मिल पाया। यहां भी टोकन वितरण के दौरान एनाउंसमेंट के जरिये सूचना दी गई कि फिलहाल दुकान पर बीज की कमी है। टोकन लेने के बाद दुकान पर बीज नहीं मिलने पर इंतजार करें। वहीं, शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू हुए टोकन वितरण के बाद दोपहर तक करीब 2 हजार टोकन बांटे गए। साथ ही किसानों को सलाह दी गयी है कि अन्य कम्पनी का बीज बाजार में उपलब्ध है, एक ही वैरायटी के लिये परेशान न हों।
वहीं जिले के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी गिरधारी भावर ने बताया कि यहां कपास वितरण के लिए लाइन लगी हुई है, और किसान कपास की विशेष किस्म के पीछे जा रहे हैं। उन्हें राशि 659 वैरायटी चाहिए जो कि अभी जिले में उपलब्ध नहीं है, उसके लिए किसान लाइन लगा रहे हैं। बजाय इसके अन्य वैरायटी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि लोगों को आसानी से वैरायटी उपलब्ध हो।
हालांकि बीज आ रहा है और किसानों को दिया भी जा रहा है, पर उन्हें अधिक रेट में न मिले, इसलिए उन्हें यहां बुलाकर दिया जा रहा है, जिससे किसानों को नुकसान न हो। और उधर अनाज मंडी में किसानों के खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। इसलिए यहां कपास मंडी में उन्हें शिफ्ट किया है, क्योंकि यहां पर्याप्त मात्रा में शेड का इंतजाम है।
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