jabalpur-news:-ड्यूटी-में-संक्रमित-होने-के-कारण-हुई-मौत,-नहीं-मिला-कोविड-योद्धा-कल्याण-योजना-का-लाभ
विस्तार Follow Us कोविड ड्यूटी के दौरान संक्रमण से ग्रसित होकर पति की मृत्यु होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के आवेदन को अस्वीकार कर दिया। इसके खिलाफ कर्मचारी की विधवा महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने राज्य शासन को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ देने पर निर्णय लें। सागर जिले के राहतगढ़ तहसील की रहने वाली फरीदा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उनके पति कल्लू खान राहतगढ़ नगर पालिका में स्वच्छता सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। कोविड के दौरान उनकी ड्यूटी कोविड संक्रमित वार्ड में लगाई गई थी। जिसके परिणाम स्वरूप उनके पति भी संक्रमित हो गए और उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। नगर पालिका एवं कलेक्टर सागर ने कोविड-19 कल्याण योजना के अंतर्गत 50 लाख का मुआवजा प्रदान करने के लिए योजना के अंतर्गत पात्र पाते हुए प्रकरण राज्य शासन को भेजा। राज्य शासन ने बिना किसी कारण के आवेदन निरस्त कर दिया। इसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता के पति को कोविड संक्रमित वार्ड में स्वच्छता संबंधी कार्य करने आदेशित किया गया था। इसी कारण वे संक्रमित हुए तथा उनकी मृत्यु का कारण भी कोरोना वायरस था। इसलिए याचिकाकर्ता के मुआवजा आवेदन पर विचार करें। 

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कोविड ड्यूटी के दौरान संक्रमण से ग्रसित होकर पति की मृत्यु होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के आवेदन को अस्वीकार कर दिया। इसके खिलाफ कर्मचारी की विधवा महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने राज्य शासन को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ देने पर निर्णय लें।

सागर जिले के राहतगढ़ तहसील की रहने वाली फरीदा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उनके पति कल्लू खान राहतगढ़ नगर पालिका में स्वच्छता सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। कोविड के दौरान उनकी ड्यूटी कोविड संक्रमित वार्ड में लगाई गई थी। जिसके परिणाम स्वरूप उनके पति भी संक्रमित हो गए और उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। नगर पालिका एवं कलेक्टर सागर ने कोविड-19 कल्याण योजना के अंतर्गत 50 लाख का मुआवजा प्रदान करने के लिए योजना के अंतर्गत पात्र पाते हुए प्रकरण राज्य शासन को भेजा। राज्य शासन ने बिना किसी कारण के आवेदन निरस्त कर दिया। इसके कारण उक्त याचिका दायर की गई है। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता के पति को कोविड संक्रमित वार्ड में स्वच्छता संबंधी कार्य करने आदेशित किया गया था। इसी कारण वे संक्रमित हुए तथा उनकी मृत्यु का कारण भी कोरोना वायरस था। इसलिए याचिकाकर्ता के मुआवजा आवेदन पर विचार करें। 

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