Khalistan: गृह मंत्रालय ने आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर प्रतिबंध को 10 जुलाई, 2024 से पांच साल की अवधि के लिए फिर से गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए बढ़ा दिया. सरकार ने इसकी घोषणा मंगलवार को की. गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि एसएफजे को पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, क्योंकि इसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक हैं. इसमें कहा गया है कि एसएफजे पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त है तथा इसका इरादा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है.
Ministry of Home Affairs today extended the ban on the terrorist group Sikhs For Justice (SFJ) declaring it again as an unlawful association for a further period of five years from July 10, 2024. pic.twitter.com/G3nn7jKvMm
— ANI (@ANI) July 9, 2024 प्रतिबंध 10 जुलाई से पांच साल के लिए बढ़ा मंत्रालय ने कहा कि एसएफजे भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को भारत संघ से अलग करने के लिए गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है और उनकी मदद कर रहा है. मंत्रालय के मुताबिक, यह संगठन भारत और अन्य स्थानों पर अलगाववादी समूहों का समर्थन करता है और इसके लिए वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त है जिनकी मंशा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है. अधिसूचना में कहा गया है कि विभिन्न विध्वंसक गतिविधियों में एसएफजे की भूमिका को देखते हुए गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत लगाए गए प्रतिबंध को 10 जुलाई से पांच साल के लिए बढ़ा दिया है.
2019 में सरकार ने संगठन पर लगाया था पहली बार बैन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर 2019 में पहली बार प्रतिबंध लगाया था. सरकार ने इस संगठन को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा माना है.
क्या है सिख फॉर जस्टिस सिख फॉर जस्टिस कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन है, जो पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देता है. गुरपतवंत सिंह पन्नू संगठन का प्रमुख है. गृह मंत्रालय ने पन्नू को सक्रिय रूप से भारत के खिलाफ अलगाववाद का अभियान चलाने और सिख युवकों को आतंकवाद में शामिल होने के लिये उकसाने के आरोपों के चलते आतंकवादी घोषित किया है.
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