हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला
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पिता को तेंदूपत्ता संग्रह के लिए छत्तीसगढ़ ले जाया गया था, तभी से वह लापता है। बेटे ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके पिता को बंधक बनाकर रखा गया है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सक्सेना तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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याचिकाकर्ता रमेश घगटे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसके पिता को अनावेदक दिनेश एडी तीन माह पूर्व छत्तीसगढ़ तेंदूपत्ता तोड़ने के कार्य के लिए ले गये थे। तभी से उनके पिता के संबंध में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पिता के संबंध में जानकारी प्राप्त कर उसने अनावेदक दिनेश से संपर्क किया था। उसके द्वारा भी पिता के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। उसने पिता के लापता होने के संबंध में पुलिस अधिकारियों को भी लिखित शिकायत की थी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है।
याचिका में गृह विभाग, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट तथा दिनेश एडी को अनावेदक बनाया गया था। याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये हैं। याचिका पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता जगदीश प्रसाद ने पैरवी की।
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