न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Sun, 28 Jul 2024 07: 21 PM IST
high court
शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान संचालक ने बिना कलेक्टर की सहमति से एसडीएम के आदेश पर अभियोजन प्रारंभ किए जाने को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट ने याचिका की सुनवाई के दौरान माना कि एसडीएम ने अधिकार क्षेत्र के बाहर कार्य किया है। एकलपीठ ने अभियोजन कार्यवाही निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं।
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सागर महाराजपुर निवासी जितेन्द्र पटेरिया की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वे शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान के संचालक हैं। एसडीएम ने कार्यवाही के दौरान उनकी दुकान में आर्थिक अनियमितता पाई थी। आर्थिक अनियमितता की राशि उनके द्वारा सरकारी खाते में जमा कर दी गई थी। एसडीएम के आदेश पर उनके खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि मध्य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 कहता है कि अभियोजन के लिए कलेक्टर की सहमति आवश्यक है। एसडीएम ने कलेक्टर की सहमति के बिना उनके खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही के आदेश दिए हैं। एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए पाया कि एसडीएम ने अधिकार क्षेत्र के बिना कार्य किया है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण करते हुए अभियोजन की कार्यवाही निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं।
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