khandwa-news:-पेंशन-प्रकरण-को-पास-करने-के-एवज-में-रिश्वत-मांग-रहा-था-बाबू,-लोकायुक्त-पुलिस-ने-किया-ट्रैप
रिश्वत मांग रहे बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने किया ट्रैप। विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के खंडवा नगर में गुरुवार दोपहर इंदौर से आई लोकायुक्त पुलिस टीम ने एक बड़ी ट्रैप कार्रवाई करते हुए एक रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के बाबू ने ग्रामीण अंचल से सेवानिवृत्त हुए एक कर्मचारी से पेंशन प्रकरण स्वीकृत करवाने के एवज में 18,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। सेवानिवृत्त कर्मचारी का आरोप है कि बाबू ने उच्च अधिकारियों तक राशि पहुंचाने की बात कही थी। करीब महीने भर से भटका रहा था। अंत में 7,000 रुपये की रिश्वत देकर मामला सुलझाने पर सहमति बनी। फरियादी ने इंदौर लोकायुक्त पुलिस से संपर्क साधकर रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों पकड़ा दिया। Trending Videos खंडवा जिले के जावर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर के पद पर पदस्थ विजय सिंह सोलंकी करीब दो माह पहले शासकीय सेवा से रिटायर हुए थे। इसके बाद से ही वे अपने पेंशन प्रकरण को पास करवाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड-तीन के पद पर पदस्थ बाबू पीयूष चौकड़े उन्हें भटका रहा था। पेंशन प्रकरण स्वीकृत करवाने के एवज में 18,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था। हालांकि, कर्मचारी विजय सिंह रिश्वत देने को तैयार नहीं थे। अंत में 7,000 रुपये की रिश्वत पर सहमति बनी। लोकायुक्त पुलिस की भूमिका  फरियादी विजय सिंह ने लोकायुक्त पुलिस व्हाट्सएप पर संदेश भेजा। भोपाल लोकायुक्त ने उन्हें इंदौर लोकायुक्त के अधिकारियों का नंबर दिया। उन्होंने अपनी फरियाद उन्हें सुनाई। इसके बाद ट्रैप की कार्रवाई प्लान की गई। गुरुवार को इंदौर से आए लोकायुक्त दल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। विजय ने रिश्वतखोर बाबू को 7,000 रुपये नगद दिए और पैसे लेते ही लोकायुक्त टीम को इशारा किया। इसके बाद आरोपी पीयूष चौकड़े को रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया और उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है। दो महीने से भटका रहा था बाबू फरियादी विजय सिंह ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद से ही वे अपने पेंशन और जीपीएफ प्रकरण को लेकर परेशान थे। मेहनत का पैसा रिश्वत में नहीं देना चाह रहे थे। उन्होंने लोकायुक्त पुलिस को लिखित शिकायत दी। गुरुवार को रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल ने बताया कि फरियादी ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी और पूरी कार्रवाई की गई। आरोपी के विरुद्ध साक्ष्य इकट्ठा कर प्रकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे न्यायालय में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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रिश्वत मांग रहे बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने किया ट्रैप।

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मध्य प्रदेश के खंडवा नगर में गुरुवार दोपहर इंदौर से आई लोकायुक्त पुलिस टीम ने एक बड़ी ट्रैप कार्रवाई करते हुए एक रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के बाबू ने ग्रामीण अंचल से सेवानिवृत्त हुए एक कर्मचारी से पेंशन प्रकरण स्वीकृत करवाने के एवज में 18,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। सेवानिवृत्त कर्मचारी का आरोप है कि बाबू ने उच्च अधिकारियों तक राशि पहुंचाने की बात कही थी। करीब महीने भर से भटका रहा था। अंत में 7,000 रुपये की रिश्वत देकर मामला सुलझाने पर सहमति बनी। फरियादी ने इंदौर लोकायुक्त पुलिस से संपर्क साधकर रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों पकड़ा दिया।

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खंडवा जिले के जावर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर के पद पर पदस्थ विजय सिंह सोलंकी करीब दो माह पहले शासकीय सेवा से रिटायर हुए थे। इसके बाद से ही वे अपने पेंशन प्रकरण को पास करवाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड-तीन के पद पर पदस्थ बाबू पीयूष चौकड़े उन्हें भटका रहा था। पेंशन प्रकरण स्वीकृत करवाने के एवज में 18,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था। हालांकि, कर्मचारी विजय सिंह रिश्वत देने को तैयार नहीं थे। अंत में 7,000 रुपये की रिश्वत पर सहमति बनी।

लोकायुक्त पुलिस की भूमिका 
फरियादी विजय सिंह ने लोकायुक्त पुलिस व्हाट्सएप पर संदेश भेजा। भोपाल लोकायुक्त ने उन्हें इंदौर लोकायुक्त के अधिकारियों का नंबर दिया। उन्होंने अपनी फरियाद उन्हें सुनाई। इसके बाद ट्रैप की कार्रवाई प्लान की गई। गुरुवार को इंदौर से आए लोकायुक्त दल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। विजय ने रिश्वतखोर बाबू को 7,000 रुपये नगद दिए और पैसे लेते ही लोकायुक्त टीम को इशारा किया। इसके बाद आरोपी पीयूष चौकड़े को रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया और उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है।

दो महीने से भटका रहा था बाबू
फरियादी विजय सिंह ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद से ही वे अपने पेंशन और जीपीएफ प्रकरण को लेकर परेशान थे। मेहनत का पैसा रिश्वत में नहीं देना चाह रहे थे। उन्होंने लोकायुक्त पुलिस को लिखित शिकायत दी। गुरुवार को रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल ने बताया कि फरियादी ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी और पूरी कार्रवाई की गई। आरोपी के विरुद्ध साक्ष्य इकट्ठा कर प्रकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे न्यायालय में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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