jabalpur-news:-वेदिका हत्याकांड-मामला,-तथ्य-छिपाने-के-आरोप-में-डॉक्टर-को-छह-महीने-की-सजा
कोर्ट का फैसला - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us जबलपुर जिला सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने बहुचर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड से जुड़े प्रकरण में तथ्य छिपाने के आरोपी डॉक्टर को दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी डॉक्टर को छह महीने की सजा और दो हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर अमित खरे स्मार्ट सिटी अस्पताल बेदी नगर के संचालक हैं। उन्होंने संजीवनी नगर थाना अंतर्गत वेदिका ठाकुर हत्याकांड मामले की चिकित्सा रिपोर्ट पेश करने में लापरवाही की। यह जानते हुए कि गोली मारकर हत्या का प्रयास किया गया है, इसके बाद भी गोली चलाने के आरोपी पूर्व भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा को लाभ पहुंचाने की मंशा से इस तथ्य को विलोपित कर दिया।  चिकित्सीय साक्ष्य का यह विलोपन अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपी ने यह जानते हुए कि वेदिका ठाकुर को गोली लगने से चोट आई है, पुलिस को सूचना देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होने के बावजूद सूचना देने के आशय का लोप किया। गोली लगने के कारण गंभीर रूप से घायल वेदिका की मौत हो गई थी। न्यायालय ने प्रस्तुत किए गए गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी डॉक्टर को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दंडित किया है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोर्ट का फैसला – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

जबलपुर जिला सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने बहुचर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड से जुड़े प्रकरण में तथ्य छिपाने के आरोपी डॉक्टर को दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी डॉक्टर को छह महीने की सजा और दो हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है।

अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर अमित खरे स्मार्ट सिटी अस्पताल बेदी नगर के संचालक हैं। उन्होंने संजीवनी नगर थाना अंतर्गत वेदिका ठाकुर हत्याकांड मामले की चिकित्सा रिपोर्ट पेश करने में लापरवाही की। यह जानते हुए कि गोली मारकर हत्या का प्रयास किया गया है, इसके बाद भी गोली चलाने के आरोपी पूर्व भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा को लाभ पहुंचाने की मंशा से इस तथ्य को विलोपित कर दिया। 

चिकित्सीय साक्ष्य का यह विलोपन अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपी ने यह जानते हुए कि वेदिका ठाकुर को गोली लगने से चोट आई है, पुलिस को सूचना देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होने के बावजूद सूचना देने के आशय का लोप किया। गोली लगने के कारण गंभीर रूप से घायल वेदिका की मौत हो गई थी। न्यायालय ने प्रस्तुत किए गए गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी डॉक्टर को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दंडित किया है।

Posted in MP