khandwa:-यात्रीगण-कृपया-ध्यान-दें!-खंडवा-स्टेशन-से-ट्रेनों-का-संचालन-अगले-आठ-दिनों-तक-रहेगा-बंद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Sun, 14 Jul 2024 08: 03 PM IST खंडवा स्टेशन पर कई ट्रैकों को फिलहाल खोल दिया गया है, और उन पर सुधार कार्य किया जा रहा है। इसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे ने यहां ब्लॉक लिया है, और इसी के चलते यहां कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। खंडवा स्टेशन से ट्रेनों का संचालन हुआ बंद विस्तार Follow Us यात्रीगण कृपया ध्यान दें! मध्य प्रदेश के दिल्ली-मुंबई मार्ग पर पड़ने वाले, देश के इकलौते चार जोनों को जोड़ने वाले, खंडवा जंक्शन पर फिलहाल ट्रेनों का संचालन लगभग बंद कर दिया गया है, या कई ट्रेनों का रूट डाइवर्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल यहां 30 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया है, तो वहीं इतनी ही ट्रेनों का रूट डायवर्ट करते हुए उन्हें इटारसी या भुसावल के रास्ते से गुजारा जा रहा है। यह स्थिति अगले 8 से 10 दिनों तक रहने वाली है। हालांकि इस दौरान कुछ लंबी दूरी की गाड़ियों को जरूर यहां से गुजारा जाएगा, लेकिन आगामी 21 एवं 22 तारीख को यहां पर मेगा ब्लॉक लिया जाना है। इस दौरान पूरी तरह से ट्रेनों का यहां से संचालन बंद रहेगा। रेलवे सूत्रों की मानें तो, यह पूरा कार्य गेज कन्वर्जन के बाद सुरक्षा की दृष्टि से करवाया जा रहा है। इसके बाद खंडवा स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन आधुनिक सिग्नल प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। तो वहीं इससे रेलवे की सुरक्षा भी अचूक बनेगी। हालांकि तब तक यात्रियों को कुछ समस्याओं का सामना तो जरूर करना पड़ सकता है। इधर खंडवा में किए जा रहे हैं। इंटरलॉकिंग और मेगा ब्लॉक को लेकर यहां के रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य मनोज सोनी ने बताया कि फिलहाल खंडवा अकोला और सनावद के बीच गेज कन्वर्जन का काम चल रहा है और इसी के चलते खंडवा पर प्लेटफॉर्म क्रमांक 4 और 5 तैयार भी हो गए हैं, और यहां ट्रैक भी डल चुका है। उस पर सनावद से खंडवा के बीच ट्रेन भी चल रही है। इसके साथ ही यहां का मीटरगेज का जो क्षेत्र था, वह पहले नांदेड़ डिविजन के अंतर्गत आता था, जिसे अब रेलवे द्वारा भुसावल डिविजन को ट्रांसफर कर दिया गया है। इसीलिए इसमें आने वाले सभी छह स्टेशनों को जोड़ते हुए रेलवे द्वारा यहां पर यार्ड रिमोल्डिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत रेलवे यहां प्री इंटरलॉकिंग का कार्य पिछले 10 दिनों से कर रही है, और आने वाली 21 और 22 तारीख को रेलवे द्वारा यहां पर मेगा ब्लॉक लेकर इस कार्य को पूरा किया जाएगा। इस काम के बाद यहां भुसावल से सीधे खंडवा-सनावद की बीच के ट्रेन के रूट को जोड़ दिया जाएगा, और इस इंटरलॉकिंग के काम के बाद रेलवे द्वारा खंडवा स्टेशन पर आधुनिक सिग्नल प्रणाली का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। मनोज सोनी ने बताया कि चूंकि खंडवा स्टेशन पर कई ट्रैकों को फिलहाल खोल दिया गया है, और उन पर सुधार कार्य किया जा रहा है। इसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे ने यहां ब्लॉक लिया है, और इसी के चलते यहां कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। तो कई ट्रेनों को रतलाम और इटारसी होते हुए डाइवर्ट भी किया गया है। यह फिलहाल अभी 8 से 10 दिनों की परेशानी है, इसके बाद खंडवा स्टेशन से ट्रेनों का संचालन बहुत ही आधुनिक तकनीक के माध्यम से किया जाएगा। इससे रेलवे की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही और ट्रेनों के एक्सीडेंट भी कम होने की संभावना रहेगी, और जो शेन्टिंग या रेलवे के अन्य कार्यों में समय लगता था, उसमें भी अब समय की बचत होगी।    रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Sun, 14 Jul 2024 08: 03 PM IST

खंडवा स्टेशन पर कई ट्रैकों को फिलहाल खोल दिया गया है, और उन पर सुधार कार्य किया जा रहा है। इसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे ने यहां ब्लॉक लिया है, और इसी के चलते यहां कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। खंडवा स्टेशन से ट्रेनों का संचालन हुआ बंद

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यात्रीगण कृपया ध्यान दें! मध्य प्रदेश के दिल्ली-मुंबई मार्ग पर पड़ने वाले, देश के इकलौते चार जोनों को जोड़ने वाले, खंडवा जंक्शन पर फिलहाल ट्रेनों का संचालन लगभग बंद कर दिया गया है, या कई ट्रेनों का रूट डाइवर्ट कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि फिलहाल यहां 30 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया है, तो वहीं इतनी ही ट्रेनों का रूट डायवर्ट करते हुए उन्हें इटारसी या भुसावल के रास्ते से गुजारा जा रहा है। यह स्थिति अगले 8 से 10 दिनों तक रहने वाली है। हालांकि इस दौरान कुछ लंबी दूरी की गाड़ियों को जरूर यहां से गुजारा जाएगा, लेकिन आगामी 21 एवं 22 तारीख को यहां पर मेगा ब्लॉक लिया जाना है। इस दौरान पूरी तरह से ट्रेनों का यहां से संचालन बंद रहेगा।

रेलवे सूत्रों की मानें तो, यह पूरा कार्य गेज कन्वर्जन के बाद सुरक्षा की दृष्टि से करवाया जा रहा है। इसके बाद खंडवा स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन आधुनिक सिग्नल प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। तो वहीं इससे रेलवे की सुरक्षा भी अचूक बनेगी। हालांकि तब तक यात्रियों को कुछ समस्याओं का सामना तो जरूर करना पड़ सकता है।

इधर खंडवा में किए जा रहे हैं। इंटरलॉकिंग और मेगा ब्लॉक को लेकर यहां के रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य मनोज सोनी ने बताया कि फिलहाल खंडवा अकोला और सनावद के बीच गेज कन्वर्जन का काम चल रहा है और इसी के चलते खंडवा पर प्लेटफॉर्म क्रमांक 4 और 5 तैयार भी हो गए हैं, और यहां ट्रैक भी डल चुका है। उस पर सनावद से खंडवा के बीच ट्रेन भी चल रही है। इसके साथ ही यहां का मीटरगेज का जो क्षेत्र था, वह पहले नांदेड़ डिविजन के अंतर्गत आता था, जिसे अब रेलवे द्वारा भुसावल डिविजन को ट्रांसफर कर दिया गया है। इसीलिए इसमें आने वाले सभी छह स्टेशनों को जोड़ते हुए रेलवे द्वारा यहां पर यार्ड रिमोल्डिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत रेलवे यहां प्री इंटरलॉकिंग का कार्य पिछले 10 दिनों से कर रही है, और आने वाली 21 और 22 तारीख को रेलवे द्वारा यहां पर मेगा ब्लॉक लेकर इस कार्य को पूरा किया जाएगा। इस काम के बाद यहां भुसावल से सीधे खंडवा-सनावद की बीच के ट्रेन के रूट को जोड़ दिया जाएगा, और इस इंटरलॉकिंग के काम के बाद रेलवे द्वारा खंडवा स्टेशन पर आधुनिक सिग्नल प्रणाली का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।

मनोज सोनी ने बताया कि चूंकि खंडवा स्टेशन पर कई ट्रैकों को फिलहाल खोल दिया गया है, और उन पर सुधार कार्य किया जा रहा है। इसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे ने यहां ब्लॉक लिया है, और इसी के चलते यहां कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। तो कई ट्रेनों को रतलाम और इटारसी होते हुए डाइवर्ट भी किया गया है। यह फिलहाल अभी 8 से 10 दिनों की परेशानी है, इसके बाद खंडवा स्टेशन से ट्रेनों का संचालन बहुत ही आधुनिक तकनीक के माध्यम से किया जाएगा। इससे रेलवे की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही और ट्रेनों के एक्सीडेंट भी कम होने की संभावना रहेगी, और जो शेन्टिंग या रेलवे के अन्य कार्यों में समय लगता था, उसमें भी अब समय की बचत होगी। 
 

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