Madhya Pradesh High Court, Jabalpur – Photo: Social Media Detail Follow Us 99913 99999 0707708 0707708 75779 89071 0404391 1198770895461 In the petition filed by retired judicial officer Rajendra Kumar Batham, it was said that he was posted in various districts of the state during judicial service. In the Dewas Labor Court, on April 1 From march 429 After this he was transferred to CJM Rajgarh Beawar. He april 414 retired. Them 506 got information that during his posting in Dewas, government money was withdrawn by opening a fake account in the bank. He had lodged a complaint in this regard with the Dewas police. Police registered a case under various sections and arrested a person named Nar Singh Baghel and Rajendra Bahadur. Four years later, he made one crore Lakh Received notice for embezzlement of thousand. Case was also registered against him in EOW Bhopal. , याचिका में कहा गया है कि एक ही अपराध में दो एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती है। युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि दोनों एफआईआर अलग-अलग आधार पर दायर की गई है। स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच जारी है, अपराधिक प्रकरण में जांच के दौरान न्यायालय को हस्ताक्षेप नहीं करना चाहिए। युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट की अनुमत्ति के बिना नहीं करेंगे भविष्य में हड़ताल…
नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश जाट ने हाईकोर्ट में उपस्थित होकर अंडरटेकिंग पेश की। अंडर हाईकोर्ट में कहा गया है कि नर्सों की हड़ताल को कॉल-ऑफ कर दिया गया है। भविष्य में हाईकोर्ट की अनुमत्ति के बिना हड़ताल नहीं की जाएगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा सरकार को हडड़तालरत नर्सों के खिलाफ कार्रवाई तथा एसोसिएशन के अध्यक्ष को जवाब पेश करने के लिए 15 दिन का समय प्रदान किया है।
गौरतलब है कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने 10 जुलाई से जारी नर्सों की हड़ताल को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि पूर्व में भी हाईकोर्ट ने नर्सों की हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए 24 घंटे में काम पर लौटने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने 14 जुलाई को नर्सों की हड़ताल को अवैधानिक करार देते हुए सरकार को उनके खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए तत्काल काम पर लौटने के संबंध में 14 जुलाई को आदेश जारी कर दिए गए थे। नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के आव्हान पर नर्सों ने हड़ताल की है। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया था कि आवश्यक सेवा मेंटेनेंस एक्ट के तहत हड़तालरत कर्मचारियों के सेवा समाप्त तथा छह महीने के कारावास का प्रावधान है।
सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश जाट को हमदस्त नोटिस जारी करते हुए सरकार को आज उसी दिन तामिल करवाने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा युगलपीठ ने हड़तालरत कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट 24 घंटे में पेश करने आदेश जारी किए थे। याचिका पर मंगलवार को हुई याचिकाकर्ता की तरफ से एसोसिएशन के अध्यक्ष ने युगलपीठ के समक्ष पेश होते हुए अंडरटेकिंग पेश की। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की।
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