jabalpur-news:-सजा-पूरी-होने-के-बावजूद-क्यों-नहीं-किया-रिहा?-हाईकोर्ट-ने-जेल-प्रशासन-से-किया-जवाब-तलब
high court सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद भी एक दंडित व्यक्ति को जेल से रिहा नहीं किए जाने को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने खंडवा जेल अधीक्षक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता अमोल महाजन, खंडवा निवासी, को एक आपराधिक मामले में सजा दी गई थी, जिसकी अवधि आठ अगस्त को समाप्त हो गई थी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, खंडवा की अदालत ने महाजन को रिहा करने के आदेश दिए थे, लेकिन जेल अधीक्षक ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में जेल अधीक्षक को एक पत्र भेजा था, जिसमें उनके इस कृत्य को अवमानना बताया गया। इसके बावजूद, जब महाजन को रिहा नहीं किया गया, तो यह याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई। याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से प्रस्तुत किया गया कि महाजन को किसी अन्य मामले में सजा हुई है, जिसके कारण वह अभी भी जेल में है। शासन ने इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मोहलत मांगी, जिस पर न्यायालय ने जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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high court

सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद भी एक दंडित व्यक्ति को जेल से रिहा नहीं किए जाने को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने खंडवा जेल अधीक्षक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता अमोल महाजन, खंडवा निवासी, को एक आपराधिक मामले में सजा दी गई थी, जिसकी अवधि आठ अगस्त को समाप्त हो गई थी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, खंडवा की अदालत ने महाजन को रिहा करने के आदेश दिए थे, लेकिन जेल अधीक्षक ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में जेल अधीक्षक को एक पत्र भेजा था, जिसमें उनके इस कृत्य को अवमानना बताया गया। इसके बावजूद, जब महाजन को रिहा नहीं किया गया, तो यह याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई।

याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से प्रस्तुत किया गया कि महाजन को किसी अन्य मामले में सजा हुई है, जिसके कारण वह अभी भी जेल में है। शासन ने इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मोहलत मांगी, जिस पर न्यायालय ने जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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