न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 15 Jul 2024 07: 15 PM IST
खंडवा जिले के ओंकारेश्वर, बड़वाह, सनावद, भोगांव, थापना कोठी, भोगांवा मोरटक्का में भयानक बारिश के बाद हजारों एकड़ की फसल तबाह हो गई है। एक गांव में नहर और सड़क का एक हिस्सा ही बह गया।
किसानों की फसल बर्बाद होने के पीछे नहर निर्माण में लापरवाही को बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जिस समय नहर का निर्माण किया गया था, अगर नहर के नीचे से पुल बना दिया जाता तो फसलें बर्बाद नहीं होतीं। किसानों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि नहर के नीचे से पानी नहीं निकलने के कारण किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। हजारों हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। शासन को तुरंत इसकी जांच कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में किसानों के सामने काफी आर्थिक संकट गहराएगा।
सनावद से ओम्कारेश्वर सड़क मार्ग कई घंटे रहा
सुरक्षा की दृष्टि से सनावद से ओंकारेश्वर जाने वाले सड़क मार्ग को भोगांव एवं कोठी के बीच बंद कर दिया गया। सभी वाहनों को मोरटक्का होकर ओंकारेश्वर पहुंचाया गया। उल्लेखनीय है कि सोमवार को ओंकारेश्वर सहित आसपास के क्षेत्र में तेज बरसात में पूरी तरह से जनमानस को अस्त-व्यस्त कर दिया। ओंकारेश्वर बांध से निकली मुख्य नहर कोठी एवं भोगांव के बीच में सड़क मार्ग को बड़ी नदी का पानी नहर के नीचे से निकल गया है। पानी की संपूर्ण निकासी नहीं होने के कारण बरसात का पूरा पानी हजारों हेक्टेयर में लगी सोयाबीन, कपास, मूंग, उड़द, मक्का, तुवर की फसलों में घुस गया और फसलों को बर्बाद कर दिया।
किसानों में आक्रोश
किसानों ने बताया कि पानी की गति इतनी इतनी अधिक थी कि फसल को जड़ से उखाड़ के अपने साथ ले गई। इस समस्या को लेकर कोठी भोगांवा थापना के किसानों ने अनेक बार नहर बनने के समय शासन प्रशासन से इस समस्या अवगत कराया, लेकिन नहर के नीचे से पानी की समुचित निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। परिणाम है कि आज फसलें बर्बाद हो गईं। वहीं नहर के तरफ बने सड़क मार्ग का बहुत सा हिस्सा एवं नहर को भी काफी नुकसान हुआ है। सड़क मार्ग भी पूरी तरह से उखड़ गया है। वह तो गनीमत रही कि किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई।
सीएम से मांग
कोठी के वरिष्ठ कृषक लक्ष्मण पटेल, गब्बू यादव, हाऊसीलाल पटेल ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ओंकारेश्वर बांध बनने के बाद जो मुख्य नहर निकली थी, वह हमारे खेतों में से निकली थी। जब नहर बनाई जा रही थी तो हमने कहा था कि इतनी बड़ी नहर बना रहे हो छोटी सी पुलिया बरसात की बाढ़ का पानी निकलोगे तो पानी नहीं निकल पाएगा एवं जल भराव होगा। फसलें डूबेंगी, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। ग्राम थापना कृषक राजा राव पुष्पेंद्र सिंह ने भी कहा कि यह समस्या नहर बनने के बाद बनी है। हमारे गांव के करीब से ही एक मोरगंगा नदी बहती है जो काफी बड़ी नदी है। उसका पानी भी नहर के नीचे से निकल गया है। इतनी बड़ी नदी का पानी नहर के नीचे छोटी सी पुलिया बनाकर कैसा निकल सकता है, लेकिन उसे समय हमारी किसी ने नहीं सुनी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेकर इसकी जांच करवाना चाहिए एवं इस समस्या का निराकरण कर आने वाले भविष्य में इस प्रकार की पुर्नवृत्ति ना हो।
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