सांकेतिक तस्वीर – फोटो : Amar Ujala
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जबलपुर के नेपियर टाउन स्थित शासकीय कॉलेज में छात्राओं को फर्जी कॉल कर आपत्तिजनक वीडियो और फोटो के नाम पर ब्लैकमेल किए जाने का मामला सामने आया था। पीड़ित छात्राएं पुलिस के सामने नहीं आ रही हैं। कांग्रेस ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि महिला अधिकारी के नेतृत्व में जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाए।
गौरतलब है कि नेपियर टाउन स्थित महिला शासकीय महाविद्यालय की प्रथम से लेकर तृतीय वर्ष की छात्राओं को विगत चार दिनों से बल्क में मैसेज प्राप्त हुए थे। इसके अलावा उनके पास ऑडियो और वीडियो कॉल भी आए थे। छात्राओं से रुपये की मांग करते हुए धमकी दी जा रही थी कि उनके अश्लील फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें पुलिसकर्मी बनकर धमकी दी गई थी कि उन्होने न्यूड और अश्लील वीडियो किसी व्यक्ति को भेजे हैं। मदन महल पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए केस को विवेचना में लिया है।
मदन महल थाना प्रभारी प्रवीण धुर्वे ने बताया कि अभी तक सिर्फ तीन छात्रों ही सामने आई हैं, जिसके पास इस तरह के फोन आए थे। एक छात्रा द्वारा आरोपी के खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए थे। फोन करने वाले व्यक्ति का स्क्रीन शॉट छात्राओं ने पुलिस को दिया है। आरोपी और उसके खाते के संबंध में जांच की जा रही है।
इस घटना के विरोध में पूर्व विधायक विनय सक्सेना के नेतृत्व में कांग्रेस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग के लिए ज्ञापन सौंपा। पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने बताया कि उनके पास ऐसे साक्ष्य आए हैं, जिसके अनुसार 50 से अधिक छात्राओं ने आरोपी की धमकी से घबराकर उसे रुपये दिए हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक छात्राओं के परिजनों ने छात्राओं को कॉलेज भेजना बंद कर दिया है। पीडित छात्राएं पुलिस के सामने नहीं आ रही हैं। आरोपी को छात्राओं के नंबर कैसे मिले, इसकी जांच भी आवश्यक है। हमने मांग की है कि महिला अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की जाए, जो छात्रों से कॉलेज में मुलाकात कर उनसे चर्चा करे और उनके नाम गोपनीय रखे जाएं।
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