न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, कटनी Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 26 Jun 2024 10: 21 PM IST
चार जिले को नर्मदा का जल पहुंचाने वाला बरगी प्रॉजेक्ट 13 साल से अधूरा पड़ा है। प्रोजेक्ट के अंडर ग्राउंड टनल में पेंच फंसा हुआ है। बरगी प्रोजेक्ट – फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण प्रॉजेक्ट में शामिल बरगी व्यपवर्तन परियोजना जिसे कटनी, मैहर, सतना और रीवा जिले तक नर्मदा का जल पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है। जो अपने लक्ष्य से करीब 11 साल पीछे चल रहा है।
दरअसल, बरगी व्यपवर्तन परियोजना चार जिलों में करीब 197 किमी की दूरी में तय करेगी, जिसे पटेल इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा 799 करोड़ की लागत से काम शुरू किया था। लेकिन इसकी लागत बढ़ाते हुए 1100 करोड़ कर दिया गया। बावजूद काम अधर पर अटका पड़ा है।
आपको बता दें, बरगी व्यपवर्तन परियोजना का काम करीब 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जो कटनी के स्लिमनाबाद में बन रही 11.95 किमी लंबी टनल के पूरे होते ही चालू की जा सकती है। हालांकि, इसमें अभी साल भर का वक्त लगने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, बरगी प्रॉजेक्ट साल 2008 से शुरू हुआ था, जिसे साल 2013 तक पूरा हो जाना था। लेकिन 11 साल निकल जाने के बाद भी काम अधूरा पड़ा हुआ है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के ईई सहज श्रीवास्तव बताते हैं, बीते एक दशक में कई बड़े हादसे हुए। इसमें एनएच-30 में 20 फीट चौड़ा और 100 फीट गहरा होल होना, 80 से ज्यादा परिवारों का विस्थापन किया गया और उन्हें भोजन के लिए प्रत्येक सदस्य को दिन का 300 रुपये और किराए के मकान के लिए चार हजार रुपये महीने देना। इसके साथ ही पूरे बरगी परियोजना की खुदाई दौरान करीब 300 बार सिंक होल बनाए गए।
हालांकि, बरगी परियोजना पूरा होते ही कटनी में 21,823 हेक्टयर, मैहर और सतना में एक लाख 59,655 हेक्टयर, जबलपुर में 60 हज़ार हेक्टयर और रीवा में तीन हज़ार 532 हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा होगी। फिलहाल, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इसे जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर निर्देश दिए हैं। ताकि किसानों को खेत के लिए तो आमजन को प्यास मिटाने के लिए नर्मदा का पानी मिल सके।
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