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मोहन भागवत ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के किए दर्शन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी कार्यालय में ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है। वहीं, दूसरी ओर आरएसएस भी अपनी तैयारी में जुट गया है। चुनावों को देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस समय मध्यप्रदेश दौरे पर हैं। इसी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार सुबह ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन और मां नर्मदा का पूजन-अभिषेक किया। इसके अलावा उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के दर्शन भी किए। सोम यज्ञ में शामिल हुए मंदिर ट्रस्ट के पुजारी पंडित डंकेश्वर दीक्षित राम परसाई और निलेश पुरोहित ने पूजन कराया। ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह और ट्रस्टी जंग बहादुर सिंह ने उन्हें भगवान भोलेनाथ का छायाचित्र भेंट कर स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में शोम यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ओंकारेश्वर पहुंचे। संघ प्रमुख के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी। बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी एवं विशेष पुलिस बल तैनात किया गया है। संघ प्रमुख पंचायती महांनिरंजनी अखाड़े में सोम यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यज्ञ के मुख्य अजमान पंडित सोहता आप्टे अग्निहोत्री ने कार्यक्रम अनुष्ठान की जानकारी देते हुए बताया कि सोम यज्ञ छह दिवसीय होगा, जिसे पूरी वैदिक पद्धति से किया जाएगा। कार्यक्रम में संघ से जुड़े हुए प्रमुख लोग सहित देश के विभिन्न हिस्सों से धर्मावलंबी शामिल होंगे। संघ से जुड़े सुदर्शन पवार ने बताया कि संघ प्रमुख ओंकारेश्वर पहुंच गए हैं। वह शुक्रवार सुबह छह बजे श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर यज्ञ स्थल पर पहुंचकर आहुति अर्पित की। पंडित आप्टे ने बताया कि अग्निहोत्री व्रतधारक ही इस यज्ञ का यजमान बन सकता है। यज्ञ के माध्यम से वर्षा वातावरण पंचमहाभूत आकाश वायु अग्नि जल पृथ्वी की शुद्धि यज्ञ के माध्यम से करना है। ताकि हर मौसम अनुकूल रहे वातावरण शुद्ध रहे। अग्निहोत्र पंडित ने बताया कि अग्निहोत्री यज्ञ धारक यजमान यज्ञ प्रारंभ होने से दो दिन पूर्व भी अन्य फल दूध दही सहित अन्य खाद्य पदार्थ त्याग देते हैं। केवल जल और नींबू पानी पर ही छह दिनों तक इस व्रत का पालन करते हैं। यह जमीन विश्राम सहित अन्य कठिन नियमों का पालन करते हैं। श्री श्री रविशंकर महाराज के आश्रम में नर्मदा तट पर रात्रि विश्राम करेंगे एवं संघ से जुड़े लोगों से भी चर्चा करेंगे। मोहन भागवत ने ओंकारेश्वर ओंकार पर्वत पर भगवान आदिगुरु शंकराचार्य जी की 108 फीट की ऊंची प्रतिमा के दर्शन भी किया।

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मोहन भागवत ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के किए दर्शन – फोटो : अमर उजाला

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मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी कार्यालय में ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है। वहीं, दूसरी ओर आरएसएस भी अपनी तैयारी में जुट गया है। चुनावों को देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस समय मध्यप्रदेश दौरे पर हैं। इसी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार सुबह ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन और मां नर्मदा का पूजन-अभिषेक किया। इसके अलावा उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के दर्शन भी किए।

सोम यज्ञ में शामिल हुए मंदिर ट्रस्ट के पुजारी पंडित डंकेश्वर दीक्षित राम परसाई और निलेश पुरोहित ने पूजन कराया। ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह और ट्रस्टी जंग बहादुर सिंह ने उन्हें भगवान भोलेनाथ का छायाचित्र भेंट कर स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में शोम यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ओंकारेश्वर पहुंचे। संघ प्रमुख के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी। बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी एवं विशेष पुलिस बल तैनात किया गया है।

संघ प्रमुख पंचायती महांनिरंजनी अखाड़े में सोम यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यज्ञ के मुख्य अजमान पंडित सोहता आप्टे अग्निहोत्री ने कार्यक्रम अनुष्ठान की जानकारी देते हुए बताया कि सोम यज्ञ छह दिवसीय होगा, जिसे पूरी वैदिक पद्धति से किया जाएगा। कार्यक्रम में संघ से जुड़े हुए प्रमुख लोग सहित देश के विभिन्न हिस्सों से धर्मावलंबी शामिल होंगे। संघ से जुड़े सुदर्शन पवार ने बताया कि संघ प्रमुख ओंकारेश्वर पहुंच गए हैं। वह शुक्रवार सुबह छह बजे श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर यज्ञ स्थल पर पहुंचकर आहुति अर्पित की। पंडित आप्टे ने बताया कि अग्निहोत्री व्रतधारक ही इस यज्ञ का यजमान बन सकता है। यज्ञ के माध्यम से वर्षा वातावरण पंचमहाभूत आकाश वायु अग्नि जल पृथ्वी की शुद्धि यज्ञ के माध्यम से करना है। ताकि हर मौसम अनुकूल रहे वातावरण शुद्ध रहे।

अग्निहोत्र पंडित ने बताया कि अग्निहोत्री यज्ञ धारक यजमान यज्ञ प्रारंभ होने से दो दिन पूर्व भी अन्य फल दूध दही सहित अन्य खाद्य पदार्थ त्याग देते हैं। केवल जल और नींबू पानी पर ही छह दिनों तक इस व्रत का पालन करते हैं। यह जमीन विश्राम सहित अन्य कठिन नियमों का पालन करते हैं। श्री श्री रविशंकर महाराज के आश्रम में नर्मदा तट पर रात्रि विश्राम करेंगे एवं संघ से जुड़े लोगों से भी चर्चा करेंगे। मोहन भागवत ने ओंकारेश्वर ओंकार पर्वत पर भगवान आदिगुरु शंकराचार्य जी की 108 फीट की ऊंची प्रतिमा के दर्शन भी किया।

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