Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले मामले में उनके खिलाफ मुकदमे को मंजूरी देने से संबंधित राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने यह आदेश बिना सोचे-समझे, वैधानिक आदेशों का उल्लंघन करते हुए जारी किया है. इसके साथ ही सिद्धरमैया ने राज्यपाल पर आरोप लगाया है की मंत्रिपरिषद की सलाह समेत भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत बाध्यकारी संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत जारी किया गया है. बताते चलें की कर्नाटका सीएम सिद्धरमैया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत, पूर्वानुमोदन व मंजूरी देने संबंधी 16 अगस्त के आदेश को चुनौती दी.
सिद्धरमैया बोले राज्यपाल का निर्णय कानूनी रूप से अस्थिर है कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करने की जानकारी देते हुए कहा, “माननीय राज्यपाल का निर्णय कानूनी रूप से अस्थिर, प्रक्रियात्मक रूप से त्रुटिपूर्ण है, और इसलिए याचिकाकर्ता ने अन्य राहतों के साथ-साथ 16 अगस्त 2024 के विवादित आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए यह रिट याचिका दायर की है.”
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जानें, क्या है मामला इस मामले में आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था, जिसे MUDA ने ‘अधिगृहीत’ किया था. बताते चलें कि इस मामले में कर्नाटक के सिद्धरमैया की भूमिका की जांच के लिए कुछ दिन पहले राज्यपाल ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी.
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