बीएमआरसीएल के मुआवजे का बताया अपर्याप्त
बता दें, हादसे के बाद बीएमआरसीएल ने लोहितकुमार को बतौर मुआवजे 20 लाख रुपये दिए जाने की बात कही थी. जिसके बाज पीड़ित ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी. न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने याचिका पर सुनवाई की. अपनी याचिका में लोहितकुमार ने कहा कि केवल 20 लाख रुपये का मुआवजा पर्याप्त नहीं है. प्रतिवादियों की निष्क्रियता, अपर्याप्त सुरक्षा उपायों और लापरवाही के कारण मैंने मेरे अपनों को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया. याचिका के अनुसार, सॉफ्टवेयर इंजीनियर तेजस्विनी प्रति माह 75748 रुपये कमा रही थीं. याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है, और यह मुआवजा केवल सुरक्षा कार्य में बरती गई लापरवाही और इस तथ्य को छुपाने के लिए है कि उपस्थित सभी प्रतिवादियों को सुरक्षा सावधानियों की जानकारी नहीं थी. प्रतिवादी सुरक्षा उपायों के प्रति लापरवाह थे, जिसके कारण दो निर्दोष लोगों की जान चली गई.
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