विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट बेंच ने गलत शपथ पत्र पेश करने पर लोक शिक्षण आयुक्त  पर एक लाख रुपए की कॉस्ट (जुर्माना) लगाई। जस्टिस राजमोहन सिंह और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने विभाग को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता कंपनी को उसका बकाया राशि का 9 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करे। साथ ही जुर्माने की राशि भी याचिकाकर्ता को देने के निर्देश दिए गए हैं, यह प्रक्रिया एक महीने में पूरी करनी होगी। भोपाल के कल्पना कंस्ट्रक्शन प्रोपराइटर पंकज गुप्ता की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता को तीन कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी और बाद में तीनों का वर्क ऑर्डर मिला। तीनों कार्य पूर्ण हुए तो तीन कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी मिले। दो कार्यों का भुगतान हो गया, लेकिन तीसरे कार्य का दो तिहाई भुगतान रोक दिया गया। इसका कारण फंड की कमी बताया गया। मामले पर सुनवाई के दौरान लोक शिक्षण आयुक्त ने अदालत को गुमराह करने के उद्देश्य से यह शपथ पत्र दिया कि चौथा कार्य अपूर्ण था, इसीलिए तीसरे कार्य का दो तिहाई भुगतान नहीं किया गया। न्यायालय ने इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए कॉस्ट अधिरोपित कर दी और शेष राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। 

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मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट बेंच ने गलत शपथ पत्र पेश करने पर लोक शिक्षण आयुक्त  पर एक लाख रुपए की कॉस्ट (जुर्माना) लगाई। जस्टिस राजमोहन सिंह और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने विभाग को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता कंपनी को उसका बकाया राशि का 9 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करे। साथ ही जुर्माने की राशि भी याचिकाकर्ता को देने के निर्देश दिए गए हैं, यह प्रक्रिया एक महीने में पूरी करनी होगी।

भोपाल के कल्पना कंस्ट्रक्शन प्रोपराइटर पंकज गुप्ता की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता को तीन कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी और बाद में तीनों का वर्क ऑर्डर मिला। तीनों कार्य पूर्ण हुए तो तीन कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी मिले। दो कार्यों का भुगतान हो गया, लेकिन तीसरे कार्य का दो तिहाई भुगतान रोक दिया गया। इसका कारण फंड की कमी बताया गया।

मामले पर सुनवाई के दौरान लोक शिक्षण आयुक्त ने अदालत को गुमराह करने के उद्देश्य से यह शपथ पत्र दिया कि चौथा कार्य अपूर्ण था, इसीलिए तीसरे कार्य का दो तिहाई भुगतान नहीं किया गया। न्यायालय ने इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए कॉस्ट अधिरोपित कर दी और शेष राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। 

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